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    Jammu Kashmir News: सावधान! कश्मीर में अब पर्यटक मनमर्जी से नहीं लगा पाएंगे तंबू, प्रशासन ने जारी किए नए नियम

    Jammu Kashmir News जम्‍मू कश्‍मीर प्रशासन ने पर्यटन को लेकर नए नियम साझा किए हैं। अब कश्‍मीर में पर्यटक (Kashmir Tourism) अपनी मनमर्जी से तंबू नहीं लगा सकेंगे। प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि अगर कोई नियम का उल्‍लंघन करेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके साथ ही प्रशासन ने कहा है कि सफाई पर भी ध्‍यान देना है।

    By Himani Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Sat, 20 Jul 2024 12:13 PM (IST)
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    जम्‍मू कश्‍मीर प्रशासन ने पर्यटन को लेकर जारी किए नए नियम

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर में पर्यटन स्थलों पर अब कोई भी पर्यटक रात गुजारने के लिए बिना अनुमति के तंबू नहीं लगा पाएगा। रोजगार के तौर पर पर्यटकों को तंबू की सुविधा देने वाले स्थानीय लोगों को भी निर्धारित स्थान पर प्रशासन की अनुमति से ही तंबू लगाना होगा।

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    अन्यथा, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रशासन ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, प्रशासन ने इस पाबंदी के लिए स्थानीय पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को सुनिश्चित बनाने का हवाला दिया है। साथ ही यह कदम सुरक्षा कारणों से उठाया गया है।

    दो-तीन साल से लगातार आ रहे पर्यटक

    कश्मीर में दो-तीन वर्ष से पर्यटकों का आना लगातार बढ़ रहा है। देशी-विदेशी पर्यटक अब अछूते पर्यटनस्थलों की तरफ भी रुख कर रहे हैं। स्थानीय लोग वादी के विभिन्न इलाकों में अपना वीकेंड मनाने जा रहे हैं। दूरदराज के इलाकों में पर्यटक रात गुजारने के लिए तंबू लगाना ज्यादा बेहतर समझते हैं। कई बार पर्यटक अपने साथ लाए तंबू खुद लगा लेते हैं और अगली सुबह उसे उखाड़ कर अगली मंजिल की तरफ निकल पड़ते हैं।

    तंबू लगाने पर रोक लगाना शुरू

    स्थानीय लोग भी पर्यटकों के लिए तंबू की सुविधा प्रदान कर अपने लिए रोजगार जुटा रहे हैं। अलबत्ता, अब प्रशासन ने पर्यटनस्थलों पर पर्यटकों द्वारा रात गुजारने के लिए तंबू लगाने पर रोक लगाना शुरू कर दी है। पहले यह पाबंदी बांडीपोरा जिले के गुरेज में लगाई गई और उसके बाद बारामुला जिले के पर्यटन स्थल गुलमर्ग में। अब अन्य जगहों पर भी संबंधित जिला प्रशासन या फिर क्षेत्र विशेष के विकास प्राधिकरण द्वारा इस तरह के आदेश जारी किए जा रहे हैं।

    सुरक्षा कारण की वजह से रोक

    इस बीच, प्रदेश प्रशासन ने बताया कि तंबू लगाने के संदर्भ में जो आदेश जारी किया गया है, वह पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही जारी किया गया है। उन्होंने पहलगाम में एक कैंपिंग साइट पर पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले का हवाला देते हुए कहा कि कई बार स्थानीय लोग और पर्यटक ऐसे स्थानों पर रात बिताने के लिए तंबू लगाते हैं, जिन्हें आप किसी व्यक्ति की निजी सुरक्षा के लिहाज से असुरक्षित कह सकते हैं।

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    कोई अपराधी तत्व ऐसे स्थानों पर पर्यटकों या आम नागरिकों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से भी कैंपिंग साइट को तय करना जरूरी है। गुलमर्ग में बीते दिनों आतंकियों के दाखिल होने की एक सूचना के आधार पर गंडोला को आम पर्यटकों के लिए बंद किया गया था।

    प्रशासनिक अधिकारियों ने दिया स्वच्छता का हवाला

    गुरेज के एसडीएम मुश्ताक अहमद गुरेज और गुलमर्ग विकास प्राधिकरण के सीईओ वसीम राजा ने अलग-अलग बातचीत में एक ही बात कही कि पर्यटक आते हैं और जहां मन करता है, वहीं तंबू गाढ़ लेते हैं। वाहनों को खड़ा कर देते हैं। जब वह जाते हैं तो अपने पीछे कचरा छोड़ जाते हैं। उनके इस आचरण से न सिर्फ इलाके में गंदगी के ढेर लग रहे हैं, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है।

    तंबू लगाने की बनाई गई अलग साइट्स

    अब सभी पर्यटन स्थलों पर कैंपिंग साइट्स को तय किया गया है वहां वह तंबू लगाएं और उसके लिए संबंधित नियमों को पूरा करें। यह रोक सिर्फ पर्यटकों तक नहीं है, बल्कि तंबू की सुविधा प्रदान करने वाले स्थानीय लोगों के लिए भी है। उन्हें भी कहा गया है कि वह सिर्फ निर्धारित स्थान पर ही तय नियमों के आधार पर यह सुविधा प्रदान करें। उन्हें अपने आसपास का पूरा माहौल साफ रखना है और संबंधित प्रशासन को स्वच्छता शुल्क भी प्रदान करनी होगी।

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