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    JK News: भूमिहीनों को जमीन देने का मामला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विरोध कर रहे दलों को घेरा; कह दी बड़ी बात

    By Jagran NewsEdited By: Mohammad Sameer
    Updated: Sat, 08 Jul 2023 05:30 AM (IST)

    JK News उपराज्यपाल ने कहा कि कुछ प्रभावशाली लोग और उनके सहयोगी जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा कर अपने लिए आलीशान मकान और बंगले बनाए हैं सोचते हैं कि गरीब वर्ग को सरकारी संसाधनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्हें यह समझना चाहिए कि ऐसी भेदभावपूर्ण व्यवस्था को पांच अगस्त 2019 को समाप्त हो गई है। अब हम एक संकल्प और एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं।

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    भूमिहीनों को जमीन देने के मामले में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विरोध कर रहे दलों को घेरा।

    राज्य ब्यूरो श्रीनगर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को भूमिहीनों को जमीन देने के प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध कर रहे क्षेत्रीय दलों पर पलटवार करते हुए कहा कि वह दिन लद गए जब यहां जम्मू कश्मीर में कुछ लोग खुद को यहां सरकारी जमीन और पैसे का मालिक समझते थे।

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    उपराज्यपाल ने विरोधियों को घेरा

    आज यहां शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एसकेआइसीसी में राष्ट्रीय वनवासी महोत्वस को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हमने जम्मू कश्मीर में 2711 भूमिहीन परिवारों और बेघरों केा जमीन देने का एलान किया है।

    इससे कुछ लोगों को मिर्ची लगी है और वह इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। मैं इन सभी को बता देना चाहता हूं कि वह दिन लद गए जब वह जम्मू कश्मीर में खुद को सरकारी जमीनों और निधियों का मालिक समझते थे। वह दिन बीत चुके हैं जब यहां राजीनीतिक हितों केा ध्यान में रखते हुए फैसले लिए जाते थे।

    उन्होंने कहा कि हम उन भूमिहीन नागरिकों को भूमि उपलब्ध करा रहे हैं जिनकी अतीत में उपेक्षा की गई थी। वे पीएमएवाई (जी) के तहत पात्र हैं और जल्द ही उनका अपना घर होगा।

    भेदभावपूर्ण व्यवस्था 2019 में समाप्त हो गईः उपराज्यपाल

    कुछ प्रभावशाली लोग और उनके सहयोगी, जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा कर अपने लिए आलीशान मकान और बंगले बनाए हैं, सोचते हैं कि गरीब वर्ग को सरकारी संसाधनों का उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्हें यह समझना चाहिए कि ऐसी भेदभावपूर्ण व्यवस्था को पांच अगस्त 2019 को समाप्त हो गई है।

    अब हम एक संकल्प और एक लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि सरकारी संसाधनों पर पहला अधिकार गरीब से गरीब, दलित, ओबीसी और आदिवासी समुदाय का हो। उपराज्यपाल ने कहा कि जनजातीय मामलों के विभाग के अनुसार, जनजातीय समुदाय भी इस याेजना का लाभार्थी है अौर 40 हजार जनजातीय परिवारों को पीएमएवाई घर आवंटित किए जाएंगे।

    सरकारी रिकार्ड के मुताबिक इनमें से आठ हजार भूमिहीन हैं। उन्हें केवल इसलिए वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि कुछ लोग वंचितों और आदिवासियों तक लाभ पहुंचते नहीं देखना चाहते। हालांकि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किसी का नाम नहीं लिया ,लेकिन उनका इशारा सीधे नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की तरफ था।

    यही दोनों व अन्य क्षेत्रीय दलों के नेता भूमिहीनों का पांच पांच मरला सरकारी जमीन आबंटित करने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना सिवाय जम्मू कश्मीर के पूरे देश में लागू की गई है।

    अब इस योजना को जम्मू कश्मीर में भी लागू किया जा रहा है और कुछ लोगों के पेट में दर्द हा ेरहा है। हरेक के सिर पर छत हो, कोई बेघर न रहे,यही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है और इसे पूरा किया जा रहा है। प्रत्येक भूमिहीन और बेघर परिवार को पांच पांच मरला जमीन दी जा रही है ताकि वह उस पर अपने रहने लायक मकान बना सकें।