जम्मू-कश्मीर चुनाव में वोट दिया, राशन और आधार कार्ड भी है पास, पाकिस्तानी नागरिक के खुलासे से अफसरों की उड़ी नींद
जम्मू-कश्मीर में रह रहे एक पाकिस्तानी नागरिक के दावे ने अधिकारियों के होश उड़ा दिए हैं। 17 साल से उरी में रहने वाले ओसामा इम्तियाज ने दावा किया है कि उसने उरी विधानसभा क्षेत्र से मतदान भी किया था। इस खुलासे के बाद चुनाव अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। ओसामा को बुधवार को अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पाकिस्तानी नागरिक ने जो कहा उससे जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के होश उड़ गए और निर्वाचन अधिकारियों ने आनन-फानन में जांच शुरू कर दी है।
17 वर्ष तक बारामूला के उरी में रह रहे पाकिस्तान नागरिक ओसामा इम्तियाज ने दावा किया था कि उसने उरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में मतदान भी किया था। ओसामा को अब अधिकारियों ने बुधवार को अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भिजवा दिया है।
बारामूला जिले के चुनाव अधिकारी ने उसके द्वारा स्थानीय मतदाता सूची में अपना नाम पंजीकृत कराने और मतदान करने के मामले में जांच का आदेश देते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई है। ओसामा ने गत बुधवार को अमृतसर में मीडिया से बातचीत में बताया कि वह 24 नवंबर2008 को 15 दिन के वीजा पर उरी आया था। वीजा समाप्त होने के बाद उसने उसकी अवधि बढ़वा ली।
रिश्तेदार के यहां रह रहा था ओसामा
इसके साथ उसने एक स्थानीय स्कूल में दाखिला लिया। उसने राशनकार्ड और आधार कार्ड भी बनवाया। वह कंप्यूटर साइंस में डिग्री की पढ़ाई कर रहा है। वह 17 वर्षों से उरी में अपने रिश्तेदारों के पास ही रह रहा था।
ओसामा का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने से अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठने लगे। इसपर चुनाव अधिकारी बारामूला ने गुरुवार को एक्स पर कहा, जांच के आदेश दिए गए हैं और एफआईआर दर्ज करने को कहा गया है।
कई मामले हैं ऐसे
यहां सिर्फ एक ओसामा नहीं, ऐसे कई हैं लोग इस बीच, उरी के एक निवासी ने कहा कि यहां सिर्फ ओसामा का मामला नहीं है, यहां ऐसे कई लोग हैं।
उरी , बांदीपोरा, कुपवाड़ा में ही नहीं श्रीनगर, जम्मू, राजौरी, पुंछ में भी ऐसे कई लोग हैं जिनका आधा खानदान गुलाम जम्मू-कश्मीर में है और आधा इस तरफ बसा है। इनमें से कई के रिश्तेदार अब यहां आने के बाद वापस नहीं लौटे और यहीं बस गए हैं।
गुलाम जम्मू-कश्मीर की महिलाओं ने लड़ा था चुनाव
कुपवाड़ा में रह रही पूर्व आतंकियों की पत्नी ने बिना भारतीय नागरिकता लिए 2020 में जिला विकास परिषद का चुनाव लड़ा था, हालांकि, इस बात के खुलासे के बाद मतगणना पर रोक लगा दी गई और बाद में दोनों क्षेत्रों में पुनर्मतदान करवाया गया।
कुपवाड़ा के द्रगमुला क्षेत्र से पूर्व आतंकी की पत्नी सोमिया सदफ और हाजिन क्षेत्र से शाजिया असलम ने चुनव लड़ा। मतदान के बाद यह मुद्दा एकाएक तूल पकड़ गया और अधिकारियों ने चुनाव परिणाम पर रोक लगा दी। बाद में फिर से चुनावहै। सोमिया सदफ गुलाम जम्मू-कश्मीर के मुजफ्फराबाद की रहने वाली हैं और 2010 में विवाह रचाकर कश्मीर आई थी।
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