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    कुलगाम में आतंकी हमला, रिटायर्ड सैनिक की गोली लगने से मौत; पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल

    दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने एक पूर्व सैनिक और उसके परिवार पर हमला कर दिया जिसमें पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वगे की मौत हो गई और उनकी पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह घटना बेहीबाग इलाके में हुई। पुलिस ने मंजूर अहमद की मौत की पुष्टि की है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

    By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Mon, 03 Feb 2025 03:50 PM (IST)
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    भूतपूर्व सैनिक मंजूर अहमद वगे की गोली लगने से मौत

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सोमवार को आतंकियों ने घर में घुसकर एक पूर्व सैन्य कर्मी की हत्या कर दी। हमले में उसकी पत्नी और भतीजी घायल हो गई। उसकी पत्नी की टांग में गोली लगी है।

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    सुरक्षाबलों ने हमले में शामिल आतंकियों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए हमलावरों को कठोर दंड का यकीन दिलाया है।

    किसी भी आतंकी संगठन ने नहीं ली जिम्मेदारी

    देर शाम तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस वारदात की जिम्मेदारी नहीं ली थी। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, वारदात में लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन टीआरएफ या फिर जैश-ए-मोहम्मद के मुखौटा संगठन पीएएफएफ का हाथ हो सकता है।

    इस वर्ष कश्मीर में आतंकियों द्वारा किसी नागरिक, किसी प्रवासी श्रमिक या किसी सेवारत और पूर्व सुरक्षाकर्मी की हत्या की पहली वारदात है।

    2021 में सेवानिवृत्त हुए थे मंजूर अहमद

    आतंकी हमले में मारे गए पूर्व सैन्यकर्मी का नाम मंजूर अहमद वागे है। वह वर्ष 2021 में सेना में लांस नायक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। हमले में उनकी पत्नी अमीना और भतीजी सानिया घायल है। सानिया की उम्र 13 वर्ष है।

    पुलिस के अनुसार कुलगाम के साथ सटे बेहीबाग में दोपहर करीब सवा एक बजे मंजूर अहमद अपने घर के आंगन में बैठे थे। अचानक उनके घर के दरवाजे पर दस्तक हुई। उन्होंने दरवाजा खोला तो दो आतंकी घर में घुस आए। एक या दो आतंकी घर के बाहर रहे। 

    आतंकियों ने उन्हें देखते ही अपने स्वचालित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की आवाज सुनकर उनकी पत्नी अमीना और भतीजी सानिया बाहर निकली तो आतंकियों ने उन पर भी गोली चला दी। मंजूर, अमीना और सानिया तीनों वहीं पर गिर पड़े। इसके बाद आतंकी भाग निकले।

    पेट, टांग और सीने में लगी थीं गोलियां

    आतंकियों के भागने के बाद मंजूर अहमद की मां और बच्चों ने मदद के लिए पड़ोसियों को बुलाया। इस बीच, गोलियों की आवाज सुनकर निकटवर्ती इलाके में मौजूद सुरक्षाकर्मी भी पहुंच गए। सुरक्षाकर्मियों ने तीनों घायलों को निकटवर्ती जिला अस्पताल में पहुंचाया।

    यहां से डॉक्टरों ने मंजूर अहमद को श्रीनगर के अस्पताल में रेफर कर दिया, लेकिन श्रीनगर पहुंचने से पहले उन्होंने रास्ते में दम तोड़ गया। मंजूर के पेट, टांग और सीने में गोलियां लगी थीं। उनकी पत्नी की टांग और भतीजी के हाथ में गोली लगी है। दोनों की हालत स्थिर और खतरे से बाहर बताई जा रही है।

    घर में पत्नी, बूढ़ी मां और पांच बच्चे बचे

    मंजूर अहमद के परिवार में अब उसकी पत्नी और बूढ़ी मां जैना बेगम के अलावा उनके पांच बच्चे रह गए हैं। उसकी चार बेटियां चाहत, रौनक, आरजू और आबरू के अलावा छह वर्षीय बेटा मोहसिन है। बड़ी बेटी की आयु 14 वर्ष है।

    वह अपने घर में अकेला कमाने वाला था। उसके पड़ोसियों ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि हत्यारों ने एक नहीं, बल्कि छह लोगों क जान ली है। उन्होंने उसकी बुजुर्ग मां और पांच मासूम बच्चों से उनका एकमात्र सहारा छीन लिया है।

    इलाके में डर और तनाव का वातावरण

    आतंकियों द्वारा पूर्व सैन्यकर्मी की हत्या के बाद से पूरे इलाके में डर और तनाव का वातावरण पैदा हो गया है। पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर बेहीबाग व उसके साथ सटे इलाकों की घेराबंदी कर एक तलाशी अभियान चलाया है।

    पूरा देश इस दुख की घड़ी में शोकाकुल परिवार के साथ खड़ा है। मैंने अधिकारियों को घायलों को सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान करने का निर्देश दिया है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस कायरतापूर्ण हमले के अपराधियों को जल्द ही दंडित किया जाएगा।

    मनोज सिन्हा, उपराज्यपाल