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    कश्मीर में कुचले जाएंगे आतंकी, अमित शाह ने Zero Terror Plan को लागू करने के दिए निर्देश; जानिए बैठक की मुख्य बातें

    केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवाद को कुचलने के निर्देश दिए। उन्होंने जीरो टेरर प्लान को लागू करने और सूचना तंत्र को मजबूत बनाने पर जोर दिया। श्री अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों का भी जायजा लिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का हर हाल में पूरी तरह से सफाया करना है।

    By naveen sharma Edited By: Sushil Kumar Updated: Tue, 08 Apr 2025 09:29 PM (IST)
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    अमित शाह ने की सुरक्षा समीक्षा की बैठक। फोटो एक्स

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू कश्मीर में सिर उठाने का प्रयास कर रहे आतंकवाद को कठोरता से कुचलने का निर्देश देते हुए उन्हें सजगता, सूचना, समन्वय और संहार के मूलमंत्र के जीरो टेरर प्लान को लागू करने के लिए कहा।

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    उन्होंने यह निर्देश आज यहां राजभवन में आयोजित एकीकृत मुख्यालय में जम्मू कश्मीर के मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लेते हुए दिए। उन्होंने तीन जुलाई से नौ अगस्त 2025 तक जारी रहने वाले श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा के सुरक्षा की तैयारियों का भी जायजा लिया।

    उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गत रविवार से जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे। वह गत सोमवार को ही यहां श्रीनगर पहुंचे और आज शाम दिल्ली वापस लौटे हैं। आज उन्होंने श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में दो बैठकों की अध्यक्षता की।

    एक बैठक जम्मू कश्मीर के विकासात्मक परिदृश्य से संबधित रही और दूसरी सुरक्षा मामलों पर केंद्रित एकीकृत मुख्यालय की बैठक थी। एकीकृत मुख्यालय की बैठक में उम्मीद के अनुरूप मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला शामिल नहीं हुए, क्योंकि मौजूदा परिस्थिति में जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा व संबंधित मामले प्रदेश सरकार के कार्याधिकार क्षेत्र से बाहर हैं।

    जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी बैठक में मौजूद रहे।

    अमित शाह ने फिर की सुरक्षा समीक्षा बैठक

    राजभवन में दोपहर बाद शुरू हुई एकीकृत मुख्यालय की बैठक में थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी समेत सेना, केंद्रीय अर्धसैन्यबलों, केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक समेत 29 अधिकारियों ने भाग लिया।

    मौजूदा वर्ष के दौरान जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य पर केंद्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली यह पांचवीं बैठक है। इससे पहले जनवरी और फरवरी में दो-दो बार हुई सुरक्षा समीक्षा बैठकें दिल्ली में बुलाई गई थीं।

    संबंधित अधिकारियों ने बताया कि बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यहां कानून व्यवस्थ को बनाए रखना हमारी पहली प्राथमिकता है।

    राष्ट्रविरोधी तत्वों के प्रति शून्य सहिष्णुता और जीरो टेरर की नीति को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने सूचना तंत्र को और मजबूत बनाए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि सजगता और सूचना के सहारे हम दुश्मन के इरादों का पहले ही पता लगाकर उन्हें नाकाम बना सकते हैं। इससे हमें आतंकियों की भर्ती को समाप्त करने और युवाओं को गुमराह होने से बचाने का भी पूरा मौका मिलेगा।

    आतंकवाद को कुचलने के लिए दिए निर्देश

    सूत्रों ने बताया कि बैठक में जम्मू-कश्मीर में कई इलाकों में फिर से आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी, सीमा पार आतंकियों की घुसपैठ में बढ़ोतरी, सीमा पार से हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी और सीमा पार विशेषकर गुलाम जम्मू कश्मीर में आतंकियों के लॉन्चिंग पैड के पुन: सक्रिय होने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई।

    कठुआ, राजौरी-पुंछ और रामबन-किश्तवाड़ रेंज में सक्रिय आतंकियों के सफाए के लिए एक विशेष अभियान चलाने और क्षेत्र विशेष में आतंकी गतिविधियों के आकलन के आधार पर आवश्यकतानुसार सुरक्षाबलों की तैनाती पर भी विचार विमर्श किया गया। सीमावर्ती इलाकों में वीडीजी को पूरी तरह से सक्रिय बनाने के विभिन्न उपायों पर भी चर्चा हुई।

    साजिश की दी रिपोर्ट

    उन्होंने बताया कि बैठक में मौजूद सैन्याधिकारियों और सीमा सुरक्षाबल के अधिकारियों ने सीमा सुरक्षा, घुसपैठ की घटनाओं, घुसपैठरोधी तंत्र और आतंकरोधी अभियानों से गृहमंत्री को अवगत कराया।

    सीआरपीएफ के महानिदेशक जीपी सिंह, बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी, आईटीबीपी महानिदेशक राहुल रसगोत्रा ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाए गए आंतरिक सुरक्षा उपायों के बारे में स्थिति रिपोर्ट पेश की।

    एनआईए के महानिदेशक, आईबी के विशेष निदेशक महेश दीक्षित और अतिरिक्त सचिव सुनील आचार्य भी बैठक में मौजूद थे। खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा देने और अलगाववादी राजनीतिक दलों को फिर से खड़ा करने के लिए पाकिस्तान द्वारा रचे जा रहे षडयंत्रों के बारे में रिपोर्ट दी।

    आतंकवाद का इकोसिस्टम होगा ध्वस्त

    बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार जम्मू और कश्मीर में चिरस्थायी शांति स्थापित करने और आतंकवाद का पूरी तरह सफाया करने के प्रति कटिबद्ध है।

    उन्होंने आतंकी घटनाओं घुसपैठ और आतंकवादी संगठनों में युवाओं की भर्ती में उल्लेखनीय कमी के लिए सुरक्षा एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की।

    उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराते हुए कहा कि मोदी सरकार के निरंतर और समन्वित प्रयासों के कारण जम्मू और कश्मीर में देश के शत्रुओं द्वारा पोषित आतंकवाद का पूरा इकोसिस्टम ध्वस्त हो गया है।

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