वांगचुक की गिरफ्तारी पर आज होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, पत्नी गीतांजलि ने दायर की है याचिका
लद्दाख में सोनम वांगचुक की एनएसए के तहत गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी पत्नी ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। अदालत इस मामले पर आज सुनवाई करेगी। याचिका में गिरफ्तारी को गैरकानूनी और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया गया है। वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप है, जबकि याचिका में कहा गया है कि उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। वांगचुक ने हमेशा शांति की अपील की है।
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वांगचुक की गिरफ्तारी पर आज होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में 24 सितंबर को हिंसक प्रदर्शनों के बाद नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए पर्यवरणविद्ध सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर उच्चतम न्यायालय में सोमवार को सुनवाई होगी।
वांगचुक की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका उच्चतम न्यायलय में उनकी पत्नी गीतांजलि की ओर से दायर की गई है। इस पर 24 नवंबर को सुनवाई होनी है। याचिका में वांगचुक की गिरफ्तारी को ग़ैरकानूनी, मनमानी व और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाली कार्रवाई बताया गया है।
उच्च्तम न्यायालय ने 29 अक्टूबर को केंद्र सरकार व लद्दाख प्रशासन से इस मामले में जवाब मांगा था। अब शीर्ष अदालत की 24 नवंबर की काज लिस्ट के अनुसार यह मामला जस्टिस अरविंद कुमार व जस्टिस एन वी अंजारिया की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को एनएसए के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह कदम उस हिंसा के दो दिन बाद उठाया गया, जिसमें राज्य का दर्जा, लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग पर प्रदर्शन ने हिसंक रूप ले लिया था। इस दौरान हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हुई थी व 90 से अधिक घायल हुए थे। लद्दाख प्रशासन ने वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था।
अब अंगमो द्वारा दाखिल संशोधित याचिका में कहा गया है कि गिरफ्तारी अस्पष्ट आरोपों व काल्पनिक आशंकाओं पर आधारित है। आरोपों का जीवंत व निकट संबंध किसी वास्तविक खतरे से नहीं है। इसलिए एनएसए लगाना अनुचित था।
यह मनमानी व अधिकारों का दुरुपयोग है जो संवैधानिक स्वतंत्रता व उचित प्रक्रिया के विरुद्ध है। याचिका में कहा गया है कि वांगचुक एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें पिछले 30 वर्षों से शिक्षा, नवाचार व पर्यावरण संरक्षण में योगदान के लिए प्रदेश राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। ऐसे में अचानक उन पर कार्रवाई होना अविश्वसनीय और संदेहास्पद है।
याचिका के अनुसार, वांगचुक को निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें अलाट की गई जमीनी रद करने के साथ उन्हें सीबीआई जांच, आयकर विभाग का नोटिस दिया गया है। याचिका में कहा गया कि वांगचुक का हिंसा से कुछ लेना देना नही है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हिंसा की निंदा की और उसे लद्दाख की 'तपस्या' को नुकसान पहुंचाने वाला बताया।

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