Jammu Kashmir News: श्रीनगर में अलगाववादी नेता के घर पुलिस का छापा, मोबाइल और आपत्तिजनक सामग्री जब्त
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोपोर में मुस्लिम लीग के एक नेता के घर पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी में प्रतिबंधित साहित्य और प्रचार सामग्री बरामद हुई। इरफान अहमद अंतु नामक यह नेता पहले से ही जेल में है और उस पर युवाओं को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल करने का आरोप है। पुलिस ने यह कार्रवाई यूएपीए के तहत की है और यह आतंकवाद के खिलाफ एक व्यापक अभियान का हिस्सा है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। अलगाववादी-आतंकवादी तंत्र के समूल नाश के अभियान में जुटी जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर के सोपोर में प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन मुस्लिम लीग के एक नेता के घर की तलाशी ली।
इस दौरान पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन का साहित्य, प्रचार सामग्री और कुछ अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं। पुलिस ने मोबाइल फोन और सिमकार्ड भी कथित तौर पर जब्त किया है,लेकिन किसी को पूछताछ के लिए हिरासत में नहीं लिया गया है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि तलाशी सोपोर के क्रालटेंग में रहने वाले इरफान अहमद अंतु के घर में लीगई है। वह सिर्फ अलगाववादी संगठन मुस्लिम लीग के साथ जुड़ा है बल्कि वह आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के लिए भी काम करता है।
वह स्थानीय युवाओं को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए उकसाने, उन्हें आतंकी संगठनों में भर्ती होने और सोपोर व उसके साथ सटे इलाकों में अलगाववादी सभाओं में आयोजन में सक्रिय रहता है। फिलहाल, वह जेल में है।
इरफान अहमद के खिलाफ सोपोर औ उसके साथ सटे इलाकों में अलगाववादी व आतंकी गतिविधियों से संबधित विभिन्न मामले सोपोर, बोम्मई और बारामूला पुलिस स्टेशन में भी दर्ज हैं।
अलबत्ता, आज की तलाशी प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम लीग के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में हुई है। तलाशी के दौरान एक मैजीस्ट्रेट और निष्पक्ष गवाह भी मौजूद रहे।
आतंक के समूल नाश के लिए चला अभियान
यहां यह बताना असंगत नही होगा कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने सोपोर, बारामुला, श्रीनगर , शोपियां कुपवाड़ा समेत पूरी वादी में प्रतिबंधित आतंकी और अलगाववादी संगठनों के नेताओं व कार्यकर्ताओ को चिन्हित करते हुए उनकी गतिविधियों पर पूरी तरह से अंकुश लगाने और उनके नेटवर्क के समूल नाश के लिए एक सघन अभियान चला रखा है।
यह अभियान उन खुफिया सूचनाओं के आधार पर चलाया गया है, जिनके मुताबिक, जमात-ए-इस्लामी और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस व मुस्लीम लीग समेत विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के जेल से बाहर कैडर ने भूमिगत तरीके से अपनी गतिविधियां फिर शुरु कर दी हैं। इनमें से कई सक्रिय आतंकियों के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर भी काम कर रहे हैं।
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