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    पाकिस्तानी आतंकियों ने ही रची थी पहलगाम हमले की साजिश, NIA की चार्जशीट में सात नामों का खुलासा

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 08:20 AM (IST)

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पहलगाम हमले की साजिश का पर्दाफाश करते हुए चार्जशीट दाखिल की है। जांच में पता चला है कि इस हमले की साजिश पाकिस्तानी आतंक ...और पढ़ें

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    22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ था अटैक (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। पहलगाम हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान में ही रची गई थी। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर और उसके मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के साथ मिलकर हमले का पूरा खाका तैयार किया था।

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    लश्कर का पाकिस्तानी ऑपरेशनल कमांडर साजिद जट्ट उर्फ सज्जाद जट्ट इस हमले का मुख्य सूत्रधार था। साजिद का असली नाम हबीबुल्ला है और एनआइए ने पहले ही उसपर 10 लाख का इनाम घोषित कर रखा है। पहलगाम हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सोमवार को जम्मू स्थित एनआइए की विशेष अदालत में इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया।

    लगभग आठ माह की जांच के बाद 1,597 पन्नों पर आधारित आरोपपत्र में आतंकियों की भूमिका और पाकिस्तान के षड्यंत्र का साक्ष्य के साथ विस्तार से उल्लेख किया गया है। आरोपपत्र में एनआइए ने जट्ट सहित चार पाकिस्तानी आतंकियों, दो स्थानीय ओवरग्राउंड वर्करों और लश्कर व टीआरएफ समेत सात को आरोपित बनाया है।

    22 अप्रैल को हुआ था अटैक

    आरोपपत्र में बताया गया है कि यह हमला सिर्फ आतंक फैलाने के लिए नहीं बल्कि धर्म के आधार पर हत्याएं कर पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए किया गया था। इसी वर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन में आतंकी हमले में 25 पर्यटकों व एक घोड़ेवाले की जान चली गई थी।

    इसके बाद जुलाई में श्रीनगर के साथ डाचीगाम इलाके में ऑपरेशन महादेव में पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकियों फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिबरान और हमजा अफगानी को सुरक्षाबल ने मार गिराया था।

    इसके बाद भारत ने छह व सात मई की रात ऑपरेशन सिंदूर चला पाकिस्तान में आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया था। आरोपपत्र में बताया गया है कि लश्कर व टीआरएफ ने अपने स्थानीय नेटवर्क के जरिए बैसरन को खूनी खेल के लिए चुना। आरोपपत्र में जट्ट के साथ आपरेशन महादेव में मारे गए आतंकी फैसल, जिबरान व हमजा को आरोपित बनाया गया है।

    इनके खिलाफ भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का भी आरोप है। एनआइए ने आरोपपत्र में पहलगाम के तीनों गुनाहगारों की मदद करने वाले उनके दो ओवरग्राउंड वर्करों का भी उल्लेख किया है।

    एनआइए ने बैसरन के पास रहने वाले परवेज जोथड़ व बशीर जोथड़ को जून को गिरफ्तार किया था। इन दोनों ने आतंकियों की मदद की थी। इन दोनों के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया गया है।

    ऐसे चली पूरी जांच

    एक हजार से ज्यादा लोगों से की गई पूछताछ पहलगाम हमले के गुनाहगारों और पूरे षड्यंत्र का पता लगाने के लिए एनआइए ने एक हजार से ज्यादा लोगों से पूछताछ की।

    इनमें मारे गए पर्यटकों के करीबी रिश्तेदार, नरसंहार के समय बैसरन में मौजूद स्थानीय टूरिस्ट गाइड, घोड़े वाले, नरसंहार में जिंदा बचे पर्यटक और जम्मू-कश्मीर में विभिन्न मामलों में पकड़े गए आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर व आतंकी शामिल हैं।

    मोबाइल व इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय तत्वों की जांच एनआइए ने अपनी जांच के दौरान नरसंहार से कुछ समय पहले और बाद में पहलगाम व उसके आसपास सक्रिय रहे विभिन्न मोबाइल फोन की जांच की।

    इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय विभिन्न जिहादी तत्वों को भी चिह्नित किया गया। पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए संदिग्ध तत्वों व ओवरग्राउंड वर्करों के मोबाइल और आपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों के मोबाइल फोन के डेटा का आकलन किया गया। इसमें पाया गया कि हमले में लश्कर और टीआरएफ के पाकिस्तान में बैठे हैंडलर लिप्त हैं। इसके बाद कड़ियां जुड़ती गई और पूरा षड्यंत्र सामने आ गया।