'आतंकवादी नेताओं से हमेशा रहा सत्ता का संपर्क', सज्जाद लोन ने यासीन मलिक के हलफनामे पर BJP को घेरा
पीपुल्स कान्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने यासीन मलिक के हलफनामे के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर भाजपा की आलोचना की। उन्होंने महबूबा मुफ्ती को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनका गृहमंत्री को पत्र लिखना राजनीतिक स्वार्थ है। लोन ने कहा कि नई दिल्ली में सत्ता में रही सरकारों ने हमेशा आतंकवादी नेताओं से संपर्क बनाए रखा था।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। पीपुल्स कान्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व समाज कल्याण मंत्री सज्जाद लोन ने शुक्रवार को जेल में बंद यासीन मलिक के हलफनामे का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने भाजपा की आलोचना की।
उन्होंने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को भी यासीन मलिक के मामले की समीक्षा के लिए केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखने के लिए लताड़ा और कहा कि यह राजनीतिक स्वार्थ और दोगलेपन की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में सत्ता में रही सभी सरकारों ने आतंकवादी नेताओं या आतंकवाद छोड़ने वालों से गुप्त संपर्क बनाए रखा था।
यासीन मलिक ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि वह आतंकवादी नहीं हैं। वीपी सिंह से लेकर मनमोहन सिंह तक की छह सरकारों ने कश्मीर में शांति के लिए उनसे बात की। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी बैठकों को गलत तरीके से पेश किया गया। मलिक ने कहा कि अजीत डोवाल ने जेल में उनसे मुलाकात की थी ताकि वाजपेयी सरकार की शांति प्रक्रिया में रुचि दिखाई जा सके।
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