कश्मीर के बड़गाम रेलवे स्टेशन से दिल्ली तक चलेगी रैपिड कार्गो ट्रेन, रेलवे बोर्ड से मंजूरी; व्यापारियों को होगा लाभ
रेलवे बोर्ड ने कश्मीर से दिल्ली के लिए एक नई रैपिड कार्गो ट्रेन को मंजूरी दी है। यह ट्रेन बडगाम से दिल्ली के आदर्श नगर तक चलेगी और व्यापारियों को अपने उत्पाद जैसे फल और हस्तशिल्प पूरे देश में भेजने में मदद करेगी। इस पहल से जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह सड़क परिवहन की तुलना में तेज और सस्ता विकल्प है।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर।.रेलवे बोर्ड ने कश्मीर से दिल्ली तक संयुक्त पार्सल उत्पाद-रैपिड कार्गो (जेपीपी-आरसीएस) ट्रेन को मंज़ूरी दे दी है। यह ट्रेन फल और हस्तशिल्प विक्रेताओं को देश भर में अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का एक भरोसेमंद विकल्प प्रदान करेगी।
उत्तर रेलवे के जम्मू संभाग ने एक बयान में कहा कि यह ट्रेन, जिसमें एक एसएलआर (सीटिंग-कम-लगेज रेक) और आठ पार्सल वैन हैं, कश्मीर के बडगाम रेलवे स्टेशन से दिल्ली के आदर्श नगर तक प्रतिदिन चलेगी।
अपने संचालन के पहले वर्ष में, यह मालगाड़ी पायलट आधार पर चलेगी और मार्ग के दोनों ओर जम्मू-कश्मीर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंधन करेगी। जम्मू संभाग के संभागीय रेल प्रबंधक विवेक कुमार ने कहा कि जेपीपी-आरसीएस का लक्ष्य रेलवे के माध्यम से माल परिवहन को बढ़ावा देना है।
यह एक वर्चुअल एग्रीगेशन प्लेटफ़ॉर्म है, जो रेलवे की निजी क्षेत्र में भागीदारी को जोड़ने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, यह मालगाड़ी जम्मू संभाग में पहली बार चलाई जा रही है। कुमार ने यह भी बताया कि ट्रेन सेवा जल्द ही शुरू होगी और बुकिंग के लिए पंजीकरण शुल्क कम कर दिया गया है।
वरिष्ठ वाणिज्य मंडल प्रबंधक, उचित सिंघल ने बताया कि इस ट्रेन के संचालन का मुख्य उद्देश्य कश्मीर के व्यापारियों को लाभ पहुँचाना और देश के कोने-कोने में सेब, केसर, अखरोट, पश्मीना शॉल, कालीन और अन्य हस्तशिल्प जैसे सामानों की डिलीवरी को सुगम बनाना है।यह ट्रेन लगभग 23 घंटे में दिल्ली पहुँच जाएगी, जो बडगाम से सड़क परिवहन की तुलना में तेज़ है।
सांबा ज़िले के बारी ब्राह्मणा स्टेशन पर माल की लोडिंग और अनलोडिंग की सुविधा उपलब्ध होगी। बयान में कहा गया है, इस पहल का उद्देश्य कूरियर व्यवसाय में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाना और ग्राहकों को एक कुशल, विश्वसनीय और किफायती विकल्प प्रदान करना है। इसके अलावा, इसका मुख्य उद्देश्य घाटी के बाहर ताज़े और सूखे मेवों और हस्तशिल्प सहित अनूठे उत्पादों को उजागर करना और भारत तथा विदेशों में उनके विपणन को प्रोत्साहित करना है।
बयान के अनुसार ,इस सुविधा से, व्यापारी वर्ग बहुत कम समय में अपना सामान अपने गंतव्य तक पहुंचा सकता है... सड़क यातायात की तुलना में यह एक किफायती विकल्प साबित होगा। इससे जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा और रोज़गार के नए स्रोत भी पैदा होंगे।
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