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    पंजाब में पशु परिवहन से जबरन वसूली का आरोप, कश्मीर मटन डीलरों का कहना- 'पशु किराया शुल्क के नाम पर लाखों की वसूली'

    By Raziya Noor Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 04:45 PM (IST)

    कश्मीर के मटन व्यापारियों ने पंजाब में पशु परिवहन के दौरान जबरन वसूली का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 'पशु किराया शुल्क' के नाम पर उनसे लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं। डीलरों का आरोप है कि विरोध करने पर उन्हें परेशान किया जाता है। 

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    कश्मीर के व्यापारियों ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है ताकि मटन की कीमतें न बढ़ें।

    जागरण संवाददाता, श्रीनगर। कश्मीर के मटन डीलरों ने पंजाब राजमार्गों पर निजी ठेकेदारों द्वारा कथित बढ़ती गुंडागर्दी पर गंभीर चिंता जताई है। व्यापारियों ने कहा कि उनके पशुओं से भरे ट्रकों को रास्ते में जबरन रोका जा रहा है और उन्हें पशु किराया शुल्क के नाम पर भारी रकम चुकाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

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    डीलरों के अनुसार, यह तब होता है जब वे पंजाब में पशुओं की खरीदारी नहीं करते और केवल परिवहन के लिए इस मार्ग का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि ठेकेदार कई जगहों पर वाहनों को रोकते हैं, रुकावटें पैदा करते हैं और ट्रक चालकों पर तब तक दबाव डालते हैं जब तक वे भुगतान करने के लिए सहमत नहीं हो जाते। व्यापारियों ने कहा कि मांगी गई रकम अलग-अलग होती है, लेकिन यह इतनी ज़्यादा होती है कि इससे उनकी परिचालन लागत प्रभावित होती है और कश्मीर के बाजारों में आपूर्ति में देरी होती है।

    स्थिति बिगड़ती जा रही है

    मटन डीलरों ने कहा कि हाल के हफ्तों में स्थिति बिगड़ती जा रही है और इससे उन ट्रक चालकों के लिए अनिश्चितता पैदा हो गई है जो पशुओं के साथ लंबी दूरी तय करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजमार्ग के कुछ हिस्सों में अवरोध एक संगठित पैटर्न में बदल गया है जहां वाहन चालकों का अक्सर सामना होता है।

    फिरदौस अहमद गनई नामक एक मटन डीलर ने कहा,यह एक गंभीर समस्या है। हमें राजमार्गों पर तंग कर न केवल हमें आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाने की कोशिशें की जाती हैं बलकि हमें अब अपनी सुरक्षा की भी चिंता हो रही है। गनई ने कहा,प्रशासन की मामले की फौरन सुध लेनी चाहिए।

    अधिकारियों से हस्तक्षेप करने की उठी मांग

    विक्रेताओं ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब दोनों के अधिकारियों से हस्तक्षेप करने और पशुधन वाहनों के लिए सुरक्षित, निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर इस मुद्दे का समाधान नहीं किया गया, तो मांस आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है और पहले से ही उच्च परिवहन और खरीद लागत से जूझ रहे व्यापारियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ सकता है।

    उन्होंने पुलिस और नियामक एजेंसियों से उन चौकियों की जांच करने का भी आग्रह किया जहाँ ठेकेदार कथित तौर पर जबरन वसूली कर रहे हैं, और कहा कि आगे उत्पीड़न को रोकने के लिए जवाबदेही आवश्यक है।