Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'LAC पर सामान्य नहीं स्थिति, पाक को नहीं रास आ रहा घाटी का विकास'-बोले उत्तरी कमान प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी

    By Jagran News Edited By: Deepak Saxena
    Updated: Sun, 14 Jan 2024 06:31 PM (IST)

    श्रीनगर में सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम में उत्तरी कमान के कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Northern Command Chief Upendra Dwivedi) ने उत्तरी सीमा को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तरी सीमा स्थिर है लेकिन सामान्य नहीं है। ये एक संवेदनशील क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में काफी सकारात्मक बदलाव हुए हैं।

    Hero Image
    LAC पर सामान्य नहीं स्थिति, पाक को नहीं रास आ रहा घाटी का विकास- उत्तरी कमान प्रमुख (फाइल फोटो)

    एजेंसी (पीटीआई), श्रीनगर। सेना के एक शीर्ष कमांडर ने लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति का जिक्र करते हुए रविवार को कहा कि उत्तरी सीमा स्थिर है लेकिन 'सामान्य नहीं' है।

    उत्तरी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में सात फिक्शन बिंदुओं में से पांच को सुलझा लिया गया है, जहां भारतीय सेना और चीनी पीएलए मई 2020 से गतिरोध में बंद हैं। बाकी क्षेत्रों के लिए बातचीत चल रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तरी सीमा क्षेत्र संवेदनशील: लेफ्टिनेंट जनरल

    उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उत्तरी सीमा क्षेत्र स्थिर है लेकिन यह सामान्य नहीं है या मैं कह सकता हूं कि यह संवेदनशील है। सेना कमांडर ने स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश ने पुंछ-राजौरी क्षेत्र में आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है क्योंकि उन्हें यहां चल रहे विकास कार्य पसंद नहीं हैं।

    इसके साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि वे आने वाले दिनों में आतंकवादी गतिविधियों पर काबू पा लेंगे। पुंछ-राजौरी क्षेत्र में लोगों के जीवन में समृद्धि और सुधार हुआ था। निवेश आ रहा था और लोगों को नौकरियां मिल रही थीं। हमारे पड़ोसी देश को शांति और समृद्धि का यह माहौल पसंद नहीं था। यही कारण है कि वे क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन हमने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है।

    साल 2023 रहा शून्य घुसपैठ वर्ष

    लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि क्षेत्र में पुलिस, सेना और स्थानीय लोगों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जा रही है, साथ ही हम कुछ बदलाव भी कर रहे हैं। इससे हमें स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। सेना कमांडर ने कहा कि 2023 को 'शून्य-घुसपैठ वर्ष' घोषित किया गया है क्योंकि कोई भी आतंकवादी नियंत्रण रेखा के माध्यम से आने में सक्षम नहीं था।

    2023 में हुई आतंकवादियों की सबसे कम भर्ती

    आतंकवाद को लेकर उन्होंने कहा कि आपने लोगों का कहना है कि कई आतंकवादी आ रहे हैं। हमने कार्रवाई की है...अगर आप पिछले साल देखें तो मारे गए केवल 21 आतंकवादी स्थानीय थे, बाकी 55 विदेशी थे। 2022 में 121 आतंकवादी भर्तियां हुईं लेकिन 2023 में केवल 19 ही हुए हैं।

    ये भी पढ़ें: Jammu News: सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे सरकारी विभाग, बीस हजार सरकारी इमारतों को रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट में किया शामिल

    आर्टिकल 370 के बाद से घाटी में हुए सकारात्मक बदलाव

    उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में काफी सकारात्मक बदलाव हुए हैं। पिछले चार सालों में बहुत सारे बदलाव हुए हैं और सभी बदलाव अच्छे के लिए हुए हैं, चाहे वह बुनियादी ढांचे का विकास हो, पर्यटकों का आगमन हो या बाहरी निवेश हो। कुल मिलाकर यह जनता के लिए अच्छा है और जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ रहा है।

    वह सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए श्रीनगर में थे। सशस्त्र बल वयोवृद्ध दिवस हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1953 में भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के एम करियप्पा औपचारिक रूप से सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे।

    ये भी पढ़ें: Fire in Poonch: पुंछ के जंगल में लगी भीषण आग, काबू पाने के लिए सेना ने शुरू किया ऑपरेशन

    comedy show banner