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    Operation Mahadev: पहलगाम हमले का बदला पूरा, मास्टरमाइंड सहित तीन आतंकी ढेर; 20 लाख का इनामी था हाशिम मूसा

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 10:44 PM (IST)

    श्रीनगर के दाचीगाम में सुरक्षाबलों ने तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया जिनमें पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान भी शामिल था। सेना ने ऑपरेशन महादेव चलाकर इन आतंकियों को ढेर किया। सुलेमानी पहले पाकिस्तानी सेना के एसएसजी का कमांडो था और लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुआ था। मुठभेड़ स्थल से हथियार बरामद हुए हैं और इलाके में तलाशी अभियान जारी है। सुलेमानी कई आतंकी हमलों में शामिल था।

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    ऑपरेशन महादेव में तीन आतंकी ढेर। फोटो जागरण

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। दिल्ली स्थित संसद भवन में सोमवार को एक तरफ विपक्ष पहलगाम हमले के गुनहगारों के पाकिस्तान से जुड़ाव पर सवाल उठा रहा था तो दूसरी तरफ यहां से लगभग 800 किलोमीटर दूर श्रीनगर के दाचीगाम मूलनार में सुरक्षाबल ने तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को ढेर दिया।

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    इनमें पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सुलेमान उर्फ सुलेमानी उर्फ हाशिम मूसा और उसके दो साथी आतंकी शामिल हैं। इन्हें मार गिराने के लिए दो दिन पहले सेना ने आपरेशन महादेव शुरू किया था, जो सोमवार देर शाम तक जारी रहा।

    लश्कर का खूंखार आतंकी था मूसा

    पुलिस ने सुलेमानी व दो अन्य आतंकियों की पहचान की अभी पुष्टि नहीं की है, लेकिन उनमें एक हमजा अफगानी और एक जिब्रान बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, मारा गया सुलेमानी लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने से पहले पाकिस्तानी सेना के स्पेशल स्ट्राइक ग्रुप (एसएसजी) का कमांडो था।

    इससे पहलगाम हमले के षड्यंत्र में पाकिस्तानी सेना के शामिल होने का सच एक आर फिर उजागर हो गया है। मुठभेड़स्थल से एक एम-4 कार्बाइन, दो एसाल्ट राइफलें, 17 राइफल ग्रेनेड व अन्य साजो-सामान बरामद किया गया है।

    पहलगाम हमले के बाद हुआ था ऑपरेशन सिंदूर

    आतंकियों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरन में 25 पर्यटकों को उनका धर्म पूछकर हत्या कर दी थी। एक स्थानीय घोड़ेवाले को भी आतंकियों ने मार डाला था।

    एनआइए ने हमले में लिप्त आतंकियों को पनाह देने वाले उनके दो मददगारों को भी पकड़ा था। सुलेमानी व उसके साथ पहलगाम हमले में लिप्त प्रत्येक आतंकी पर सुरक्षाबल ने 20-20 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। इस हमले के बाद भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया था।

    अल्ट्रासेट इस्तेमाल करने की सूचना पर शुरू हुआ ऑपरेशन

    आतंकियों के श्रीनगर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित दाचीगाम नेशनल पार्क में स्थित महादेव पहाड़ी के आसपास छिपे होने की सूचना के आधार पर सेना की 50 आरआर और 24 आरआर ने संयुक्त रूप से आपरेशन महादेव शुरू किया था। सूचना थी कि इस इलाके में आतंकियों द्वारा अल्ट्रासेट इस्तेमाल किया गया है।

    बता दें कि लश्कर के आतंकी अल्ट्रा हाई-फ्रीक्वेंसी रेडियो उपकरणों का उपयोग 2016 से कर रहे हैं। यह चीन में बनी अत्याधुनिक इनक्रिप्टेड संचार प्रणाली है। जिस इलाके में यह मुठभेड़ हुई है, वहां पहुंचने के लिए लगभग 16 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।

    इस क्षेत्र में खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय ने भी इन दिनों अपने डेरे लगाए हुए हैं। कथित तौर पर बताया जा रहा है कि गुज्जर समुदाय के लोगों ने भी कुछ हथियारबंद लोगों को अपने डेरे से कुछ दूरी पर जंगल में देखा था।

    बेहद सुनियोजित था आपरेशन

    संबंधित अधिकारियों ने बताया कि आतंकी बच कर भाग न सके इसके लिए सुरक्षाबल ने सुनियोजित तरीके से घेराबंदी की। सोमवार सुबह करीब नौ बजे सुरक्षाबल ने आतंकियों के ठिकाने को घेर लिया।

    जवानों ने आतंकियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए तीन से चार गोलियां हवा में चलाईं, लेकिन आतंकियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। जवानों ने इसके बाद जब आगे बढ़ने का प्रयास किया तो आतंकियों ने उन पर राइफल ग्रेनेड दागा।

    जवानों ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया और उसके बाद हुई भीषण मुठभेड़ में तीनों आतंकी मारे गए।

    और छिपे हो सकते हैं आतंकी, ऑपरेशन अभी जारी

    कश्मीर के आइजीपी वीके बिरदी ने मारे गए आतंकियों की पहचान या पहलगाम हमले के साथ उनके किसी संबंध की पुष्टि से इन्कार करते हुए कहा कि अभियान जारी है।

    उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकियों के शव और हथियार सुरक्षाबल ने अपने कब्जे में ले लिए हैं। उन्हें नीचे लाया जा रहा है। वहां कुछ और आतंकियों के छिपे होने की संभावना को देखते हुए अभियान को जारी रखा गया है।

    कई बड़े आतंकवादी हमलों में शामिल था सुलेमानी

    सुलेमानी उर्फ हाशिम मूसा और जिब्रान के बारे में कहा जाता है कि ये दोनों पिछले वर्ष गुलमर्ग के बोटापथरी और सोनमर्ग के गगनगीर में हुए आतंकी हमलों में भी लिप्त थे।

    सुलेमानी वर्ष 2022 के अंत में चार अन्य आतंकियों के साथ गुलाम जम्मू-कश्मीर से पुंछ में एलओसी से घुसपैठ करके आया था। इसने ही पुंछ में एक सैन्य दल पर भी अपने साथियों के साथ घात लगाकर हमला किया था।