तीन माह में ही टूट गया पीपुल्स एलांयस, जस्टिस एंड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने पीएसी से खुद को किया अलग, यह रही वजह
पीपुल्स एलायंस (पीएसी) को तीन महीने में ही झटका लगा जब जस्टिस एंड डेमोक्रेटिक फ्रंट (जेडीएफ) ने गठबंधन से नाता तोड़ लिया। जेडीएफ के अध्यक्ष इंजीनियर एजाज अहमद ने पीएसी पर उचित महत्व न देने और समन्वय की कमी का आरोप लगाया। जेडीएफ अब भविष्य की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करेगा और समान विचारधारा वाले दलों के साथ काम करने को तैयार है।

जेडीएफ अपना अलग उम्मीदवार उतारना चाहती है। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। कश्मीर के लोगों को एक यथार्थवादी राजनीतिक मंच प्रदान करने का दावा कर तीन माह पहले अस्तित्व में आया पीपुल्स एलांयस फार चेंज (पीएसी) टूट गया है। गठबंधन में बिखराव बडगाम विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर उम्मीदवार के मुद्दे पर हुआ है।
जस्टिस एंड डेमोक्रेटिक फ्रंट (जेडीएफ) ने पीएसी से खुद को अलग कर लिया है। जेडीएफ में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के कुछ प्रुमख कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इन लोगों ने विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार भाग लिया था।
पीएसी का गठन 30 जून को श्रीनगर में किया गया था। सज्जाद गनी लोन ने पीएस के गठन का एलान करते हुए कहा था कि पीपुल्स कान्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट व जेडीएफ का गठजोड़ जम्मू-कश्मीर के लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए काम करेगा।
यह उन्हें सामाजिक-राजनीतिक न्याय प्रदान करेगा और एक यथार्थवादी राजनीतिक मंच प्रदान करेगा। यह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली और राजनीतिक-सामाजिक-सांस्कृतिक संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
जेडीएफ के महासचिव सयार अहमद रेशी ने पीएसी से अलग होने की पुष्टि करते हुए कहा कि हमारे अन्य घटक दलों के साथ कुछ नीतिगत मतभेद हैं। बडगाम विधानसभा चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हम अगले एक दो दिन में चुनाव को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर देंगे।
इस बीच, पीएसी से संबंधित सूत्रों ने बताया कि जेडीएफ पहले इस बात को लेकर राजी थी कि बड़गाम विधानसभा के उपचुनाव में एक साझा उम्मीदवार उतारा जाए और अब वह इससे पीछे हट गई है। वह अपना अलग उम्मीदवार उतारना चाहती है।
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