CM उमर ने पहलगाम-दिल्ली आतंकी हमले के लिए उपराज्यपाल प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार, कहा- मेरे कार्यकाल में नहीं हुए ऐसे हमले
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम और दिल्ली में हुए आतंकी हमलों के लिए उपराज्यपाल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में ऐसे हमले नहीं हुए थे और सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई है।

पहलगाम और दिल्ली आतंकी हमले के लिए उपराज्यपाल प्रशासन जिम्मेदार: उमर। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को पहलगाम नरसंहार और दिल्ली में आत्मघाती आतंकी हमले के लिए उपराज्यपाल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मैं छह वर्ष पहले भी मुख्यमंत्री रह चुका हूं, क्या ऐसे हमले हुए थे।
आप सुरक्षा की जिम्मेदारी निर्वाचित सरकार को दीजिए, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दीजिए, हम सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। अगर फिर भी इस तरह के हमले होते हैं तो केंद्र सरकार हमारा राज्य का दर्जा वापस लेकर पुन: केंद्र शासित प्रदेश बना दे।
नेशनल कान्फ्रेंस की कार्यकारी समिति की दो दिवसीय बैठक के संपन्न होने के बाद पत्रकारों से उमर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में दोहरी शासन प्रणाली के कारण कई प्रशासनिक दुविधाएं पैदा हो रही है।
बहुत से ऐसे विभाग हैं जो जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत निर्वाचित सरकार के पास होने चाहिए, लेकिन नहीं है। यहां दो विश्वविद्यालयों का चांसलर मुख्यमंत्री होना चाहिए,लेकिन नहीं है, शेरे कश्मीर आुयर्विज्ञान संस्थान सौरा की फाइलें लटकी हैं।
सूचना विभाग में जहां जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा अधिकारी को निदेशक बनाना चाहिए,वहां आइएएस कैडर का अधिकारी लगाया है, आखिर क्यों? उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता की मौजूदा समस्याओं का इलाज एक ही है कि संसद में जो वादा पूरे देश के साथ किया।
सर्वोच्च न्यायालय में जो कहा गया कि पहले परिसीमन होगा, फिर चुनाव होगा और उसके बाद राज्य का दर्जा बहाल होगा, जो बार बार हमसे राज्य के दर्जा का वादा किया है,वह पूरा होना चाहिए। जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं होता, तब तक जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को पूरी तरह से लागू किया जाए।
उमर ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत कहीं अपनी सीमांए नहीं लांघ रहे हैं,लेकिन उसके बावजूद निर्वाचित सरकार के कामकाज में हस्ताक्षेप किया जा रहा है।
उन्होंने उम्मीद जताते कहा कि मैं नहीं मानता कि केंद्र सरकार इतनी झूठी है कि हमें चार वर्ष राज्य के दर्जे के लिए इंतजार करना पड़े। वह वादा जल्द पूरा करेगी। अगर वह यह कह दे कि हम आपको इसलिए सजा दे रहे हैं कि यहां भाजपा चुनाव नहीं जीती तो हम सजा भुगतने को तैयार हैं, लेकिन इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे।
पहलगाम हमले एक कारण राज्य के दर्जें में देरी भी
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने में देरी के लिए पहलगाम हमले को एक कारण बताने की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप हमें राज्य के दर्जे से वंचित रखने के लिए उन घटनाओं के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते, जिनकी जिम्मेदारी हमारी नहीं है।
मैं छह वर्ष पहले भी मुख्यमंत्री रह चुका हूं,क्या ऐसे हमले हुए थे। आप सुरक्षा की जिम्मेदारी निर्वाचित सरकार को दीजिए, जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा दीजिए, हम सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। अगर फिर भी इस तरह के हमले होते हैं तो केंद्र हमारा राज्य का दर्जा वापस ले, पुन: केंद्र शासित प्रदेश बना दे।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बिजली मीटर को जरूरी बताते हुए कहा कि इसका विरोध अनुचित है। हम तभी निश्शुल्क बिजली दे पाएंगे जब लोगों के घरों में मीटर होगा। मीटर से ही पता चलेगा कि कौन कितनी बिजली की खपत कर रहा है। हम 200 यूनिट निश्शुल्क बिजली देने के अपने वादे को पूरा करेंगे।
दैनिक वेतन भोगियों का मुद्दा विरासत में मिला है
उमर ने कहा कि दैनिक वेतनभोगियों का मुद्दा हमारा पैदा किया हुआ नहीं है,यह हमें विरासत में मिला है। हम इसका ऐसा कोई व्यावहारिक हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं,जिसे लागू करने में कोई दिक्कत न हो और यह मामला हमेशा के लिए हल हो जाए।
आरक्षण पर जल्द होगा फैसला
उमर ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उन लोगों को उपदेश देने का कोई हक नहीं है,जिनकी नाक के नीचे जब इसमें बदलाव हुआ था। केबिनेट उप समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। अब अगली केबिनेट बैठक में इस पर चर्चा होगी और रिपोर्ट की सिफारिशों को अनुमोदित किया जाएगा।
चुनाव घोषणापत्र से विश्वासघात पीडीपी ने किया हमने नहीं
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा हमने अपने चुनाव घोषणापत्र से कोई विश्वासघात नहीं किया है। हमने राज्य के दर्जे की बहाली का प्रस्ताव लाया,उसे पारित किया। हमने दरबार मूव बहाल किया, हमने समाज कल्याण योजनाओं का लागू किया और अन्य वादों को भी पूरा करने की प्रक्रिया में हैं।
चुनाव घोषणापत्र मे किए वादों को पूर किया जाएगा। चुनाव घोषणापत्र से विश्वासघात तो पीडीपी ने किया था,उसने भाजपा के खिलाफ वोट मांगा और बाद में उसके साथ मिल गई। हमने भाजपा के साथ कोई समझौता नहीं किया,हमने भाजपा को सत्ता से बाहर रखा है।
आगा रुहुल्ला के खिलाफ कार्रवाई का दिया संकेत
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बागी सांसद आगा सैयद रुहुल्ला के खिलाफ आने वाले दिनों में कार्रवाई का संकेत देते हुए कहा कि यह बैठक उन लोगों के लिए है जो पार्टी का अनुशासन समझते हैं। यह उन लोगों के लिए है, जो मीडिया के जरिए नहीं बल्कि अनुशासन में रहते बैठक में पार्टी नेतृत्व से बात करते हैं, सवाल करते हैं।
बैठक में प्रदेश के सियासी हालात पर, सरकार के एक वर्ष के कामकाज पर चर्चा हुई है। पार्टी के वरिष्ठजनों और विधायकों के सुझाव और फीडबैक को प्राप्त किया है। पार्ट इन सुझावों के आधार सरकार के कामकाज मे बेहतरी के लिए, संगठन को मजबूत बनाने के लिए जो सिफारिशें करेगी,उन पर भी काम होगा।
बड़गाम और नगरोटा के उपचुनाव नतीजों पर भी चर्चा हुई है और वहां जो खामियां रही हैं, उन्हें दूर करने की योजना पर काम किया जाएगा। संगठन के भीतर अनुशासन बनाए रखने के लिए भी समिति ने कुछ सुझाव दिए हैं, उन पर पार्टी की तरफ से आने वाले दिनों में फैसले लिए जाएंगे।

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