Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बर्फ, वादियां व खतरनाक पुल... दूसरी वंदे भारत का भी ट्रायल रन सफल; कटड़ा से पहुंची बडगाम, अब जुबां पर एक ही सवाल

    Updated: Mon, 27 Jan 2025 10:33 PM (IST)

    कटरा-बड़गाम रेल ट्रैक पर दूसरी वंदे भारत ट्रेन का सफल ट्रायल रन हुआ। यह ट्रेन कटड़ा से बड़गाम तक 85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 330 घंटे में पहुंची। उम्मीद है कि फरवरी के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर के लिए पहली रेल सेवा को हरी झंडी दिखा सकते हैं। इसके बाद जल्द ही लोग सफर का लुत्फ उठा सकते हैं।

    Hero Image
    कटड़ा से बड़गांव के लिए रवाना होती आधुनिक वंदे भारत ट्रेन।

    जागरण संवाददाता, कटड़ा। कश्मीर के लिए शुरू होने वाली रेल सेवा से पहले कटड़ा-बड़गाम के बीच वंदे भारत के ट्रायल जारी है। 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) रविवार को इस रेल खंड के बीच दूसरी अत्याधुनिक वंदे भारत का ट्रायल रन हुआ। यह ट्रायल भी सफल रहा और उम्मीद की जा रही है कि फरवरी के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कश्मीर के लिए पहली रेल सेवा को झंडी दिखा सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहली वंदे भारत का 24 जनवरी को ट्रायल सफल रहा था। कटड़ा-बड़गाम के बीच यात्रियों के लिए दो नई वंदे भारत कटड़ा भेजी गई है, जिन्हें कश्मीर के मौसम के लिहाज से विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। दूसरी वंदे भारत ट्रेन श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन कटड़ा से रविवार सुबह 8:00 बजे कश्मीर के लिए रवाना हुई। आठ कोच वाली इस वंदे भारत में रेलवे कर्मचारी, इलेक्ट्रिक तथा मैकेनिकल इंजीनियर समेत कई लोग सवार थे।

    कटड़ा स्टेशन पर खड़ी है दोनों ट्रेन

    85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन 3:30 घंटे में कटड़ा से बड़गाम पहुंची। इस दौरान वंदे भारत रेलवे स्टेशन रियासी, संगलदान, बनिहाल, श्रीनगर तथा बड़गाम में कुछ देर के लिए रुकी। शाम करीब 4:05 बजे वंदे भारत बड़गाम से वापस रवाना हुई और शाम 7:30 बजे कटड़ा पहुंच गई। वर्तमान में दोनों वंदे भारत ट्रेन कटड़ा रेलवे स्टेशन पर खड़ी हुई हैं।

    कई सुविधाओं से लैस है वंदे भारत

    बता दें कि वंदे भारत को विशेष रूप से कश्मीर में सर्दी के मौसम के लिहाज से डिजाइन किया गया है। यह ट्रेन बर्फबारी और शून्य से नीचे 20 डिग्री तक के तापमान में आराम से चलेगी। कड़ाके की ठंड से बचने के लिए ट्रेन के भीतर पूरी तरह से हीटिंग व्यवस्था है।

    इसके साथ ट्रेन में गर्म पानी मिलता रहेगा, ताकि सर्दी में पाइप में पानी जमने ना पाए। ट्रेन में बड़े आकार के शीशे लगाए गए हैं, जहां से रेल यात्री प्राकृतिक नजरों का आनंद ले सकते हैं। कांच पूरी तरह से फुल प्रूफ बनाए गए हैं, अगर इन पर कोई पत्थर भी लगे तो इसे किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। लोग अब जल्द ही वंदे भारत में बैठकर वादियों का दीदार करेंगे। इससे पर्यटकों को काफी बढ़ावा मिलेगा। 

    यह भी पढ़ें- Train To Kashmir: 28 साल का सपना सच... वादियों में गूंजी वंदे भारत की छुक-छुक; माइनस में तापमान फिर भी नहीं थमे पहिये