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    पहले स्वस्थ सिटी, फिर स्मार्ट सिटी पर करो काम... श्रीनगर के लोगों ने प्रशासन ने क्यों लगाई ये गुहार?

    Updated: Tue, 17 Jun 2025 05:33 PM (IST)

    श्रीनगर में स्मार्ट सिटी परियोजना के बीच शहरवासियों और धार्मिक नेताओं ने कचरा प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि शहर को सुंदर बनाने से पहले कचरा मुक्त करना जरूरी है क्योंकि अछन डंपिंग साइट पर जमा कचरे से उठने वाली दुर्गंध और प्रदूषण से लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। मीरवाइज उमर फारूक ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है।

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    श्रीनगरवासियों ने कचरा प्रबंधन पर उठाए सवाल (फाइल फोटो)

    रजिया नूर, श्रीनगर। एक तरफ जब श्रीनगर नागरिक प्रशासन शहर को और अधिक आकर्षित और आधुनिक सुविधाओं से लैस बनाने के उद्देश्य के तहत शुरू किए गए श्रीनगर स्मार्ट सिटी परियोजना को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। वहीं दूसरी तरफ शहरवासियों ने प्रशासन से शहर के सौंदर्यीकरण से पहले इसे कचरा मुक्त करने की अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है कि शहर में कचरा ठिकाने लगाने के लिए कोई व्यापक प्रबंध न होने के चलते शहरवासियों का स्वास्थ प्रभावित हो रहा है। इधर इस मुद्दे पर अब घाटी के धार्मिक नेताओं ने भी अपनी आवाज बुलंद करनी शुरू की है।

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    घाटी के शीर्ष धार्मिक नेता मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने मुद्दे पर सोशल मीडिया साइट पर प्रश्न उठाते हुआ लिखा कि श्रीनगर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने से पहले क्या इसे दुर्गंध मुक्त और रहने लायक बनाया जा सकता है?

    उन्होंने श्रीनगर के कूड़े के ढेरों से उत्पन्न स्वास्थ्य और पर्यावरण संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त की। मीरवाइज ने सोशल मीडिया के जरिए अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अछन लैंडफिल के आसपास के इलाकों में जमा किए जाने वाले कूड़े के ढेरों से उठने वाली दुर्गंध अब असहनीय हो गई है।

    उन्होंने कहा कि स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वह खुद और उस जगह से दूर रहने वाले अन्य नागरिक भी इस दुर्गंध को महसूस कर रहे हैं, खासकर शाम के समय। उन्होंने लिखा,यह मुद्दा गंभीर है। इससे लोगों का स्वास्थ खराब हो गया है। सरकार को चाहिए कि वह स्मार्ट स्टी परियोजना को पूरा करने से पहले इस मामले को सुलझाएं।

    मीरवाइज ने कहा,प्रशासन से इस मुद्दे को हल करने की फरयाद करते करते थक चुके लोगों ने मुझ से इसमें हस्तक्षेप करने की विंती की है और मैं इस मुद्दे को एतिहसिक जामिया मस्जिद में जुमा के खुतबे (शुक्रवार को जुमा की नमाज अदा करने से पहले धार्मिक नेताओं द्वारा विभिन्न मुद्दों पर इस्लाम धर्म की रोशनी में प्रकाश डालना) के दौरान उठाऊंगा।

    गौरतलब है कि तकरीबन 17 लाख आबादी वाले श्रीनगर शहर की सड़कों से प्रतिदिन जमा होने वाला 500-550 टन कचरा ठिकाने लगाने के लिए अछन नामक शहर के एक बाहरी छोर के इलाके में फेंका जाता है। अछन शहर की एक मात्र डंपिंग साइट है जहां शहर भर का कचरा जमा तो किया जाता है लेकिन उस कचरे को वहां पूरी तरह से डिस्पोजआफ करने का कोई व्यापक प्रबंध नही है।

    इस डंपिंग साइट पर जमा कचरे के बड़े बड़े अंबारों से उठने वाली दुर्गंध न केवल आसपास के रिहायशी इलाकों बल्कि शहर के तकरीबन आधे हिस्से तक महसूस की जाती है। इतना ही नही इस असहनीय दुर्गंध के साथ साथ अछन में जमा गंदगी से शहर का वातावरण भी दूषित हो गया है और लोग विशेषकर इस साइट के आस-पास के रिहायशी इलाकों रहने वाले लोगों में सांस संबंधी बीमारियों, त्वचा संक्रमण और अन्य चिकित्सा समस्याओं में वृद्धि देखी गई है, जिसके कारण स्थानीय मोहल्ला समितियों ने इसे पूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है।

    साजगरीपोरा के रहने वाले एक नागरिक रियाज मलिक ने कहा,अछन हमारे इलाके से 9 किलोमीटर दूर है। लेकिन वहां पड़े कचरे से उठने वाली दुर्गंध इतनी तेज है,मानो हम उस डंपिंग साइट के करीब रहते हैं। मलिक ने कहा कि यह दुर्गंध शाम को ज्यादा महसूस होती है और अगर हम घर से किसी काम के लिए बाहर निकले तो हमें मुंह ढांप कर निकलना पड़ता है ताकि हमारी सांसों में यह दुर्गंध न समा जाएं।

    मलिक ने कहा कि यह हमारा हाल है। आप खुद सोचिए कि जो लोग इस डंपिंग के आसपास रहते हैं,उनकी क्या हालत होती होगी। मलिक ने कहा, श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) इस संकट से अच्छी तरह वाकिफ है, लेकिन उसने अभी तक कुछ नहीं किया है।

    अब्दुल हमीद किचलू नामक एक और स्थानीय नागरिक ने कहा, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हमारे इस शहर को खूबसूरत बनाने का सरकार का प्लान तो ठीक है। लेकिन इससे ज्यादा जरूरी है,हमारे इस शहर को साफ व स्वच्छ रखना और इसे सिर्फ उसी सूरत में साफ सुथरा रखा जा सकता है जब सरकार अछन डंपिंग साइट में जमा किए जाने वाले हमारे शहर के कचरे को साइंटिफिक तरीकों से ठिकाने लगाए।

    बता देते हैं कि घाटी के आरटीआई कार्यकर्ता राजा मुजफ्फर द्वारा अच्छन डपिंग साइट पर बटोरी जानकारी के अनुसार, इस साइट पर 1.1 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक पुराना कचरा जमा हो गया है, जबकि प्रतिदिन इस साइट पर 550 टन कचरा जमा किया जाता है। अपनी रिपोर्ट में राजा मुजफ्फर ने लिखा था कि साइट पर कचरे के बड़े बड़े पहाड़ जमा हो गए हैं जिनसे उठने वाली दुर्गंध शहर के अधिकांश हिस्सों में फैली हुई है।