Operation Mahadev: तो क्या अमरनाथ के श्रद्धालु थे अगला निशाना? पहलगाम के बाद फिर हमले की साजिश में था आतंकी मूसा
श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम हमले के गुनाहगार सुलेमानी और उसके दो साथियों को मार गिराया। आतंकियों का दल श्रीनगर में एक बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में था जिसमें बंधक संकट और अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की योजना थी। खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने कार्रवाई करते हुए आतंकियों को मार गिराया और हमले की साजिश को नाकाम कर दिया।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। ऑपरेशन महादेव में सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले के गुनाहगार सुलेमानी को उसके दो अन्य साथियों संग मार गिराने के साथ ही एक बड़े हमले के षड्यंत्र को भी विफल कर दिया है।
संबधित सूत्रों ने बताया कि सुरक्षाबलों को अपने तंत्र से कुछ दिन पूर्व पता चला था कि आतंकियों का एक दल श्रीनगर या उसके आसपास कोई सनसनीखेज हमला करने वाला है।
आतंकी किसी जगह बंधक संकट पैदा करने के साथ साथ सुरक्षाबलों के किसी गश्तीदल पर या फिर श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा को निशाना बनाने की फिराक में हैं।
इन सूचनाओं के आधार पर सुरक्षाबलों ने अपने पूरे खुफिया तंत्र को सक्रिय करने के अलावा इलेक्ट्रानिक सर्वेलांस काे भी बढ़ाया था। इसी दौरान पता चला कि हारवन के इलाके में विदेशी आतंकियों का एक दल अपने स्थानीय नेटवर्क के जरिए कुछ खास जगहों के बारे में पता लगा रहा है।
पहाड़ों से सिग्नल इंटरसेप्ट किए गए
उन्होंने बताया कि इसी दौरान हारवन के ऊपरी इलाके में सुरक्षाबलों ने आतकियों के संचार तंत्र के कुछ सिग्नल इंटरसेप्ट किए और फिर एक अभियान चलाया गया।
इस अभियान केदौरान फकीरगुजरी में दागवान बहक में सुरक्षाबलों ने कुछ संदिग्ध तत्वों से भी कथित तौर पर पूछताछ की और सुरक्षाबलों के हाथ वह सुराग लगा जिसके लिए वह काफी दिनों से प्रयास कर रहे थे।
हमले को अंजाम देना चाहते थे आतंकी
सूत्रों ने बताया किअगर सुरक्षाबल आज सुबह आतंकियों के ठिकाने तक नहीं पहुंचते तो उन्होंने उक्त ठिकाना छोड़कर हमले को अंजाम देने के लिए निकलना था,लेकिन सेना की 24 आरआर, 50 आरआर और 04 पैरा के दस्ते ने उन्हें घेर लिया और मार गिराया।
इसके साथ ही सेना ने हाशिम मूसा के दो आतंकियों को भी मार गिराया। इसके लिए सेना ने ऑपरेशन महादेव चलाया, जो सोमवार देर शाम तक जारी रहा। पुलिस ने सुलेमानी व दो अन्य आतंकियों की पहचान की अभी पुष्टि नहीं की है, लेकिन उनमें एक हमजा अफगानी और एक जिब्रान बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, मारा गया हाशिम मूसा लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने से पहले पाकिस्तानी सेना के स्पेशल स्ट्राइक ग्रुप (एसएसजी) का कमांडो था। इससे पहलगाम हमले के षड्यंत्र में पाकिस्तानी सेना के शामिल होने का सच एक आर फिर उजागर हो गया है।
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