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    J&K में कोल्ड स्टोरेज की कमी से सेब उद्योग पर संकट, परिवहन की खराबी और नीति के अभाव में बर्बाद हो रही फसलें

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 06:56 PM (IST)

    कश्मीर के सेब उद्योग को आधुनिक कोल्ड स्टोरेज और सुचारु परिवहन की कमी से खतरा है। 10 लाख मीट्रिक टन ए-ग्रेड फलों के लिए पर्याप्त भंडारण नहीं है और सी-ग्रेड सेब बर्बाद हो जाते हैं। उच्च घनत्व वाले बागानों से पैदावार बढ़ी है लेकिन जल्दी कटाई जरूरी है। निर्यात नीति और समर्थन मूल्य का अभाव है। कीटनाशकों की अनियंत्रित बिक्री से भी खतरा है।

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    कोल्ड स्टोरेज की कमी के कारण कश्मीर का सेब उद्योग संकट में (प्रतीकात्मक फोटो)

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। बागवानी योजना एवं विपणन विभाग के पूर्व क्षेत्रीय विपणन अधिकारी (एएमओ) मुख्तार अहमद खान ने चेतावनी दी है कि घाटी के सेब उद्योग का भविष्य गंभीर संकट में है। उन्होंने कहा कि दशकों से अनदेखी की गई व्यवस्थागत कमियों के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। यदि तत्काल सुधार नहीं किए गए, तो घाटी का यह महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र बर्बादी के कगार पर पहुंच सकता है।

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    खान ने बताया कि आधुनिक शीत भंडारण सुविधाएं, नियंत्रित वातावरण (सीए) इकाइयां और फल प्रसंस्करण संयंत्र या तो हैं नहीं या उनकी संख्या सीमित है। कश्मीर में सी ग्रेड सेबों के प्रसंस्करण की कोई सुविधा नहीं है, जिससे ये फल बर्बाद हो जाते हैं। इसके अलावा, लगभग 10 लाख मीट्रिक टन ए-ग्रेड फलों को संभालने के लिए कोई सीए भंडारण इकाइयां नहीं हैं। भंडारण की कमी और विश्वसनीय परिवहन प्रणाली के अभाव में जब भी दूसरे बाजारों में उपज भेजने में देरी होती है, तो यह क्षेत्र ध्वस्त हो जाता है।

    उच्च घनत्व वाले सेब बागानों की शुरुआत ने उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने की संभावना को जन्म दिया था, लेकिन इसने जटिलता की एक और परत जोड़ दी है। हालांकि इन बागानों ने पैदावार को बढ़ावा दिया है, लेकिन इन्हें जल्दी कटाई और तेज वितरण की आवश्यकता होती है। खान ने चेतावनी दी कि भंडारण और प्रसंस्करण बफर के बिना प्रणाली उपज की अचानक वृद्धि से अभिभूत हो जाती है, जो परिवहन मार्गों के बाधित होने पर विनाशकारी हो सकती है।

    खान ने कहा कि एक व्यापक निर्यात नीति के अभाव ने कश्मीरी सेबों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश करने से रोक दिया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) या मूल्य समर्थन योजना का अभाव भी उतना ही हानिकारक है, जिससे किसान बिचौलियों के प्रभुत्व वाले खुले बाजारों की अस्थिरता के संपर्क में आ जाते हैं। उन्होंने तर्क किया कि एक मजबूत एमएसपी तंत्र उत्पादकों को स्थिरता प्रदान करेगा और उन्हें संकटग्रस्त बिक्री से बचाएगा।

    खान ने कीटनाशकों की अनियंत्रित बिक्री पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि घटिया और महंगे कृषि रसायन बाजार में खुलेआम बिकते हैं, जिससे किसानों और पर्यावरण दोनों को खतरा है। एक समर्पित कीटनाशक नियामक प्राधिकरण के बिना गुणवत्ता और मूल्य निर्धारण की निगरानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

    खान ने सार्थक सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें कटाई के मौसम में सड़क संपर्क में सुधार और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं का विस्तार शामिल है। बेहतर सड़कें उत्पादकों को अपनी उपज तेजी से पहुंचाने में मदद करेंगी, जिससे महत्वपूर्ण समय में नुकसान कम होगा। उन्होंने मौसम संबंधी आपदाओं से फसलों की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर सब्सिडी वाले ओलावृष्टिरोधी जाल उपलब्ध कराने की आवश्यकता भी बताई।