पाकिस्तान में बैठा हिजबुल कमांडर कर रहा आतंकी फंडिंग, हर माह दिए 15 हजार रुपये; पूरे JK में तैयार किया मजबूत नेटवर्क
Terrorism in Jammu-Kashmir जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए आतंकी संगठन मारे गए और पकड़े गए प्रत्येक आतंकी व ओवरग्राउंड वर्कर के परिवार को हर माह 15 हजार रूपये की वित्तीय मदद उपलब्ध करा रहे हैं। यह जिम्मा हिजबुल मुजाहिदिन के पाकिस्तान स्थित विंग के स्यंभू डिप्टी चीफ कमांडर जफर हुसैन बट उर्फ खुर्शीद कश्मीरी उर्फ मौलवी ने संभाल रखा है।

नवीन नवाज, जम्मू। Terrorism in Jammu-Kashmir: जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को जिंदा रखने के लिए आतंकी संगठन मारे गए और पकड़े गए प्रत्येक आतंकी व ओवरग्राउंड वर्कर के परिवार को हर माह 15 हजार रूपये की वित्तीय मदद उपलब्ध करा रहे हैं।
हिजबुल मुजाहिदिन के संगठन ने ली जिम्मेदारी
यह जिम्मा हिजबुल मुजाहिदिन के पाकिस्तान स्थित विंग के स्यंभू डिप्टी चीफ कमांडर जफर हुसैन बट उर्फ खुर्शीद कश्मीरी उर्फ मौलवी ने संभाल रखा है। उसने इसके लिए पूरे कश्मीर में एक अपना एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर रखा है।
दक्षिण कश्मीर के पांच ठिकानों की ली तलाशी
प्रदेश जांच एजेंसी एसआइए ने बुधवार को इसी नेटवर्क से जुड़े तत्वों के दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग व कुलगाम में पांच ठिकानों की तलाशी ली है। इस दौरान एसआईए ने वित्तीय लेन-देन से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल फोन व सिमकार्ड, पेन ड्राइव समेत कुछ अन्य डिजिटल उपकरण और पासपोर्ट जब्त किए हैं।
इस तरह हुआ नेटवर्क का खुलासा
मामले की जांच कर रहे एसआईए के एक अधिकारी के अनुसार, मारे गए और पकड़े गए आतंकियों व उनके ओवरग्राउंड वर्करों की वित्तीय मदद के इस नेटवर्क का खुलासा 19 नवंबर को अनंतनाग में पकड़े गए एक आतंकी ओवरग्राउंड वर्कर माजिद अजीज लावे ने किया था।
मारे गए आतंकियों के परिवार को बांटना था पैसा
लावे को पांच लाख रूपये की राशि संग पकड़ा गया था।पूछताछ में पता चला था कि उसने यह पैसा दक्षिण कश्मीर में उन परिवारों में बांटना था,जिनका कोई स्वजन आतंकी बनने के बाद मारा गया था। उसने बताया कि यह पैसा जफर हुसैन बट उर्फ खुर्शीद कश्मीरी ने अपने नेटवर्क के जरिए उसे उपलब्ध कराया है।
कश्मीरी हिंदू की हत्या के भी दिए थे पैसे
इस वर्ष फरवरी में अच्छन पुलवामा में हुई कश्मीरी हिंदू संजय शर्मा की हत्या में शामिल आतंकियों के लिए हथियार व पैसा भी जफर बट उर्फ खुर्शीद कश्मीरी ने ही उपलब्ध कराया था। दक्षिण कश्मीर में जिला अनंतनाग के लीवर कुलगाम का रहने वाला जफर हुसैन बट उर्फ खुर्शीद कश्मीरी उर्फ मौलवी बीते कई वर्ष से पाकिस्तान में ही है।
जफर हुसैन बट मुजाहिदीन में रखता है नंबर तीन की हैसियत
वह हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू सुप्रीम कमांडर मोहम्मद युसुफ उर्फ सैयद सल्लाहुदीन और डिप्टी सुप्रीम कमांडर गुलाम नबी खान उर्फ आमिर खान का विश्वस्त है। हिजबुल मुजाहिदीन में नंबर तीन की हैसियत रखता है। गुलाम नबी खान उर्फ आमिर खान भी लीवर पहलगाम का रहने वाला है।
जफर और गुलाम के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी
जफर और गुलाम नबी के खिलाफ बीते वर्ष रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया गया है। यह दोनों सैयद सल्लाहुदीन व अन्य आतंकियों के साथ जम्मू कश्मीर अफैक्टीज रिलीफ ट्रस्ट की आड़ में जम्मू कश्मीर में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों की फंडिंग के मामले एनआइए को भी वांछित हैं।
आतंकियों की मदद के लिए तैयार किया हुआ है व्यापक वित्तीय तंत्र
जांच में पता चला है हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू सु्प्रीम कमांडर मोहम्मद युसफ शाह उर्फ सैयद सल्लाहुदीन ने लश्कर ए तैयबा, जैश व अन्य प्रतिबंधित संगठनों के साथ मिलकर जम्मू कश्मीर में सक्रिय और पकड़े गए आतंकियों व मारे गए आतंकयों के परिवारों और ओवरग्राउंड वर्करों व अन्य साथियों की वित्तीय मदद के लिए एक व्यापक वित्तीय तंत्र तैयार किया है।
हर माह दी जाती थी 15 हजार की नकद राशि
इस तंत्र के जरिए संबधित लोगों तक हर माह 15 हजार रूपये की नकद राशि पहुंचायी जाती है। यह पैसा सिर्फ पाकिस्तान या किसी अन्य मुल्क के रास्ते हवाला के जरिए ही नहीं भेजा जाता, बल्कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय स्तर पर भी विभिन्न माध्यमों से जमा कर बांटा जाता है। इस तंत्र की कमान जफर हुसैन बट उर्फ खुर्शीद कश्मीरी को सौंपी गई है।
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आतंकियों को हथियार भी उपलब्द कराता था जफर
जफर हुसैन बट ने कश्मीर के विभिन्न हिस्सों अपना एक नेटवर्क तैयार कर रखा है जिसके जरिए न वह सिर्फ पैसा जुटाता और बांटता है बल्कि हथियार भी उपलब्ध कराता है। वह अपने नेटवर्क के साथ बातचीत के लिए वीओआइपी आधारित ऐप का इस्तेमाल करता है और उन्हें बताता है कि पैसा किस आदमी तक कब और कैसे पहुंचाना है।
आतंकी हिंसा को जारी रखने के लिए
यह वित्तीय तंत्र जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा को जारी रखने, नए आतंकियों को तैयार करने और कश्मीर से बाहर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। इसमें शामिल विभिन्न तत्वों की लगातार निगरानी की जा रही और सभी आवश्यक साक्ष्य जुटा उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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