अब आराम से होंगे अमरनाथ धाम और शंकराचार्य मंदिर के दर्शन, रोपवे के लिए सरकार ने निकाला DPR
जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थलों पर रोपवे से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर और अमरनाथ यात्रा मार्ग सहित सात स्थलों को रोपवे से जोड़ ...और पढ़ें

अमनराथ धाम पर बनेगा रोपवे (जागरण फाइल फोटो)
रजिया नूर, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर रोपवे से पर्यटन को नई उंचाइयों तक ले जाने की तैयारी है। श्रीनगर में प्रसिद्ध शंकराचार्य मंदिर और अमरनाथ यात्रा मार्ग समेत सात प्रमुख स्थलों को रोपवे से जोड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने तकनीकी बोलियां आमंत्रित की हैं।
रोपवे परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। इसमें चार परामर्श फर्मों ने हिस्सा लिया। बर्नार्ड ग्रुप जेडटी जीएमबीएच, आइएलएफ कंसल्टिंग इंजीनियर्स इंडिया, आकार अभिनव कंसल्टेंट्स और एसए इंफ्रास्ट्रक्चर कंसल्टेंट्स के तकनीकी प्रस्तावों का मूल्यांकन किया जा रहा है। रोपवे परियोजना प्रदेश में पर्यटन और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इन जगहों पर बनेगा रोपवे
प्रस्तावित रोपवे परियोजनाओं में बालटाल-अमरनाथ भवन (अनंतनाग), पहलगाम-अमरनाथ (अनंतनाग), नाशरी टनल-सनासर (रामबन), सोनमर्ग-थाजवास (गांदरबल), दूधपथरी-दिशखाल (बड़गाम), भद्रवाह-सियोज धार (डोडा/किश्तवाड़) और शंकराचार्य (श्रीनगर) शामिल है। बोली दस्तावेजों के अनुसार चयनित सलाहकार वैश्विक और भारतीय रोपवे प्रणालियों की तुलना करने के साथ प्रमुख परियोजनाओं का अध्ययन करेगा।
ये परियोजनाएं पीपीपी मोड (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) के तहत विकसित की जा रही हैं। परियोजनाओं में अमरनाथ यात्रा और अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों तक लोगों की पहुंच आसान होगी। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने अधिकारियों का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में अत्याधुनिक, कुशल व सुरक्षित रोपवे स्थापित करना है। इन परियोजनाओं के निर्माण से लंबी, घुमावदार सड़क यात्राएं छोटी हवाई यात्राओं में बदल जाएंगी।

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