पाकिस्तान ने पार की बेशर्मी की हद, निर्दोष लोगों को बनाया निशाना; घायल इंजीनियरिंग की छात्रा ने बताया कैसे हुआ हमला
जम्मू में हुए ड्रोन हमले में रिहाड़ी निवासी हिताक्षी गुप्ता और उनके पिता नीरज गुप्ता घायल हो गए। हिताक्षी ने बताया कि सुबह करीब 530 बजे उनके घर के सामने धमाका हुआ जिससे खिड़कियों के शीशे टूट गए और छर्रे उनके घर में लगे। हिताक्षी और उनके पिता दोनों को चोटें आईं। हिताक्षी ने इस हमले को आम नागरिकों को निशाना बनाने की कोशिश बताया।

सुरेंद्र सिंह, जम्मू। तेज आवाज का जोर से धमाका हुआ और उसके बाद कमरे की खिड़कियों के शीशे टूटने की आवाज आई। इससे पहले कि मुझे कुछ समझ आता मैंने देखा कि मेरे पेट के निचले हिस्से से खून बह रहा है।
एक पल तो मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं कोई सपना देख रही हूं लेकिन जब तेज दर्द महसूस हुआ तो मुझे पता चला कि यह सपना नहीं, बल्कि हकीकत है।
उनके कमरे के बाहर धुआं-धुआं था और बाहर शोर मचना शुरू हो गया था। यह कहना था पाकिस्तान के ड्रोन हमले में घायल हुई रिहाड़ी में रहने वाली युवती हिताक्षी गुप्ता का जो इस हमले में अपने पिता नीरज गुप्ता के साथ घायल हुई है।
इंजीनियरिंग कर रही हैं हिताक्षी
हिताक्षी ने बताया कि वह अपने पिता के साथ घर की ऊपरी मंजिल में बने कमरे में सोई थी कि सुबह करीब 05:30 बजे उनके घर के सामने एक घर पर ड्रोन हमला हुआ।
हालांकि, यह ड्रोन सीधे उनके घर पर तो नहीं गिरा लेकिन इससे हुए धमाके के चलते उनके घर की खिड़कियों के शीशे तक टूट गए और उस ड्रोन के छर्रे उनके घर तक पहुंच गए।
हिताक्षी माइट कॉलेज में कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रही हैं और इस समय उसका कालेज में आखिरी सेमेस्टर चल रहा है।
हिताक्षी का कहना है कि जिस जगह उनका घर है वह शहर के बीचो-बीच एक रिहायशी इलाका है और वहां पर अगर पाकिस्तान ड्रोन हमले कर रहा है तो इसका सीधा मतलब है कि वह आम लोगों को निशाना बनाकर ज्यादा से ज्यादा नुकसान करने का प्रयास कर रहा है।
ड्रोन हमले में कई लोग घायल
वही इस हमले में घायल हुए हिताक्षी के पिता नीरज गुप्ता, जो स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है ने बताया कि वह अपनी बेटी के साथ ही कमरे में सोए थे। सुबह वह 6:00 बजे उठकर वह आश्रम में जाते हैं और वह कुछ देर बाद खुद कर वहां पर जाने वाले थे लेकिन तभी ड्रोन हमले में वह घायल होंगे।
उन्होंने बताया कि उनकी पीठ खिड़की की तरफ थी और जब ड्रोन के स्प्लिंटर उनकी पीठ पर लगे तो पहले उन्हें कुछ एहसास नहीं हुआ लेकिन बाद में पीठ पर तेज जलन व दर्द महसूस हुई तो उन्हें पता चला कि वह घायल हो चुके हैं। नीरज गुप्ता का कहना है कि इस हमले में उनकी व उनके परिवार की जान बची है और इसके लिए वह भगवान का धन्यवाद करते हैं।

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