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    टेरर फंडिंग केस: हिजबुल चीफ सलाहुद्दीन के बेटों को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका; याचिका खारिज

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 08:47 PM (IST)

    दिल्ली हाईकोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन के बेटों शाहिद यूसुफ और सैयद अहमद शकील की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट न ...और पढ़ें

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    टेरर फंडिंग मामला: सलाहुद्दीन के बेटों को हाईकोर्ट से झटका, याचिका रद।

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में आरोप तय करने को चुनौती देने वाली हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सैयद सलाहुद्दीन के बेटों शाहिद यूसुफ और सैयद अहमद शकील सहित अन्य की याचिका मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी।

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    न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने कहा कि आरोपित के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश इंटरलोक्यूटरी प्रकृति का है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की धारा-21 के तहत अपील में इसे चुनौती नहीं दी जा सकती। न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने कहा कि धारा 21 (एक) में 'आदेश' शब्द का मतलब अंतिम आदेश है, न कि इंटरलोक्यूटरी या इंटरमीडिएट आदेश।

    कोर्ट ने कहा कि अंतिम आदेश के मुकाबले आरोप तय करने का आदेश एक इंटरलोक्यूटरी आदेश है, क्योंकि यह किसी भी कार्यवाही का अंतिम फैसला नहीं करता है। 'इंटरमीडिएट आदेश' शब्द रिविजनल ज्यूरिस्डिक्शन का एक कांसेप्ट है, जिसे तथ्यों और कानून दोनों के आधार पर 'अपील' शब्द की व्याख्या करते समय लागू नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि एनआईए अधिनियम की धारा-21 के तहत ये अपीलें सुनवाई योग्य नहीं हैं और धारा-21 आदेश, फैसले और सजा के खिलाफ अपील की अनुमति देती है।

    एनआईए के अनुसार, यूसुफ और शकील दोनों हिजबुल मुजाहिदीन के सुप्रीम कमांडर सैयद सलाहुद्दीन के बेटे हैं। शाहिद यूसुफ को इस मामले में 24 अक्टूबर 2017 को गिरफ्तार किया गया था, जबकि शकील को 30 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने शकील पर आरोप लगाया कि उसने आपराधिक साजिश के तहत और एक सह आरोपित और हिजबुल मुजाहिदीन के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर आतंकवादी गिरोह के सदस्य के रूप में काम किया।

    उसने सऊदी अरब से फंड जुटाकर हिजबुल मुजाहिदीन की आतंकवादी गतिविधियों को जम्मू-कश्मीर राज्य और भारत के अन्य हिस्सों में समर्थन देने के लिए इस्तेमाल किया। अगस्त में एक अन्य पीठ ने सैयद अहमद शकील को जमानत दे दी थी, लेकिन शाहिद यूसुफ को यह राहत देने से इन्कार कर दिया था।

    इस मामले में इनके अलावा जावेद अली, अलेमला जमीर, मसासोंग एओ, अब्दुर रहमान, एमडी वकार लोन, राजकुमार, रउफ अहमद भट, मतीन अहमद भट, हारिस निसार लंगू, मनन डार, हनान गुलजार डार, जमीन आदिल भट और अरसलान फिरोज अहेंगर भी आरोपित हैं।