आतंकियों की अब खैर नहीं, ऑपरेशन शिवा शुरू; अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए 575 कंपनियां तैनात, पवित्र गुफा की थ्री डी मैपिंग
श्री अमरेश्वर धाम की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा बल ऑपरेशन शिवा चला रहे हैं। 3 जुलाई से शुरू होने वाली इस 38 दिवसीय यात्रा के लिए 575 कंपनियों की तैनाती की जा रही है। आधुनिक निगरानी उपकरण ड्रोन और आरएफआईडी बैंड का उपयोग किया जा रहा है। सेना पुलिस और सीआरपीएफ के क्यूआरटी दस्ते तैनात किए गए हैं। पवित्र गुफा के मार्गों की थ्रीडी मैपिंग की गई है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस बार श्री अमरेश्वर धाम की वार्षिक तीर्थयात्रा को लेकर बेहद कड़े और व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। तीन जुलाई से शुरू होकर 38 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के लिए सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शिवा शुरू किया है। यात्रा मार्ग पर सेना और अर्धसैन्यबलों की कुल 575 कंपनियों की तैनाती की जा रही है।
यात्रा को सुरक्षित, शांत, भयमुक्त संपन्न कराने के लिए अत्याधुनिक निगरानी उपकरण सीसीटीवी कैमरे, विस्फोटकों का पता लगाने में समर्थ अत्याधुनिक सेंसर, ड्रोन और आरएफआईडी बैंड आदि प्रयोग में लाए जा रहे हैं।
किसी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए सेना, पुलिस, सीआरपीएफ और अन्य अर्धसैन्यबलों के क्यूआरटी, क्यूएटी, सीआरटी और एंटी सेबोटाज दस्ते भी तैनात होंगे। खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। पवित्र गुफा की तरफ आने जाने के दोनों मार्गों की थ्रीडी मैपिंग के अलावा बालटाल और पहलगाम में आधार शिविरों व लंगर सेवा स्थलों का सुरक्षा आडिट पूरा किया जा चुका है।
बता दें कि श्री अमरेश्वर धाम को ही श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा का जाता है। इसी गुफा में भगवान शिव ने मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। श्री अमरेश्वर धाम की वार्षिक तीर्थयात्रा 1990 में कश्मीर में आतंकी हिंसा का दौर शुरू होने के साथ ही आतंकियों के निशाने पर रही है।
नुनवन पहलगाम स्थित आधार शिविर 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले वाली जगह यानी बैसरन से कुछ ही दूरी पर है। श्री अमरेश्वर धाम के दो प्रमुख मार्ग हैं, एक पहलगाम और दूसरा बालटाल सोनमर्ग। सुरक्षाबलों की जो तैनाती की जा रही है उसमें सर्वाधिक सीआरपीएफ से संबधित हैं।
इनके अलावा सेना की राष्ट्रीय राइफल्स की भी विभिन्न कंपनियां यात्रा मार्ग और आसपास के पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही हैं। सुरक्षाबलों की तैनाती को 25 जून तक पूरा कर लिया जाएगा।
लखनपुर-जम्मू, जम्मू-उधमपुर-रामबन-बनिहाल-काजीगुंड, काजीगुंड-पहलगाम-पवित्र गुफा, काजीगुंड-श्रीनगर-गांदरबल-बालटाल मार्ग पर चिह्नित स्थानों पर विशेष नाके और पढ़ताल चौकियां स्थापित की जा रही हैं। यात्रा मार्ग पर चौबीस घंटे सुरक्षाबलों की गश्त रहेगी।
ड्रोन और हेलीकाप्टर का नियमित प्रयोग होगायात्रा के दौरान यात्रा मार्ग की निगरानी के लिए ड्रोन और हेलीकाप्टर का नियमित प्रयोग होगा। सभी आधार और यात्री शिविरों पर तीर्थयात्रियों की जांच के लिए बाडी स्कैनर, सीसीटीवी कैमरे और चौबीस निगरानी सहित तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी।
सभी पंजीकृत तीर्थयात्रियों को आरएफआईडी टैग दिए जाएंगे, जिससे उनकी वास्तविक समय पर ट्रैकिंग संभव हो सकेगी। यात्रा मार्ग और उसके आसपास की बस्तियों में आतंकी खतरे का भी लगातार आकलन कर तदनुसार कार्रवाई की जा रही है। संबंधित थाना प्रभारियों को अपने आपने कार्याधिकार क्षेत्र में सभी शरारती और संदिग्ध तत्वों की निगरानी का आदेश दिया है।
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