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    पुलवामा: आतंकी मददगार दोषी करार, जुर्माने के साथ चार साल की कैद; सुरक्षाबलों पर हमले का रचा था षडयंत्र

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 10:52 PM (IST)

    एनआईए अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत ने पुलवामा के आतंकी शरणदाता जमीर सादिक लोन को चार वर्ष चार माह की कैद की सजा सुनाई है। उस पर दस हजार रुपये का जु ...और पढ़ें

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    पुलवामा: आतंकी मददगार दोषी करार। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। एनआईए अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत ने गुरुवार को पुलवामा के एक आतंकी शरणदाता जमीर सादिक लोन को चार वर्ष चार माह की कैद की सजा सुनाते हुए उसे दस हजार रुपये का जुर्माना भी किया है। उसे आतंकियों की मदद करने और नागरिकों व सुरक्षाबलों पर हमले का षडयंत्र रचने और उन पर जानलेवा हमला करने का दोषी ठहराया गया है।

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    जिला पुलवामा में टिकन पुलवामा का रहने वाला जमीर सादिक लोन आतंकियों का एक नामी ओवरग्राउंड वर्कर है। दिसंबर 2020 में उसने एक हमले के षडयंत्र को अमली जामा पहनाने के लिए अपने घर में अल-बदर के तीन आतंकियों अरीगाम के मेहराजुदीन लोन, डाडरसर त्राल के उमर अली और सुगन शोपियां के उमर फारूक को ठहराया था।

    इससे पहले कि यह सुरक्षाबलों पर हमले को अंजाम देते,सुरक्षाबलों को इनकी मौजूदगी का पता चल गया। सुरक्षाबलों नेआतंिकयों को घेरते हुए सरेंडर के लिए कहा। आतंकियों ने सुरक्षाबलों की घेराबंदी तोड़ भागने के लिए फायरिंग की।

    सुरक्षाबलों ने भी जवाबी फायर किया और इसके बाद हुई भीषण मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए जबकि जमीर सादिक लोन जख्मी हालत मेंपकड़ा गया। पुलिस प्रवक्ताने बताया इस पूरे मामले की गहन जांच की गई और जमीर सादिक लोन को आतंकियों का मददगार पाया गया।उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले की जांच पहले डीएसपी मोहम्मद शफी और बाद में डीएसपी शौकत रफीक ने की।

    उन्होंने इस मामले में सभी आवश्यक सुबूत जमा किए और 27 अप्रैल 2022 को अदालत में चालान पेश किया गया। इसके बाद पहली जून 2022 को आरोपित के खिलाफ आरोप तय किए। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जमीर सादिक लोन ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए सुनवाई में हिस्सा लिया।

    उसने अपना अपराध कबूल किया और आतंकियों के साथ अपने रिश्तों का पूरा ब्यौरा भी दिया। अदालत ने उसके खिलाफ सभी सुबूतों, उसके घायल होने व पकडे जाने की परिस्थितियों का संज्ञान लेते हुए उसे चार वर्ष चार माह की जेल और 10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है।