इन कश्मीरी हिंदू ट्रांजिट निवासियों को जल्द मिलेगा अपना घर, 924 में से 624 अपार्टमेंट तैयार
श्रीनगर के जेवन में विस्थापित कश्मीरी हिंदू श्रमिकों के लिए ट्रांजिट आवास सुविधा मार्च 2026 तक तैयार हो जाएगी। 924 अपार्टमेंट बनाए जा रहे हैं जिनमें से 624 तैयार हैं। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत 6000 पद सृजित किए गए हैं और ट्रांजिट आवास इकाइयों का निर्माण जारी है। मुख्य सचिव ने निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और समय पर पूरा करने का आग्रह किया।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर से सटे जेवन में विस्थापित कश्मीरी हिंदू श्रमिकों के लिए विकसित की जा रही ट्रांजिट आवास सुविधा मार्च 2026 तक पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी।
वर्तमान में, 624 सिंगल-रूम अपार्टमेंट बनकर तैयार हो चुके हैं और शेष 312 निर्माणाधीन हैं। जेवन में 924 अपार्टमेंट का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना की लागत ₹197.32 करोड़ है, जिसमें से ₹124.07 करोड़ 31 मार्च, 2025 तक खर्च हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं की घाटी में सम्मानजनक वापसी और पुनर्वास के लिए अनुकूल वातावरण बनाने हेतु, प्रधानमंत्री विशेष रोजगार पैकेज के तहत विभिन्न सरकारी विभागों में उनके लिए 6,000 पद सृजित किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री विकास पैकेज (पीएमडीपी) के तहत विभिन्न जिलों में उनके लिए कुल 6,000 ट्रांजिट आवास इकाइयों का निर्माण किया जा रहा है, जिसका संशोधित स्वीकृत बजट ₹1,245.38 करोड़ है।
केंद्र शासित प्रदेश सरकार की अतिरिक्त प्रतिबद्धता के साथ, परियोजना के लिए कुल उपलब्ध राशि ₹1,325.85 करोड़ है, जिसमें फ्लैटों के निर्माण के लिए ₹983.28 करोड़ और संबंधित कार्यों के लिए ₹342.57 करोड़ शामिल हैं।
जेवन में 924 फ्लैटों का निर्माण किया जा रहा है। ये फ्लैट उन विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को प्रदान किए जाएँगे जिन्हें प्रधानमंत्री के विशेष रोजगार पैकेज के तहत श्रीनगर और पुलवामा ज़िले में नौकरी मिली है।
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने सोमवार को जेवन में चल रही ट्रांजिट हाउसिंग योजना का निरीक्षण किया। उनके साथ लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव, कश्मीर के संभागीय आयुक्त, श्रीनगर के ज़िला उपायुक्त, राहत आयुक्त, अनुसंधान एवं विकास (केंद्रीय) के मुख्य अभियंता और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
मुख्य सचिव ने जेवन में बन रहे 936 एक-बेडरूम वाले फ्लैटों के निर्माण में हुई प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। इनमें से 624 फ्लैट पहले ही पूरे हो चुके हैं, जबकि 312 अन्य निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। अब तक 703 फ्लैट आवंटित किए जा चुके हैं। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि 30 सितंबर 2025 तक 96 और फ्लैट पूरे करने का लक्ष्य है, इसके बाद अक्टूबर-दिसंबर 2025 के बीच 72 फ्लैट और जनवरी-मार्च 2026 के बीच 144 फ्लैट पूरे किए जाएंगे।
परियोजना पर अब तक हुए खर्च का ब्योरा देते हुए संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जीवन परियोजना की संशोधित स्वीकृत लागत 197.37 करोड़ रुपये है, जिसमें से मार्च 2025 तक 124.07 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। शेष 73.30 करोड़ रुपये की लागत 2025-26 के लिए परिव्यय के रूप में प्रस्तावित की गई है, जिसमें से चालू वित्तीय वर्ष में 36.65 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
जीवन परियोजना की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों से परियोजना को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने और निर्मित फ्लैटों को जल्द से जल्द कर्मचारियों को सौंपने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि परियोजना समय पर पूरी की जानी चाहिए और निर्मित फ्लैटों को बिना किसी देरी के कर्मचारियों को आवंटित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह पारगमन आवास श्रीनगर और पुलवामा में तैनात विस्थापित कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है, इसलिए फ्लैटों को जल्द से जल्द रहने योग्य बनाना ज़रूरी है।
उन्होंने संबंधित एजेंसियों को निर्माण में उच्च गुणवत्ता बनाए रखने और समय सीमा का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए, ताकि घाटी में कार्यरत विस्थापित कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों को सुरक्षित और बेहतर आवास प्रदान करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
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