सुरक्षाबलों ने त्राल में जैश के आतंकी ठिकाने को किया ध्वस्त, भारी मात्रा में हथियार बरामद
जम्मू-कश्मीर के त्राल में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के ठिकाने का भंडाफोड़ किया। ठिकाने से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ, जिसे बाद में नष्ट कर दिया गया। यह ठिकाना जैश-ए-मोहम्मद का बताया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल पुलवामा हमले के साजिशकर्ता मुदस्सर खान भी करता था।

सुरक्षाबलों ने त्राल में जैश के आतंकी ठिकाने को किया ध्वस्त। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने अपने आतंकरोधी अभियान को जारी रखते हुए शुक्रवार को दक्षिण कश्मीर के मिडूरा त्राल में आतंकियों के एक ठिकाने से भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद बरामद किया। बाद में सुरक्षाबलों ने इस ठिकाने को नष्ट कर दिया। यह ठिकाना जैश ए मोहम्मद के आतंकियों का बताया जाता है। इस सिलसिले में पुलिस ने तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया है, लेकिन अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
सूत्रों की मानें तो नष्ट किया गया आतंकी ठिकाना पुलवामा हमले के सूत्रधारों में शामिल रहे जैश आतंकी मुदस्सर खान द्वारा भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। मुदस्सर खान ने ही वह कार तैयार खरीदी थी,जिसमें विस्फोटक भर, सीआरपीएफ के काफिल पर हमला किया गया था।
पुलवामा हमले के लगभग 24 दिन बाद 11 मार्च 2019 को मुदस्सर खान उर्फ मोहम्मद भाई अपने एक अन्य साथी संग पिंगलिश त्राल में सुरक्षाबलों के हाथों एक मुठभेड़ में मारा गया था। सूत्रों ने बताया कि मिडूरा त्राल में आतंकी ठिकाने की सूचना के आधार पर आज सेना की 42 आरआर के जवानों ने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर एक सघन तलाशी अभियान चलाया।
इस अभियान के दौरान उन्होंने सेब के बाग में जमीन खोद कर बनाए गए आतंकी ठिकाने का पता लगाया। यह ठिकाना आठ फुट लंबा और आठ फुट चौढा था और करीब छह फुट गहरा। हालांकि अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है,लेकिन ठिकाने की तलाशी कीे दौरान जवानों ने वहां से कुछ आरडीएक्स, जिलेटिन की छड़ें व अन्य साजो सामान बरामद किया है।
बाद में इस ठिकाने को नष्ट कर दिया गया
बताया जा रहा है कि जिस सेब के बाग में यह ठिकाना था, वह दो सगे भाईयों का है। एक भाई सरकारी अध्यापक है और दूसरा स्वाथ्य विभाग में कार्यरत हैं और इन दिनों त्राल अस्पताल में तैनात है। दोनों भाई मिलकर गांव में एक मेडिकल की दुकान भी चलाते हैं।
यह दोनो कथित तौर पर आतंकियों के पुराने ओवरग्राउंड वर्कर हैं और आतंकियों की हर संभव मदद करने के साथ साथ घायल और बीमार आतंकियों का इलाज भी करते थे। सूत्रों के अनुसार, इसी गांव मे जैश कमांडर मुदस्सिर अहमद खान का एक करीबी दोस्त भी रहता था।
मुदस्सिर खान भी इस ठिकाने का इस्तेमाल करता था। उनहोंने बताया कि इस ठिकाने का इस्तेमाल उन आतंकियों नेभी किया था जिन्होंने अक्टूबर 2018 में निकटवर्ती सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था। हममें एसएसबी का एक जवान बलिदानी हुआ था।

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