लाल किला बम धमाके में कश्मीर से 2 और डॉक्टर गिरफ्तार, आतंकियों की मदद का आरोप
दिल्ली के लाल किले में हुए बम धमाके के मामले में एनआईए ने कश्मीर से दो डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों को गिरफ्तार किया है, जिन पर आतंकी संगठनों से जुड़े होने का आरोप है। श्रीनगर में जैश-ए-मुहम्मद के पोस्टर चिपकाने के मामले की जांच एसआईए को सौंपी गई है। पहले से ही कई डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी हिरासत में हैं।

एनआईए मामले की तह तक जाने के लिए आगे की जांच कर रही है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। दिल्ली के लाल किले में हुए बम धमाके के मामले में एनआईए ने कश्मीर से दो डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों को गिरफ्तार किया है। इन पर आतंकी संगठनों से जुड़े होने का आरोप है। जांच में पता चला है कि ये लोग आतंकी समूहों को सहायता प्रदान कर रहे थे।
दो दिनों में चार डॉक्टरों की गिरफ्तारी से स्पष्ट है कि कश्मीर में गहरी जड़ें जमा चुका था सफेदपोश आतंकी नेटवर्क। 50 से अधिक डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी पहले से ही हिरासत में हैं या गिरफ्तार हो चुके हैं
इसी बीच एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में श्रीनगर के नौगाम और बडगाम के मगाम इलाके में प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद (JeM) के पोस्टर चिपकाए जाने की चल रही जांच को बढ़ाने के लिए यह मामला औपचारिक रूप से राज्य जांच एजेंसी (SIA) को सौंप दिया गया है। ये मामले श्रीनगर के नौगाम और बडगाम के मगाम पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामलों को SIA को हस्तांतरित करने का औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया था। SIA ने कानून की संबंधित धाराओं के तहत जांच को आगे बढ़ाने के लिए एफआईआर संख्या 2 और 3 के तहत दो नए मामले दर्ज किए हैं।
इन एफआईआर में मामले के विभिन्न पहलुओं को शामिल किए जाने की उम्मीद है, जिसमें आतंकी संबंध, धन के स्रोत और अन्य व्यक्तियों की संभावित संलिप्तता शामिल है। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय पुलिस द्वारा प्रारंभिक निष्कर्षों से यह संकेत मिलने के बाद कि इस मामले के अंतर-राज्यीय या सीमा पार निहितार्थ हो सकते हैं, SIA को मामला हस्तांतरित किया गया है।
आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील और जटिल मामलों को संभालने में विशेषज्ञता रखने वाली एसआईए से अपेक्षा की जाती है कि वह नेटवर्क का पता लगाने और गतिविधियों की सीमा निर्धारित करने के लिए उन्नत जाँच तकनीकों का उपयोग करेगी।

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