J&K: मुन्ना बिहारी के मरने से जैश को पहुंचा धक्का, वाहन बम-आइईडी बनाने में विशेषज्ञ था मुन्ना
उसने ही 14 फरवरी को पुलवामा हमले में इस्तेमाल वाहन बम को तैयार करने में अहम भूमिका निभायी थी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। बनिहाल और अरिहाल वाहन धमाकों के साजिशकर्त्ता जैश कमांडर मुन्ना बिहारी समेत दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने शनिवार को दक्षिण कश्मीर के बोनबाजार, शोपियां में हुई एक मुठभेड़ में मार गिराया। मुठभेड़ के बाद पैदा हुए तनाव और विभिन्न इलाकों में आतंकी समर्थक तत्वों व सुरक्षाबलों के बीच हुई छिट पुट हिंसक झड़पों को देखते हुए प्रशासन ने पूरे इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को भी बंद कर दिया है।
मुन्ना के मारे जाने से कश्मीर में वाहन बम और आईइडी धमाकों को अंजाम देने के जैश-ए-मोहम्मद के मंसूबों को भारी धक्का पहुंचा है। वह कश्मीर में सक्रिय उन गिने-चुने आतंकियों में से एक था, जो वाहन बम और आइईडी बनाने में विशेषज्ञ माने जाते हैं। उसने ही 14 फरवरी को पुलवामा हमले में इस्तेमाल वाहन बम को तैयार करने में अहम भूमिका निभायी थी। इसके बाद 30 मार्च को श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर बनिहाल के निकट हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा सीआरपीएफ काफिले पर हमले के लिए जिस कारबम का इस्तेमाल किया गया था, उसे तैयार करने में भी मुन्ना ही शामिल था।
अरिहाल धमाके में भी था मुन्ना का हाथ
गत माह 17 जून को अरिहाल पुलवामा में सैन्य वाहन को उड़ाने में जिस वाहन को आतंकियों ने इस्तेमाल किया था, वह भी उसने ही तैयार किया था। इस धमाके में 17 सैन्यकर्मी और दो नागरिक जख्मी हुए थे। बनिहाल हमले में लिप्त आतंकी उवैस ने पूछताछ में बताया था कि मुन्ना हिज्ब कमांडर रियाज नायकू के कहने पर तीन से चार और वाहनबम तैयार करने में जुटा हुआ है। इसकी पुष्टि आईजी जम्मू रेंज एमके सिन्हा ने भी की थी और उनहोंने कहा था कि मुन्ना बिहारी ने कारबम तैयार किया है। संबधित अधिकारियों के मुताबिक,मुन्ना ने बीते छह माह के दौरान शोपियां,पुलवामा,कुलगाम और अनंतनाग में करीब एक दर्जन युवकों को जैश व हिज्ब में भर्ती होने के लिए तैयार किया है। वह नए आतंकियों को आइईडी तैयार करने, वाहन बम बनाने की ट्रेनिंग भी देता था।
पाकिस्तान का रहने वाला था मुन्ना बिहारी
मुन्ना पाकिस्तान का रहने वाला था जबकि उसके साथ मारा गया दूसरा आतंकी तुरकवांगन शोपियां का रहने वाला जीनत इश्फाक मीर उर्फ जीनत उल इस्लाम है। जीनत को जैश-ए-मोहम्मद ने शोपियां-पुलवामा का डीविजनल कमांडर बनाया था। मुन्ना पर सात लाख और जीनत पर पांच लाख का ईनाम घोषित था। मारे गए दोनों आतंकी सुरक्षबलों पर हमले की विभिन्न वारदातों के अलावा पंच5सरपंचों से मारपीट और छह नागरिक हत्याओं में पुलिस को वांछित थे।
सांवला होने की वजह से बिहारी कहते थे लोग
मुन्ना लाहौरी जिसे कश्मीर में मुन्ना बिहारी के नाम से भी जाना था वास्तव में पाकिस्तान का निवासी था। जम्मू-कश्मीर सहित भारत के दूसरे राज्यों में आतंकवाद की जड़ों को फैलाने के लिए ही जैश-ए-मोहम्मद ने उसे कश्मीर भेजा था। खूंखार आतंकी मुन्ना लाहौरी देखने में सांवला और गौरखों की तरह दिखता था। दूसरे विदेशी आतंकवादियों के मुकाबले वह छोटा और काफी फुर्तीला भी था। उसकी इस कदकाठी और हुलिए के कारण ही घाटी में वह मुन्ना बिहारी के नाम से कुख्यात था। जैश-ए-मोहम्मद का यह टाॅप कमांडेंट आइईडी बनाने का विशेषज्ञ था। दरअसल आइईडी बनाने के लिए बेहतर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है परंतु मुन्ना आम जरूरत की चीजों का इस्तेमाल कर ही विस्फोटक तैयार कर लेता था। यह सामान आसानी से बाजार में मिल जाता था।
बोनबाजार में छिपे थे ये आतंकी
शोपियां से मिली जानकारी के अनुसार, सुरक्षाबलों को अपने तंत्र से पता चला था कि जैश ए मोहम्मद के आतंकी बोनबाजार में छिपे हुए हैं। इन आतंकियों को पकड़ने के लिए सेना की 44 आरआर, सीआरपीएफ और पुलिस के एक संयुक्त कार्यदल के साथ 23 पैरा के कमांडो दस्ते ने आज तड़के एक तलाशी अभियान चलाया। तलाशी लेते हुए जवान जैसे ही बांडे मोहल्ले में एक मकान के पास पहुंचे, तो वहां छिपे बेठे आतंकियों ने उन पर फायर कर दिया। जवानों ने भी खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया। इसके साथ ही पूरा इलाका गोलियों की आवाज से गूंज उठा। आतंकियों ने मुठभेड़ के दौरान अपना ठिकाना छोड़ निकटवर्ती एक शेड में शरण ली। बताया जाता है कि यह शेड सज्जाद नामक व्यक्ति का है। कुछ लोगों के मुताबिक, आतंकी उसके ही घर में रुके थे। लेकिन पुलिस ने इस तथ्य की पुष्टि नहीं की है। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को भागने का कोई मौका नहीं दिया। साढ़े आठ बजे आतंकियों की तरफ से अंतिम गोली चली।
मुठभेड़ के दौरान समर्थक हिंसा पर उतर आए
इस दौरान आतंकियों के समर्थक तत्वों ने भड़काऊ नारेबाजी करते हुए मुठभेड़स्थल पर जमा होकर, सुरक्षाबलों के अभियान में व्यवधान भी डालने का प्रयास किया। लेकिन जवानों ने उन्हें नाकाम बना दिया। इस दौरान नारेबाजी कर रहे तत्वों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झढ़पें भी हुई। लगभग आधा घंटे तक जब आतंकियों की तरफ से कोई फायरिंग नहीं हुई तो सुरक्षाबलों ने सावधानी पूर्वक आगे बढ़ते हुए मुठभेड़ स्थल की तलाशी ली। उन्हें वहां गोलियों से छलनी दो आतंकियों के शव मिले।
मुन्ना-जीनत के मरने के बाद तनावपूर्ण हो गई स्थिति
मुठभेड़ में मारे गए एक आतंकी की पहचान मुन्ना लाहौरी जिसे मुन्ना बिहारी भी कहते थे, के रुप में हुई और दूसरे की पहचान तुरकवांगन शोपियां के जीनत इश्फाक के रुप में हुई है। स्थानीय लोगों तक भी जब यह जानकारी पहुंची की मुठभेड़ में मारे जाने वाला आतंकी मुन्ना और जीनत है, पहले से तनावपूर्ण स्थिति और विकट हो गई। बड़ी संख्या में युवक घरों से बाहर निकल आए और उन्होंने पथराव शुरु कर दिया। उन्हें काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को भी हल्का बल प्रयोग करना पड़ा।
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