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    Pahalgam Attack: आतंकियों ने की थी नरसंहार की रिकॉर्डिंग, यहां छुपाया था कैमरा; NIA की जांच में बड़ा खुलासा

    Updated: Mon, 28 Apr 2025 06:50 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की जांच अब NIA ने अपने हाथ में ले ली है। एजेंसी ने जम्मू में मामला दर्ज कर लिया है और कई टीमें जांच में जुट गई हैं। प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ में पता चला है कि आतंकियों ने बॉडी कैमरों से अपने इस बर्बर कृत्य की रिकॉर्डिंग भी की थी।

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    आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की जांच करते भारतीय सुरक्षा अधिकारी

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों द्वारा किए नरसंहार की जांच के लिए एनआईए ने मामला दर्ज कर लिया है। अब कई टीमें जांच में जुट गई हैं। आतंकी हमले के सबूत जुटाने के लिए कुछ प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की गई है।

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    इनके हवाले से अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने अपने इस बर्बर कृत्य की रिकॉर्डिंग भी की थी। इसके लिए उन्होंने बॉडी कैमरों का इस्तेमाल किया था। इस हमले में 25 पर्यटकों समेत 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी। हमले में 20 लोग घायल भी हुए हैं।

    प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही एनआईए की टीम

    एनआइए से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने जम्मू में मामला दर्ज किया है। एजेंसी ने अनौपचारिक तौर पर जांच हमले वाले दिन गत मंगलवार से ही शुरू कर दी थी। तब स्थानीय पुलिस को लेकर एनआईए के आईजी के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची थी।

    एनआईए की टीमें वारदात वाले दिन से ही घटनास्थल पर हैं। एनआईए के अनुसार जांच टीमें आईजी और डीआईजी स्तर के दो अधिकारियों व एक पुलिस अधीक्षक की देखरेख में प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही हैं।

    यह वह लोग हैं, जिन्होंने पहलगाम में बैसरन में अपनी आंखों के सामने भयानक हमले को होते देखा था। इसके अलावा एनआईए अधिकारियों की अलग-अलग टीमें आतंकी हमले में बचे लोगों से जानकारी हासिल करने के लिए देश भर का दौरा कर रही हैं।

    बैसरन में प्रवेश और बाहर जाने वाले रास्तों की बारीकी से जांच

    एनआईए ने एक बयान में कहा है कि जांच टीमें पहलगाम के बैसरन में प्रवेश और बाहर जाने वाले सभी रास्तों की बारीकी से जांच कर रही हैं। फोरेंसिक और अन्य विशेषज्ञों की मदद से पूरे इलाके की गहन जांच की जा रही है। यह हमला कश्मीर में हुए सबसे भीषण आतंकी हमलों में से एक है। इसलिए इसे अंजाम देने वाले घटनाक्रमों को एक साथ जोड़ने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों से भी बारीकी से पूछताछ की जा रही है।

    पांच से सात हो सकते हैं आतंकी

    एनआईए के अधिकारी ने बताया कि टीमों ने महाराष्ट्र, ओडिशा और बंगाल सहित अन्य राज्यों में पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से बयान दर्ज किए हैं। इस नृशंस आतंकी हमले की शुरुआती जांच से संकेत मिलता है कि इसमें शामिल आतंकियों की संख्या पांच से सात के बीच हो सकती है।

    हमलावरों को कम से कम दो स्थानीय आतंकियों ने भी मदद की थी, जिन्हें पाकिस्तान में प्रशिक्षण मिला था। सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। ये तीनों पाकिस्तान के हैं और इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा हैं।

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