'धार्मिक भावनाओं को पहुंची ठेस', हजरतबल विवाद पर बोलीं सकीना इट्टू; CM उमर और फारूक अब्दुल्ला बयानबाजी से बचे
श्रीनगर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और डा. फारूक अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के साथ शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की 43वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर वक्फ बोर्ड की आलोचना हुई और शेख अब्दुल्ला के संघर्ष को याद किया गया। नासिर असलम वानी ने कहा कि उनकी जयंती पर अवकाश हो या न हो वे हमेशा लोगों के दिलों में रहेंगे।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और डा फारुक अब्दुल्ला संग नेशनल कान्फ्रेंस के वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री स्व शेख मोहम्मद अब्दुल्ला को उनकी 43वीं पुण्यतिथि पर नसीम बाग स्थित उनके मकबरे पर आयोजित एक श्रद्धांजली सभा में उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
अलबत्ता डा फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला इस अवसर पर किसी भी बयानबाजी से बचे,लेकिन उनकी शिक्षा मंत्री सकीना इटटू और पार्टी प्रवक्ता तनवीर सादिक हजरतबल दरगाह प्रकरण पर वक्फ बोर्ड की आलोचना से नहीं चूके।
इस बीच, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी ने शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती पर अवकाश के सवाल को टालते हुए कहा कि अवकाश हो ा न हो, लोगों के दिलों में शेख मोहम्मद अब्दुल्ला हमेशा जिंदा रहेंगे, जम्मू कश्मीर की जनता उनकी पुण्यतिथि और जयंती हमेशा मनाती रहेगी।
शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के मकबरे पर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के बाद डा फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला तुरंत निकल गए। उन्होंने मीडिया से बातचीत से परहेज किया। अलबत्ता,, मुख्यमंत्री के सलाहकार नासिर असलम वानी ने मीडिया से बातचीत में कहा यह दिन जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों और सम्मान के लिए शेख अब्दुल्ला के आजीवन संघर्ष की याद दिलाता है।हम आज अपने नेता को याद कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के लोगों का अस्तित्व शेर-ए-कश्मीर के दृष्टिकोण और संघर्ष के कारण ही है।उन्होंने शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती के रद अवकाश को बहाल करने के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि आधिकारिक अवकाश घोषित किया जाए या नहीं, लेकिन दिवंगत नेता की जयंती जोकि दिसंबर में हैं, इस रियासत की जनता मनाती रहेगी।
उन्होंने कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस का गठन सत्ता के लिए नहीं,जम्मू कश्मीर की जनता और इसके हितों के संरक्षण के लिए हुआ हे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता और जडीबल से विधायक तनवीर सादिक ने हजरतबल दरगाह पर हुई हिंसा से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि वहां जो हुआ, वह धार्मिक भावनाओं पर आघात से आहत लोगों की प्रतिक्रिया थी। उन्होंने कहा कि हिंसा किसी का जवाब नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि राजकीय प्रतीक का दुरुपयोग एक गंभीर उल्लंघन है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि "पुलिस को यह भी देखना होगा कि अगर राजकीय प्रतीक का दुरुपयोग होता है, तो यह एक बड़ी बात है... जो कोई भी प्रतीक का दुरुपयोग करता है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पुजिस को वक्फ बोर्ड की ध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए बाकी एफआईआर के बारे में, मुझे लगता है, डराना-धमकाना और पुलिस और पीएसए का हवाला देना यह गलत है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड में धांधलियों की जांच होनी चाहिए। बोर्ड की अध्या को हटाया जाना चाहिए।
शिक्षा मंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस की वरिष्ठ नेता सकीना इट्टू ने हजरतबल दरगाह पर अशोक चिह्न वाली पट्टिका लगाने को लेकर उठे विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस कदम से लोगों की धार्मिक भावनाओं को गहरा ठेस पहुंची है।
वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष ने कश्मीर में हर किसी को आतंकी कहा है जो अनुचित है। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग की और कहा कि जिनकी पृष्ठभूमि स्वयं आतंकवादी रही है, वे पूरी आबादी को आतंकवादी नहीं कह सकते।
मंत्री ने कहा सरकार को लोगों की आवाज सुननी चाहिए और ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए जिससे पवित्र स्थल पर शांति और सद्भाव बिगड़े।
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