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    पहलगाम आतंकी हमला: 2 महीने बाद NIA की बड़ी कामयाबी, दो ओवरग्राउंड वर्कर गिरफ्तार; फारूक अब्दुल्ला ने जताई खुशी

    Updated: Sun, 22 Jun 2025 07:08 PM (IST)

    पहलगाम नरसंहार के दो महीने बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में दो ओवरग्राउंड वर्करों (OGW) को गिरफ्तार किया है। इन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को सुरक्षित ठिकाना और अन्य सहायता प्रदान की थी, जिन्होंने धर्म पूछकर 25 पर्यटकों और एक स्थानीय घोड़ेवाले की हत्या की थी। 

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    पहलगाम आतंकी हमला: दो ओवरग्राउंड वर्कर गिरफ्तार। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पहलगाम नरसंहार के ठीक दो माह बाद रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइई ने गुनाहगारों के दो ओवरग्राउंड वर्करों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। दोनों ने प्रांरभिक पूछताछ में बताया है कि धर्म पूछकर 25 पर्यटकों को चुन-चुन कर मारने वाले तीनों आतंकी पाकिस्तानी थे और उनका संबंध लश्कर-ए-तैयबा से है।

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    दोनों ने आतंकियों को सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराया था। फिलहाल, दोनों से पूछताछ जारी है। इन दोनों की गिरफ्तारी को बैसरन पहलगाम नरसंहार मामले में अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।

    उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम से छह किलोमीटर दूर स्थित बैसरन में आतंकी हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय घोड़ेवाला मारा गया है। हमले के बाद आतंकी वहां से भाग निकले और सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया कि हमले मे पांच आतंकी शामिल हैं,जिनमें से दो स्थानीय और तीन विदेशी आतंकी हैं।

    इसके अलावा आतंकियों काे जांच एजेंसी को कोई अन्य सुराग नहीं मिला था। बैसरन हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर किया है। बैसरन नरसंहार की जांच कर रही एनआइई के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले से जुड़े हर पहलू की जांच के आधार पर आतंकियों के दो ओवरग्राउंड वर्कर पकड़े गए हैं। इनके नाम परवेज अहमद जोथड़ निवासी बटकोट पहलगाम और बशीर अहमद जोथड़ निवासी हिलपार्क पहलगाम हैं।

    इन दोनों ने बैसरन पहलगाम नरसंहार से पहले लश्कर ए तैयबा के तीन आतंकियों को हिलपार्क के पास अपनी एक ढोक में ठहराया था। इन दोनों ने आतंकियों को राशन-पानी व अन्य साजो सामान भी उपलब्ध कराया था। हमले से कुछ समय पहले तक तीनों विदेशी आतंकी इनके द्वारा उपलब्ध कराई गई ढोक में ही छिपे थे।

    हमले के बाद आतंकी किसी अन्य ठिकाने की तरफ चले गए। हिलपार्क पहाड़ी और बैसरन में लगभग डेढ़ किलोमीटर का फासला है। प्रवक्ता ने बताया कि पकड़े गए दोनों ओवरग्राउंड वर्करों से पूछताछ जारी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या पूर्व में भी यह कभी आतंकियों के लिए काम करते थे या पहली बार ही किसी आतंकी गतिविधि में शामिल हुए हैं।

    प्रवक्ता ने बताया कि दोनों से पूछताछ हो रही है। इस बीच, संबधित अधिकारियों ने बताया कि बैसरन पहलगाम नरसंहार के बाद एनआइए समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम और उसके आस पास के इलाकों समेत पूरी वादी में लगभग 250 संदिग्ध तत्वों से पूछताछ की। इनमें बड़ी संख्या में पूर्व आतंकी और उनके पुराने ओवरग्राउंड वर्कर शामिल थे।

    इनमे से लगभग 100 तत्वों को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी भी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि हमले में लिप्त प्रत्येक आतंकी के लिए 20 लाख रूपये का इनाम घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि इन दो ओवरग्राउंड वर्करों का पकड़ा जाना इस मामले की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है । यह उन तीनों आतंकियों के साथ सीधे संपर्क में थे जिन्होने बैसरन में धर्म पूछकर पर्यटकों को कत्ल किया है।

    नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बैसरन पहलगाम नरसंहार में लिप्त आतंकियों के दो ओवरग्राउंड वर्करों के पकड़े जाने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने कहा अब यह दो पकड़े गए हैं तो जल्द ही अन्य कातिल भी पकड़े जाएंगे। इन सभी को कठोर दंड दिया जाए।