Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कहां हैं पहलगाम हमले के आतंकी? मददगारों से पूछताछ में होगा खुलासा, पांच दिन की रिमांड पर दोनों गद्दार

    पहलगाम आतंकी हमले के गुनाहगारों के दो मददगारों, परवेज अहमद जोथड़ और बशीर अहमद जोथड़ को विशेष अदालत ने पांच दिन के लिए एनआईए रिमांड पर सौंपा है। इन दोनों ने 22 अप्रैल को हुए नरसंहार में शामिल तीन पाकिस्तानी आतंकियों को सुरक्षित ठिकाना और रसद मुहैया कराई थी। उनके मोबाइल फोन जब्त कर डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने मारे गए लश्कर आतंकी जुनैद से मिली तस्वीरों के आधार पर हमलावरों की पहचान की पुष्टि भी की है।  

    By NAVEEN SHARMAEdited By: Prince Sharma Updated: Mon, 23 Jun 2025 09:34 PM (IST)
    Hero Image

    मददगारों से पूछताछ में होंगे खुलासे; पांच दिन की रिमांड पर दोनों गद्दार (File Photo)


    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Pahalgam Terror Attack: पहलगाम नरसंहार के गुनाहगारों के दोनों मददगारों को सोमवार को विशेष अदालत एनआईए ने पांच दिन के रिमांड पर एनआइए को सौंपा है।

    इस बीच, संबधित सूत्रों ने बताया कि इन दोनों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं और उनके डेटा का आकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही हारवन में गत दिसंबर में मारे गए लश्कर के स्थानीय आतंकी जुनैद के साथ सपंर्क में रहे उसके सभी ओवरग्राउंड वर्करों से भी नए सिरे से पूछताछ शुरू की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को बैसरन, पहलगाम में आतंकियों ने 25 पर्यटकों और एक स्थानीय घोड़े वाले की हत्या कर दी थी। एनआइए ने इस मामले की जांच के दौरान कुछ अहम सुराग जुटाए और उनके आधार पर उसने आतंकियों के दो ओवग्राउंड वर्करों को परवेज अहमद जोथड़ और बशीर अहमद जोथड़ को गत रविवार को गिरफ्तार कर लिया।

    तीनों आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया

    ये दोनों पहलगाम के पास ही रहते हैं और इन दोनों ने पहलगाम नरसंहार में लिप्त तीन आतंकियों को नरसंहार से पहले एक सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराया था। संबधित अधिकारियो के अनुसार, बशीर अहमद जोथड़ जोकि बैसरन से लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित हिलपार्क में रहता है, उसने अपने घर से कुछ ही दूरी पर स्थित एक ढोक में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों के ठहरने का बंदोबस्त किया था।

    परवेज और बशीर ने बताया है कि तीनों आतंकी पाकिस्तानी थे और वह उनके लिए राशन व अन्य साजो सामान का बंदोबस्त करते थे। आज परवेज और बशीर दोनों को जम्मू स्थित अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश रितेश कुमार दुबे की अदालत में पेश किया गया। लोक अभियोजक गुप्ता नितिश गुप्ता और एनआइए के एएसपी पुरूषोत्तम सिंह ने अदालत में दोनों आरोपितों से पूछताछ के लिए रिमांड का आग्रह किया।

    उन्होंने बताया कि इन दोनों ने बैसरन पहलगाम नरसंहार में लिप्त आतंकियों की मदद की है, यह उनके सीधे संपर्क में थे। इनके पास कई जानकारियां हैं जो हमलावरों तक पहुंचने और इस पूरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए जानना जरुरी है।

    27 जून तक एनआईए की रिमांड पर मददगार

    अदालत ने एनआइए के दलीलों का संज्ञान लेते हुए दोनों आरोपितों को 27 जून तक एनआइए को रिमांड पर सौंपा दिया। इसके साथ ही एनआइए केा निर्देश दिया कि वह दोनों आरोपियों को प्रत्यक 48 घंटे के अंतराल पर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराए।

    इस बीच, संबधित सूत्रों ने बताया कि गत वर्ष दिसंबर के पहले सप्ताह में सुरक्षाबलों ने हारवन में लश्कर-ए-तैयबा के जिस स्थानीय आतंकी जुनैद को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था,उसके फोन की जांच के दौरान मिली कुछ आतंकियों की तस्वीरों को भी रविवार को पकड़े गए परवेज और बशीर को दिखाया गया।

    परवेज और बशीर ने इन तस्वीरों के आधार पर नरसंहार में लिप्त आतंकियों की पुष्टि की है और उनके बार में कई अहम जानकारियां दी है। जुनैद गत वर्ष गुलमर्ग में एक सैन्य काफिले और उसके बाद सोनमर्ग में सुरंग परियोजना में शामिल अधिकारियों व श्रमिकों के कैंप पर हमले की वारदात में लिप्त था।

    परवेज और बशीर ने कथित तौर पर दावा किया है कि व हमले से तीन दिन पहले ही बैसरन पहलगाम के गुनाहगार उनके पास पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि यह तीनों आपस में भी बहुत कम बातचीत करते थे।

    संबधित अधकारियों ने बताया कि परवेज और बशीर के मोबाइल फोन के डेटा का का भी आकलन किया जा रहा है। इसके अलावा जुनैद के साथ संपर्क में रहे उसके कुछ ओवरग्राउंड वर्करों को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है।