शिक्षक के वेश में आतंकी... लश्कर के लिए करते थे काम; LG मनोज सिन्हा का दो कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादियों से कथित संबंधों के चलते दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है। पिछले पांच वर्षों में, लगभग 80 सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। यह कार्रवाई आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' नीति का हिस्सा है।
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LG मनोज सिन्हा ने दो कर्मचारियों को नौकरी से हटाया। फाइल फोटो
पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को दो सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि एलजी सिन्हा ने दोनों कर्मचारियों को आतंकवादियों से कथित संबंधों के चलते बर्खास्त कर दिया है।
बता दें कि पिछले पांच वर्षों में उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा संविधान के अनुच्छेद-311 का हवाला देकर अब तक लगभग 80 सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई एलजी सिन्हा की आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' नीति और जम्मू-कश्मीर में आतंकी तंत्र पर व्यापक कार्रवाई का हिस्सा है।
अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल ने गुलाम हुसैन और माजिद इकबाल डार, दोनों शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दीं। दोनों कर्मचारी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) संगठन की गतिविधियों का समर्थन करने में सक्रिय रूप से शामिल पाए गए थे।
लश्कर के लिए कर रहे थे काम
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर को व्हाइट कॉलर आतंकियों (आतंकियों व अलगाववादियों की मदद करने व आतंकी गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले सरकारी कर्मी व अधिकारी) मुक्ति दिलाने के अपने अभियान को जारी रखते हुए गुरुवार को शिक्षा विभाग के दो कर्मियों को बर्खास्त कर दिया। यह दोनों लश्कर ए तैयबा के लिए काम कर रहे थे।
मौजूदा वर्ष में यह चौथा अवसर है जब उपराज्यपाल ने सरकारी विभागों में छिपे आतंकियों के मददगारों की सेवाएं समाप्त की हैं। इससे पूर्व 22 अगस्त को दो , तीन जून को तीन व 15 फरवरी को आतंकियों के मददगार तीन सरकारी कर्मियों की सेवाएं समाप्त की थी।
छात्रों को बना रहे थे आतंकी
इन व्हाउट कॉलर आतंकियों की सेवाओं को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के प्रविधान दो के तहत समाप्त किया गया है। बीते पांच वर्ष में अब तक ऐसे 87सरकारी अधिकारियों व कर्मियों की सेवाएं समाप्त की हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया गुलाम हुसैन और माजिद इकबाल डार दोनों जिस थाली में खा रहे थे।
उसी में छेद कर रहे थे। यह दोनों राष्ट्रीय एकता, अखंडता और समाज के लिए अत्यंत खतरनाक हैं, क्योंकि यह शिक्षा विभाग में हैं और वहां यह छात्रों को एक सभ्य व राष्ट्रभक्त नागरिक बनाने के बजाय उन्हें आतंकी बनाने में लगे थे। यह सैकड़ों बच्चों की जान को जोखिम में डाल, समाज को खोखला कर रहे थे।

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