पहलगाम घटना के बाद कश्मीर में पर्यटकों की वापसी, दो महीनों में 3,000 से अधिक विदेशी पर्यटक घाटी पहुंचे
पहलगाम आतंकी घटना के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या कम हो गई थी लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं। प्रशासन के प्रयासों से घरेलू पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी घाटी में वापस आ रहे हैं। पिछले दो महीनों में 3000 से अधिक विदेशी पर्यटक कश्मीर घाटी आए हैं।

जागरण संवददाता, श्रीनगर। पहलगाम आतंकी घटना के बाद से घाटी में पर्यटकों की आमद में रिकार्ड़ तोड़ कमी के बीच जहां प्रशासन तथा हितधारकों के कड़े प्रयासों के चलते घरेलू पर्यटकों ने फिर से घाटी का रुख करना शुरू कर दिया है, वहीं विदेशी पर्यटकों ने भी यहां के सुंदर नजारों का लुत्फ लेने के लिए यहां का रुख किया।
दो महीनों में 3,000 से अधिक विदेशी पर्यटक घाटी पहुंचे
अधिकारियों के अनुसार पिछले दो महीनों में 3,000 से अधिक विदेशी पर्यटक घाटी पहुंचे हैं जिससे पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि और पर्यटन स्थल के रूप में घाटी में नए सिरे से विश्वास का पता चलता है।
अधिकारियों ने कहा कि विदेशी पर्यटकों के आगमन में ताज़ा उछाल इस बात का संकेत है कि धीरे-धीरे विश्वास लौट रहा है। विदेशी पर्यटक एक बार फिर घाटी के दर्शनीय स्थलों, जैसे गुलमर्ग, पहलगाम, और शालीमार, निशात और चश्मा शाही जैसे मुगल उद्यानों के अलावा अन्य लोकप्रिय स्थलों की सैर कर रहे हैं।
जनवरी-जून 2025 के दौरान 95 लाख से ज़्यादा घरेलू पर्यटक आए
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में जनवरी-जून 2025 के दौरान 19,570 विदेशी पर्यटक आए और इसी अवधि में 95 लाख से ज़्यादा घरेलू पर्यटक आए। यह दर्शाता है कि पहलगाम में अप्रैल में हुए हमले से पहले ही पर्यटन में तेज़ी आ रही थी।
अधिकारियों ने बताया कि पर्यटकों की यह नई आमद 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कुछ महीनों बाद हुई है, जिसने घाटी के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका दिया था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे।इस हमले के कारण कई उड़ानें रद्द हुईं और इस तरह पर्यटन का ग्राफ जोकि 22 अप्रैल तक अपने पीक पर था, जीरो पर आ गया था।
पर्यटकों का विश्वास जीतने के लिए बहुत कुछ करना बाकी है
अब चूंकि प्रशासन व हितधारकों की कड़ी मेहनत व दिन रात के पर्यासों के चलते धीरे धीरे घरेलू पर्यटकों के साथ साथ विदेशी पर्यटक भी घाटी का फिर से रुख कर रहे हैं। ऐसे में हितधारकों का कहना है कि पर्यटकों का विश्वास पूरी तरह से जीतने के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है।
बिलाल अहमद नामक एक टूर एंड ट्रवेल एजेंसी के मालिक ने कहा, टूरिस्टों का फिर से घाटी का रुख करना एक अच्छा संकेत है। इस पर हमारे फारिन टूरिसटों का आना भी अपे आप में अहम है। हालांकि जर्मनी, इंग्लैड, आस्ट्रेलिया समेत कई विदेशी मुलकों को पहलगाम घटना के बाद ट्रेवल एडवाइजरी जारी कर अपने नागिरों को जम्मू कश्मीर विशेषकर घाटी का रुख न करने की सलाह दे रखी है। हमें कोशिश करनी है कि उक्त देश अपनी यह ट्रेवल एडवाइजरी वापस लें।
हालात बदलने में अभी समय लगेगा
बिलाल ने कहा, हालांकि अभी यह काम मुश्किल है, क्योंकि पहलगाम घटना के बाद से यहां बने रहने वाले हालात अभी इतनी जल्दी एकदम से नहीं बदल सकते। लेकिन हमें निरंतर अपने प्रया जारी रखने होंने। हमें यहां हालातों को उस तरह से संभालना होगा ताक हमारे टूरिस्ट यहां आने में कोई डर या खौफ महसूस ना करें।
जीलानी जहूर नामक एक अन्य नागरिक ने कहा, हम समर या विंटर सीजन की बात नही करेंगे। बल्कि हम बात करेंगे घाटी के ओवरआल टूरिजम की जोकि अभी पहलगाम घटना के बाद से पटरी पर से उतरा हुआ है। लेकिन इन हालातों के बावजूद यहां का रुख कर रहे घरेलू व विदेशी पर्यटक हमें एक आशा दिला रहे हैं कि हालात बदल जाएंगे।
देशी विदेशी पर्यटक यहां उसी तरह रुख करेंगे जैसे वह इस घटना के पहले तक किया करते थे। जहूर ने कहा, पर्यटन विभाग द्वारा निरंतर प्रचार अभियानों और दुनिया के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में घाटी की स्थिति में नए सिरे से विश्वास को दिया जा सकता है।
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