Move to Jagran APP

Jammu Politics: फारूक अब्दुल्ला का गुलाम नबी आजाद पर तंज, 'नाम हटाने से इतिहास नहीं बदलेगा...'

लोग जब ताजमहल देखने जाएंगे तो वहां इसे बनाने वालों के बारे में क्या बताएंगे लाल किला किसने बनाया जब पूछा जाएगा तो मुगलों का नाम आए जामिया मस्जिद हुमायूं का मकबरा सफदरजंग मकबरा कुतुब मीनार सभी तो मुगलों की देन हैं। इतिहास हमेशा ही बना रहेता है हम मिट जाएंगे मर जाएंगे यह लोग भी नहीं रहेंगे लेकिन इतिहास बना रहेगा- फारूक अब्दुल्ला

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerPublished: Sat, 19 Aug 2023 05:30 AM (IST)Updated: Sat, 19 Aug 2023 05:30 AM (IST)
फारूक अब्दुल्ला ने गुलाम नबी आजाद के हिंदू वाले बयान पर दिया रिएक्शन (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि गैर भाजपा नेताओं के नाम मिटाने से इतिहास न मिटेगा और न बदलेगा। इतिहास हमेशा बना रहेगा। उन्होंने यह प्रतिक्रिया आज यहां पत्रकारों के साथ बातचीत में उस समय प्रकट की,जब उनसे शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के नाम में से शेरे कश्मीर को हटाए जाने के बारे में पूछा गया।

loksabha election banner

शेरे कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला को कहा जाता है। वह डा फारूक अब्दुल्ला के पिता और उमर अब्दुल्ला के दादा हैं। डा फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार आज हर जगह से नेहरु और इंदिरा गांधी का नाम हटा रही है।

लद्दाख में स्क्रैप साइट के पास हुआ विस्‍फोट, हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत; आठ घायल

भाजपा उन सभी नेताओं के नाम मिटा रही है जो भाजपा से संबधित नहीं हैं, लेकिन इससे क्या होगा, इतिहास नहीं मिटेगा, सच नहीं बदलेगा। इतिहास को मिटाओ या दबाव, यह बना रहता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इतिहास की किताबों से मुगलकालीन दौर को हटाया है, तो क्या यह सच्चाई बदल गई कि यहां मुगल नहीं थे, उन्होंने यहां राज नहीं किया।

लोग जब ताजमहल देखने जाएंगे तो वहां इसे बनाने वालों के बारे में क्या बताएंगे, लाल किला किसने बनाया जब पूछा जाएगा तो मुगलों का नाम आए, जामिया मस्जिद, हुमायूं का मकबरा, सफदरजंग मकबरा, कुतुब मीनार सभी तो मुगलों की देन हैं।

इतिहास हमेशा बना रहता है

इतिहास हमेशा ही बना रहेता है, हम मिट जाएंगे, मर जाएंगे,यह लोग भी नहीं रहेंगे लेकिर इतिहास बना रहेगा। सर्वाेच्च न्यायालय में अनुच्छेद 370 पर जारी सुनवाई संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारा पक्ष मजबूत है। हरेक अपना पक्ष मजबूती से रख रहा हैञ। सर्वाेच्च न्यायालय पहले भी अपने दो पुराने फैसलों में अनुच्छेद 370 का समर्थन कर चुका है।

अंतिम चरण में पहुंची बाबा बर्फानी की यात्रा, श्रद्धालुओं की संख्‍या में नजर आई भारी कमी

हम सभी को उम्मीद है कि हमारा तर्क सबसे मजबूत है। सर्वाेच्च न्यायालय को जम्मू कश्मीर और लद्दाख की जनता के साथ इंसाफ करना है। गुलाम नबी आजाद द्वारा सभी भारतीयों के मूलत: हिंदू होने ,हिंदुओं से मतांतरित हो मुस्लिम बनने संबंधी दिए गए बयान पर डा फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनको इतिहास अच्छी तरह से पता है। मैं उनकी तरफ से जवाब नहीं दे सकता, वही इस विषय में स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं कि आखिर उनहें बयान देने की क्या जरूरत थी।

जम्मू कश्मीर और जम्मू कश्मीर के लोगों का इतिहास विशिष्ट है। इसमें केाई संदेह नहीं एक समय यहां सिर्फ हिंदू थे और इनमें से अधिकांश बौद्ध बन गए थे। जब बौद्ध धर्म का दौर कमजोर हुआ तो यहां लोग फिर अपने पुराने धर्म में लौट आए। फिर यहां आमीर ए कबीर कश्मीर आए जिन्होंने यहां इस्लाम फैलाया। उन्होंने यहां लोगों को व्यापार, दस्तकारी सिखाई। उस समय यहां का हिंदू समाज बंटा हुआ था।

उच्चवर्गीय ब्राह्मण निम्न वर्गीय ब्राह्मणों को मंदिर में आने की अनुमति नहीं थी,जैसे आज कई जगह दलितों को रोका जाता है। उन्होंने जब इस्लाम में कोई भेदभाव नहीं देखा तो उन्होंने इसे कबूल किया। यह इतिहास है। इस्लाम ने यहां तरक्की की,यहां कालीन बुनाई, लकड़ी पर नक्काशी की कला भी इस्लाम के साथ यहां आई। पाक कुरआन ने यहां की न्यायिक व्यवस्था में भी सुधार लाया।

हुर्रियत चेयरमैन मीरवाईज मौलवी उमर फारूक के स्वतंत्र होने संबंधी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान के बारे में पूछे जाने पर डा फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह सरासर झूठ है। मीरवाइज उमर फारूक अपने घर से बाहर नहीं निकल सकता, वह जामिया मस्जिद तक नहीं आ सकता।

अगर वह आजाद है, नजरबंद नहीं है तो फिर उसके घर के आस पासा, उसके घर के दरवाजे पर पुलिस का पहरा क्यों है? उन्होंने पत्रकारों से ही सवाल किया कि क्या आप लोग मीरवाइज का साक्षात्कार ले सकते हो,क्या आप उसे बातचीत कर सकते हैं। अगर ऐसा तो मैं मान लूगा कि वह आजाद है। यहां के हालात आप सभी लोगों को पता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.