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    27 पर्यटकों की मौत... फुल प्लानिंग... सैलानियों को ही क्यों बनाया निशाना, पहलगाम हमले की पाकिस्तान में रची गई साजिश?

    पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर कश्मीर और देश को दहला दिया है। इस हमले से कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। यह पाकिस्तान की साजिश का हिस्सा है जिसका मकसद कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित क्षेत्र साबित करना है। हमले के समय भारत के प्रधानमंत्री सऊदी अरब में थे और अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत दौरे पर थे।

    By naveen sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 22 Apr 2025 10:06 PM (IST)
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    कश्मीर को फिर से एक अंतरराष्ट्रीय विवादित हिंसाग्रस्त क्षेत्र साबत करने का षडयंत्र का हिस्सा है यह हमला

    नवीन नवाज, श्रीनगर। Pahalgam Attack: लश्कर ए तैयबा के हिट स्क्वॉड द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के आतंकियों ने मंगलवार को पहलगाम में 27 पर्यटकों की हत्या कर न सिर्फ कश्मीर को बल्कि पूरे देश को दहला दिया है। यह हमला कश्मीरमें आतंकियों द्वारा एक और नरसंहार तक सीमित नहीं है।

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    इसने कश्मीर में सुरक्षा तंत्र की मजबूती के सरकारी ढोल की पोल खोल दी है। यह हमला कश्मीर को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय जगत में एक विवादित क्षेत्र के रूप में प्रचारित करने के पाकिस्तानी षड्यंत्र का एक हिस्सा है। यह हमला उस समय हुआ, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे और भारत में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का दौरा चल रहा है।

    यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि आज से 20 वर्ष पूर्व वर्ष 2000 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के भारत दौरे के दौरान पहलगाम से कुछ ही दूरी पर स्थित छत्तिसिंहपोरा में 35 सिखों क हत्या की थी। यह हत्याकांड भी लश्कर के आतंकियों ने ही अंजाम दिया था।

    आतंकियों के इरादे का लगातार मिल रहा था इनपुट

    सूत्रों के अनुसार, जम्मू कश्मीर में हालात के पूरी तरह सामान्य होने, आतंकियों के पारिस्थितिक तंत्र को लगभग नष्ट किए जाने के सरकारी दावों के बीच बीतेकुछ समय से लगातार इनपुट मिल रहे थे कि आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।

    आतंकी न सिर्फ सुरक्षाबलों पर किसी जगह सनसनीखेज हमला करेंगे बल्कि वह पर्यटकों और अल्पसंख्यकों को भी निशाना बनाएंगे और वह यह हमला पर्यटन सीजन के जोर पकड़ने के साथ कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को समय समय पर अलर्ट भी किया जा रहा था।

    इसे देखते हुए विभिन्न वादी समेत पूरे प्रदेश में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया गया था और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों लगातार यही दोहरा रही थी कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी आठ अप्रैल को श्रीनगर में एकीकृत मुख्यालय की बैठक में जम्मू कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लिया था। इसमें भी आतंकी हमलों की आशंका पर चर्चा हुर्ह थी और उसके बाद पूरे प्रदेश में एक व्यापक सुरक्षा आकलन हुआ और उसके आधार पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई।

    तो इसलिए पाकिस्तान ने कराया हमला?

    लश्कर कमांडर मौलाना कसूरी ने गत फरवरी में गुलाम जम्मू कश्मीर में आतंकियों के एक बैठक में कहा था कि आने वाले दिनों में कश्मीर में उनकी जिहादी गतिविधियां तेज होंगी। गत दिनों पाकिस्तानी सेना के जनरल आसिम मुनीर ने भी कश्मीर को लेकर भड़काऊ बयान दिया है। इसलिए इस हमले को सिर्फ आतंकी हमले तक सीमित नहीं समझना चाहिए।य

    ह हमला कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विवादित और हिंसाग्रस्त क्षेत्र के रूप में प्रचारित करने की पाकिस्तान की पुरानी रणनीति का एक हिस्सा है। विगत पांच वर्षों में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान पूरी तरह से बैकफुट पर है। आतंकियों का भी नेटवर्क लगभग नष्ट हो चुका है।

    पाकिस्तान और गुलाम जम्मू कश्मीर में भी अब कश्मीर जिहाद के मुद्दे पर उनका विरोध शुरू हो चुका है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर को अब शायद ही कोई खुलकर विवादित बताता है। यह हमला कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से विवादित बनाने का एक जरिया बनाने के लिए ही किया गया है।

    पुलवामा का कांड के बाद पहला बड़ा आतंकी हमला

    पहलगाम हमला वर्ष 2019 के पुलवामा कांड के बाद पहला बड़ा आतंकी हमला है। यह हमला उस समय हुआ,जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर गए हैं। सऊदी अरब कभी कश्मीर में आजादी के नारे और कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थक रहा है।

    इसके अलावा यह हमला अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के भारत दौरे के समय हुआ है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के 20 मार्च 2000 को भारत दौरे के दौरान लश्कर ए तैयबा के आतंकी मुजम्मिल ने अपने साथियों संग मिलकर छत्तीसिंहपोरा में 35 सिखों का नरसंहार किया था। अमेरिका से ही कुछ समय पहले लश्कर आतंकी तहुव्वर राणा को भारत लाया गया है।

    अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री के सऊदी अरब में होने के समय यह हमला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर के संदर्भ में सुर्खियां बटोरेगा। हमले में विदेशी पर्यटक भी मारे गए हैं। हमले से उपजे हालात पर अमेरिका कश्मीर को फिर से भारत-पाकिस्तान के बीच का एक विवादित मुद्दा बता सकता है और यही पाकिस्तान व उसके एजेंट चाहते हैं।

    इसके अलावा इस हमले में जिस तरह से आतंकियों ने सिर्फ पर्यटकों को,निशाना बनाया है, उससे पता चलता है कि वह इस नरसंहार के जरिए पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा केा भड़काना चाहते हैं। उन्होंने धर्म विशेष के आधार पर पर्यटकों को कत्ल किया है।

    हमले से सरकारी दावों भी खुली पोल

    जम्मू-कश्मीर मामलों के जानकार डॉ अजय च्रंगू ने कहा कि इस हमले ने जम्मू कश्मीर में सबकुछ ठीक होने, हालात नियंत्रित होने के सरकारी दावों की भी पोल खोल दी है। लेकिन इस हमले के मायने समझने की जरुरत है। आप हमले के समय को देखिए और आतंकियों द्वारा सिर्फ पुरूषों को निशाना बनाया जाना और वह भी धर्म के आधार पर, उन्होंने एक विदेशी पर्यटक का भी कत्ल किया है। उन्होंने यह सब अमेरिका के उपराष्ट्रपति के दौरे के समय ही क्यों किया, उत्तर सभी को पता है।

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