जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए CM उमर अब्दुल्ला का बड़ा एलान, घर-घर जाकर शुरू करेंगे हस्ताक्षर अभियान
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए उमर अब्दुल्ला ने घर-घर जाकर हस्ताक्षर अभियान चलाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि समर्थन न मिलने पर वे सत्ता छोड़ देंगे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पूरे प्रदेश में घर-घर जाकर एक हस्ताक्षर अभियान चलाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगर लोगों ने इसका समर्थन नहीं किया,हस्ताक्षर नहीं किए तो मैं हार मान लूंगा और सत्ता से हट जाऊंगा।
उन्होंने यह एलान गत शुक्रवार को बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रा दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में किया।
इस दौरान उन्होंने सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा प्रदान करने के मुद्दे पर की गई टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को इस मंच से अपने प्रतिनिधि को सुने हुए आठ साल से ज़्यादा समय बीत गया था। अंतिम बार जब मैं इस मंच पर था तो उस समय, मैं एक ऐसे राज्य का मुख्यमंत्री था जिसकी अपनी पहचान, संविधान, झंडा और राज्य का दर्जा था।
आज, वह सब खत्म हो गया है।हालांकि लोकतंत्र की वापसी में समय लगा, लेकिन अब इस क्षेत्र में एक निर्वाचित सरकार है। हमें 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की उम्मीद थी। मुझे तो यह भी बताया गया कि राज्य के दर्जे के लिए दस्तावेज़ तैयार हो गए हैं। लेकिन प्रधानमंत्री ने कुछनहीं कहा। कोई घोषणा नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हमें आठ हफ़्ते का समय दिया है और आज से हम सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करके लोगों से हस्ताक्षर लेने का अभियान शुरू करेंगे कि वे राज्य का दर्जा चाहते हैं या नहीं । मैं अपने सहयोगियों के साथ, हर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करूंगा।
जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा बहाल करने के समर्थन में जनता के हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान इकट्ठा करने के लिए पूरे जम्मू-कश्मीर में घर-घर जाकर अभियान चलाऊंगा। मेरे सारे मंत्री, मेरे सभी साथी विधायक और पार्टीजन घर जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने आठ हफ़्ते का समय दिया है और हम इसे बर्बाद नहीं होने देंगे। हम हर वर्ग तक पहुंचेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी परिवार या व्यक्ति इस मुद्दे का समर्थन किए बिना न रहे।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा मेरा सवाल यह है जम्मू कश्मीर को दोबारा राज्य बनाया जाए क्या यह फैसला हमारी सरकार नहीं ले सकती जम्मू कश्मीर दोबारा राज्य बने क्या यह निर्णय सर्वोच्च न्यायालय नहीं लगा जम्मू कश्मीर को फिर से स्टेट हुड देना का फैसला उन हथियारों द्वारा लिया जाएगा जिन्होंने पहलगाम में लोगों का कत्ल किया है या फिर हमारे पड़ोसी मुल्क द्वारा जो यहां पर आतंकी हिंसा चल रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर में हमारी फौज ने पड़ोसी मुल्क को सबक सिखाया है उसे सजा दी है लेकिन हमें भी पहलगाम हमले के लिए सजा दी जा रही है जम्मू कश्मीर के लोगों को जिन्होंने पहलगाम हमले के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई इसकी निंदा की उन्हें भी इसके लिए दंडित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री उमरअब्दुल्ला ने कहा क्या पहलगाम के हत्यारे और पड़ोसी मुल्क में बैठे उनके आका फैसला करेंगे की जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाना है या नहीं उन्होंने कहा जब कभी हमें राज्य का दर्जा मिलने जा रहा होगा तो वह पहलगाम जैसी कोई घटना अंजाम देंगे और हमें राज्य के अधिकार से रोक दिया जाएगा क्या यह हमारे साथ न्याय है हमें उसे अपराध की जम्मू कश्मीर के लोगों को उसे अपराध की सजा क्यों दी जाए जो उन्होंने किया ही नहीं।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह सब मैं किसी निजी फायदे के लिए या सियासी फायदे के लिए नहीं कर रहा हूं। यह मेरे खानदान के लिए या मेरी सरकार के लिए या मेरी कैबिनेट के लिए नहीं है यह सब जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए है ।उन्होंने पूछा क्या अपने हक के लिए लड़ना अपने हक को हासिल करना कोई अपराध है।
उन्होंने कहा हम जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा मिले इसके लिए अभी तक लोगों को पत्र लिख रहे थे प्रस्ताव पारित कर रहे थे बैठकर कर रहे थे ताकि हम सभी को अपने नजरिए से समझ सकें ।अब हम इन सभी आवाजों को इस मुद्दे को अपने कार्यालय से उन जगहों पर उन दरवाजा पर ले जाएंगे यहां पर इस तरह के फैसले होते हैं
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