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    जम्मू-कश्मीर में पिछले चार साल से एक्टिव था आतंकी मूसा, दो साल में आठ जवान सहित 46 लोगों की ली जान

    Updated: Tue, 29 Jul 2025 10:57 AM (IST)

    श्रीनगर में मुठभेड़ में मारा गया सुलेमानी नामक आतंकी पिछले चार वर्षों से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था। वह पहले पाकिस्तानी सेना के स्पेशल स्ट्राइक ग्रुप का कमांडो था और उसने कई हमलों में भाग लिया था जिनमें 2023 में पुंछ में हुआ हमला भी शामिल है जिसमें पांच सैन्यकर्मी शहीद हुए थे। सुरक्षा एजेंसियों को उसकी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली जिसके बाद मुठभेड़ में उसे मार गिराया गया।

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    जम्मू-कश्मीर में पिछले चार साल से एक्टिव था आतंकी मूसा (सुलेमानी फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। Operation Mahadev: सुलेमानी उर्फ सुलेमान उर्फ हाशिम मूसा सुरक्षाबलों की नजर में 21 दिसंबर 2023 को उस समय आया,जब पुंछ के डीकेजी सेक्टर मं एक सैन्य वाहन पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। हमले में पांच सैन्यकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे।

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    लेकिन सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों की मानें तो वह वर्ष 2022 के अंत में गुलाम-कश्मीर से जम्मू कश्मीर में राजौरी-पुुंछ के बीच सेक्टर के रास्ते घुसपैठ कर दाखिल हुआ था।

    उसके साथ पांच आतंकी और थे। लश्कर-ए-तैयबा का जिहादी बनने से पहले वह पाकिस्तानी सेना के स्पेशल स्ट्राइक ग्रुप जिसे एसएसजी कहते हैं, का कमांडो था। उसने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के अलावा पुंछ में एलओसी पर स्थित भारतीय चौकियों पर बैट हमलों में हिस्सा लिया है।

    सूत्रों के अनुसार, पुंछ में सुरक्षाबलों का दबाव बढ़ने के बाद वह कश्मीर घाटी में दाखिल हो गया और कुछ समय तक वह शोपियां, बडगाम और कुलगाम में सक्रिय रहा। उसने कुलगाम के रहने वाले लश्कर आतंकी जुनैद रमजान बट को अपने गुट में शामिल किया।

    उसने जुनैद के साथ मिलकर कुलगाम के ऊपरी जंगल में सेना के एक गश्तीदल पर हमला किया था, जिसमें तीन सैन्यकर्मी बलिदान हुए थे। इस हमले में दो और स्थानीय आतंकी शामिल थे। इसके बाद सुलेमानी अपने दो पाकिस्तानी साथियों और जुनैद को लेकर त्राल चला गया था और त्राल कुछ दिन रहने के बाद उसने हारवन दाचीगाम में अपना एक ठिकाना बनाया।

    इसी ठिकाने से उसने 20 अक्टूबर 2024 को श्रीनगर-जोजि ला मार्ग पर स्थित गगनगीर में सोनमर्ग सुरंग के निर्माण में जुटे लोगों पर हमला किया था। इसमें सात लोग मारे गए थे।

    पांच सैन्यकर्मी हुए थे बलिदान

    इस हमले बाद वह सफापोरा बांदीपोरा के रास्ते गुलमर्ग की तरफ चला गया। इसके बाद उसने 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग के बोटापथरी में एक सैन्य दल पर हमला किया,जिसमें पांच सैन्यकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे। इस हमले मं आतंकियों ने आरपीजी ग्रेनेड का इस्तेमाल किया था।

    बताया जाता है कि बोटापथरी हमले के बाद सुुलेमानी अपने साथियों संग हारवन की तरफ चला गया हालांकि अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बताया जाता है कि यह दल एक कार का भी इस्तेमाल करता रहा है।

    सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थलों से जुटाए सुराग

    सुरक्षा एजेंसियों विभिन्न घटनास्थलों से जुटाए गए सुरागों के आधार पर चिह्नित किया था कि यह दल हारवन के जंगलों में कहीं ठिकाना बना रहा है।

    इसी सुराग के आधार पर सुरक्षाबलों ने हारवन के विभिन्न इलाकों में अपनी चौकसी बढ़ाई और दो दिसंबर 2024 को जुनैद को हारवन के ऊपरी क्षेत्र में मार गिराया, लेकिन उसके अन्य साथी जिनमें सुलेमानी और हाशिम भी शामिल थे,बच निकले थे।

    सूत्रों की मानें तो सुलेमानी हारवन के ऊपरी इलाके में ही ज्यादातर रहता था और बीच में कभी-कभार त्राल जाता था। अप्रैल में पहलगाम हमले से पहले से दो से तीन बार त्राल में देखा गया था। पहलगाम हमले के सिलसिले में पकड़े गए दो स्थानीय नागरिकों परवेज और बशीर ने भी उसके पहलगाम हमले में शामिल होने की पुष्टि की है।