'सैयारा तू तो...', बॉलीवुड की फिल्मों में छाया कश्मीरी जादू, सिंगरों ने पूरे देश को बना दिया अपने गानों का दीवाना
घाटी के फहीम अब्दुल्ला और अर्सलान निजामी ने फिल्म सैयारा में अपने संगीत से बॉलीवुड में धूम मचा दी है। सैयारा तू तो बदला नहीं गाना सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। फहीम ने इसे कश्मीर की संस्कृति को दर्शाने का अवसर बताया। अर्सलान ने कहा कि यह तो शुरुआत है और वे अन्य युवाओं को भी प्रेरित करना चाहते हैं।

जागरण संवाददाता, श्रीनगर। घाटी के युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, सही मार्ग, मंच व अवसर मिले तो वह किसी भी क्षेत्र में अपना लौहा मनवा सकते हैं। मनोरंजन के क्षेत्र को ही ले लीजिए। यश राज फिल्म के बैनर तले मोहित सूरी की सैयाराजहां बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा सिनेमाघरों के साइनबोर्डों पर लगातार टिकी हुई है और फिल्म देख फिल्म प्रेमी अपना दिल थाम लेते हैं। वहीं, फहीम अब्दुल्ला व अर्सलान निजामी के फिल्म में दिए गए मुधर सुरों को सुन भावुक होकर फिल्म प्रेमी टप-टप आंसू गिरा रहे हैं।
कम ही लोग जानते हैं कि फिल्म सैयारा के शीर्षक गीत का भावनात्मक केंद्र कश्मीर के इन्हीं दो नवोदित संगीतकारों द्वारा रचा गया है। अपनी गहरी भावनात्मक आवाज और संगीत की प्रामाणिकता के लिए लंबे समय से पहचाने जाने वाले इस युगल को आखिरकार एक राष्ट्रीय मंच मिल गया है। लाखों श्रोताओं के लिए उनकी आवाजें फिल्म की धड़कन का पर्याय बन गई हैं।
सैयारा तू तो बदला नहीं है यह भावपूर्ण गीत इंटरनेट पर सनसनी बन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड कर रहा है। अब्दुल्ला, जो पहले से ही कश्मीर के स्थानीय संगीत परिदृश्य में एक घरेलू नाम हैं, ने अपना ड्रीम बॉलीवुड डेब्यू और अपनी मातृभूमि की सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करने का मौका बताया।
अब्दुल्ला ने कहा, सैयारा में अपने संगीतमय डेब्यू के साथ हिंदी फिल्म उद्योग में कश्मीर का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है। हमारे राज्य में खूबसूरत लोग और अविश्वसनीय कलाकार हैं। मुझे वाकई खुशी है कि हम दो कश्मीरी लड़कों ने इस जीवन भर की परियोजना को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है और हिंदी फिल्म उद्योग में अपना नाम बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे उम्मीद जताई कि उनकी सफलता कश्मीर के और कलाकारों के लिए दरवाजे खोल सकती है।
हम अपने लोगों को अपने काम पर गर्व महसूस कराना चाहते हैं और यह देखकर वाकई बहुत खुशी हो रही है कि मेरा गाना 'सैयारा' इस प्रचार अभियान का पहला ट्रैक है। अपने भावपूर्ण गीत 'इश्क' के लिए मशहूर, फहीम अब्दुल्ला ने 2020 में 'झेलम' ट्रैक के साथ पहली बार इस क्षेत्र में कदम रखा। तब से, उन्होंने ड्रीम पॉप और ब्लूज से लेकर गजल और सूफी रॉक तक कई शैलियों की खोज की है और साथ ही कविता, भावना और सच्चाई में निहित एक विशिष्ट कश्मीरी सार को बनाए रखा है।
वहीं, अर्शलान निजामी भी अपनी इस सफलता पर खुश है। हालांकि अर्सलान ने कहा,अभी तो शुरुआत है। हमें अभी बहुत मेहनत करनी है और इस फील्ड में आगे जाना है। निजामी ने कहा, बॉलीवुड से तो हमारे कश्मीर का बहुत पुराना मुजबत रिश्ता है। हमारे कई लोग जिनमें मीर सरवर, लतीफ बिनी, हिना खान, एजाज राह, शाहिद लतीफ आदि जैसे लोग बॉलीवुड में अपनी पहचान बना चुके हैं।
इसी तरह हमारी कोशिश है कि हम अपने काम के माध्यम से अपने उन युवाओं का मनोबल बढ़ाएं जो प्रतिभाशाली तो हैं लेकिन बालीवुड़ में काम करने से अभी हिचकिचाते हैं। हम उनसे कहना चाहते हैं कि आगे आएं और फिल्म नगरी में अपनी किस्मत आजमाएं। आप में बहुत टेलेंट हैं। टेलेंट और आपकी मेहनत आपको जरूर सफलता दिलाएगी। इधर इस सुपर डुपर हिट फिल्म में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए दोनों नवोदित संगीतकारों की इस जोड़ी के शानदार काम की खूब सरहाना कर रहे हैं।
दानिश मजीद नामक एक फिल्म प्रेमी ने कहा, फख्र से सिर ऊंचा हो जाता है कि जब टाप पर ट्रेंड कर रही सैयारा का जिक्र किया जाता है, क्योंकि इस ब्लॉकबस्टर फिल्म में हमारे दो यंगिस्टरों ने जबरदस्त काम किया है। दानिश ने कहा, मुझे भी संगीत का शौक है। फहीम और अर्सलान को देख मैंने भी बालीवुड़ में अपना नाम बनाने का इरादा कर लिया है। हां मुझे यह भी पता है कि इसके लिए मुझे बहुत मेहनत करनी है।
इधर घाटी के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता जावेद गोरा ने कहा, बहुत अच्छा लग रहा है कि फिल्म सैयारा में हमारे दो होनहार सितारे फहीम और अर्सलान ने अपने बेहतरीन काम से न केवल अपना बल्कि पूरी घाटी का नाम रोशन कर दिया है। मैं दोनों को बहुत बधाई देता हूं। गोरा ने कहा, दोनों हमारे उन स्थानीय युवाओं के लिए मार्गदर्शक के तौर पर उभर आए हैं जो बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन साल पहले 2022 में 1990 के दशक से इस क्षेत्र में सिनेमाघरों के बंद होने के बाद, श्रीनगर के शिवपोरा इलाके में स्थित कश्मीर में अपनी तरह के पहले मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन किया था। इस थिएटर के खुलने के कुछ ही समय बाद, कश्मीर के अन्य जिलों में भी कई सिनेमाघर खुलने लगे, जो जम्मू-कश्मीर की बढ़ती आकांक्षाओं को दर्शाता है।
लोगों को मनोरंजन की सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से, यह मल्टीप्लेक्स एक जीवंत सिनेमा संस्कृति को पुनर्जीवित करने और युवा पीढ़ी को सेमिनारों के माध्यम से तरोताजा होने, चर्चा करने और विचार-विमर्श करने का एक मंच प्रदान करने का प्रयास करता है। इधर पिछले पांच सालों में, सिनेमाघरों के फिर से खुलने से लेकर यहां बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग तक, कश्मीर ने बॉलीवुड के साथ अपने जुड़ाव को फिर से मजबूत किया है।
यहीं कारण है कि कश्मीर और बॉलीवुड के बीच का रिश्ता नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। इन दिनों कश्मीर के दो नवोदित संगीतकारों, फहीम अब्दुल्ला और अर्सलान निजामी ने पूरे देश में लोगों का दिल जीत लिया है।
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