जम्मू-कश्मीर के शिल्पकारों, बुनकरों की कला को दें नई पहचान; जानें एलजी मनोज सिन्हा ने देशवासियों से क्या की अपील?
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने देशवासियों से कश्मीरी शिल्पकारों और बुनकरों की कला को नई पहचान देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की कला अद्वितीय है और इसे बढ़ावा देना सबका कर्तव्य है। सरकार शिल्पकारों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।

सिन्हा ने इस कला को वैश्विक पहचान दिलाने में मदद करने की अपील की है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने देशवासियों से जम्मू-कश्मीर के शिल्पकारों और बुनकरों द्वारा तैयार उत्पाद खरीदने का आग्रह किया है। वह शुक्रवार को यहां पश्मीना बुनकरों और उद्यमियों द्वारा आयोजित पश्मीना आर्टिसन अवार्ड्स समारोह में स्थानीय बुनकरों और शिल्पकारों को सम्मानित कर रहे थे।
उपराज्यपाल ने कहा कि हम स्थानीय उत्पादों को खरीद कर न सिर्फ अपने शिल्पकारों और उद्योगों को मजबूत बनाते हैं, बल्कि राष्टीय अर्थव्यवस्था में योगदान करने के साथ रोजगार को भी पैदा करते हैं। स्थानीय उत्पादों को खरीद हम देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी सहयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि देश का बढ़ता मध्यम वर्ग, जो 2030 तक आधी आबादी से अधिक हो सकता है, जम्मू-कश्मीर के हस्तनिर्मित उत्पादों के लिए एक मजबूत घरेलू बाजार तैयार करेगा।
जम्मू-कश्मीर समृद्ध रचनात्मक परंपरा का भंडार
शिल्पकारों की कला और कौशल की सराहना करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर समृद्ध रचनात्मक परंपरा का भंडार है और यह उसके विशिष्ट और अभिनव हस्तनिर्मित उत्पादों में प्रकट होती है।
प्रदेश के हस्तशिल्प निर्यात में वृद्धि हुई है और इसे वैश्विक हस्तकला बाजार में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त हुआ है। ये हाथ केवल उत्पाद नहीं बुन रहे हैं, बल्कि हर धागे, हर सूक्ष्म डिज़ाइन और हर कोमल शेड में जादू बुन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, नई योजनाओं और नीतिगत हस्तक्षेपों के साथ-साथ मजबूत बुनियादी ढांचे के विकास ने युवा और अनुभवी शिल्पकारों को व्यापक समर्थन प्रदान किया है और प्रदेश की विशिष्ट सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत को पुनर्जीवित किया है।
उत्पाद के पीछे कुशल हाथों को पहचान दिलाने पर जोर
उपराज्यपाल ने सभी संबंधित विभागों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि शिल्पकारों को नई जीएसटी सुधारों से प्रत्यक्ष लाभ मिले। उन्होंने भारत और विदेशों में प्रमुख हवाई अड्डों, शॉपिंग माल और ई-कामर्स साइट पर जम्मू-कश्मीर की सुंदर कला की दृश्यता बढ़ाने और उत्पाद के पीछे कुशल हाथों को पहचान दिलाने पर जोर दिया।
उपराज्यपाल ने कहा कि हमें उन शहरों और गांवों को भी वैश्विक हस्तकला मानचित्र पर बढ़ावा देना चाहिए जो अपने शिल्पकारों के लिए प्रसिद्ध हैं ताकि दशकों से इस कला को जीवित रखने वाले शिल्पकारों और कारीगरों को उनका उचित सम्मान और पहचान मिल सके।
इस अवसर पर आयुक्त सचिव उद्योग एवं वाणिज्य विभाग विक्रमजीत सिंह, पूर्व अध्यक्ष केवीआइबी डा हिना शफी भट्ट, निदेशक हस्तशिल्प एवं हथकरघा कश्मीर मुसर्रत जिया, अध्यक्ष पश्मीना एंटरप्रेन्योर्स मेकर्स एंड आर्टिसंस फाउंडेशन और फाउंडेशन के पदाधिकारी तारिक डार, वरिष्ठ अधिकारी, व्यापार और उद्योग संगठनों के सदस्य, शिल्पकार और कारीगर उपस्थित थे।

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