जम्मू-कश्मीर में 10 साल में नहीं खुला एक भी नया आंगनबाड़ी केंद्र, अदालत में फंसे कई केस; केंद्र से बात करेगी उमर सरकार
जम्मू-कश्मीर में पिछले एक दशक में एक भी नया आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुला है। समाज कल्याण मंत्री सकीना इट्टू ने बताया कि कई केंद्र कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के मामले अदालत में होने के कारण प्रभावित हैं। सरकार छूटे हुए इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के लिए केंद्र से बात करेगी। इसके अतिरिक्त, श्रीनगर में जलापूर्ति प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए 18 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, और पहलगाम-अरु सड़क की मरम्मत दिसंबर तक पूरी हो जाएगी।

जम्मू कश्मीर में एक दशक में एक भी नया आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुला (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। प्रदेश में बीते एक दशक के दौरान एक भी नया आंगनवाड़ी केंद्र नहीं खोला गया है। यह जानकारी बुधवार को समाज कल्याण एवं शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने प्रश्नकाल के दौरान विधायक रियाज अहमद खान के एक सवाल के जवाब में दी।
उन्होंने कहा कि कई आंगनबाड़ी केंद्र कार्यकर्ता और सहायक की नियुक्ति का मामला अदालत में विचाराधीन होने के कारण संबधित कर्मियों से वंचित हैं। प्रदेश सरकार छूटे हुए दूर दराज के इलाकों में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना के लिए नियमों में राहत के लिए केंद्र सरकार से जल्द संपर्क करेगी।
विधानसभा में समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि नए केंद्र खोलने के नियम केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा तय किए जाते हैं। 400-800 लोगों के लिए एक, 800-1600 की आबादी के लिए दो और 1600-2400 की आाबादी वाली बसतियों में तीन आंगनबाडी केंद्र स्थापित करने का नियम हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 1996 में यह योजना लागू की गई थी और 28 हजार केंद्र हैं। मौजूदा परिस्थितियों में प्रदेश दूर-दराज के इलाकों में अतिरिक्त आंगनवाड़ी केंद्र खोलने का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
छूटे हुए और दूर-दराज के इलाकों में, जो नियम पूरे करते हैं, आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के संबंध में मामला भारत सरकार के महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के साथ उठाया जाएगा। इ
सके अलावा, मंत्री ने बताया कि पोषण 2.0 के तहत दी जाने वाली योजनाओं का लाभ सभी क्षेत्रों, जिसमें ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र भी शामिल हैं, में लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
फील्ड कर्मचारियों से समाज के कमज़ोर वर्गों की पहचान करने के लिए कहा गया है ताकि छूटी हुई लक्षित आबादी को संबधित योजना का लाभ पहुंचाया जा सके।
इससे पूर्व विधायक अल्ताफ अहमद वानी के एक सवाल जवाब में उपमख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने सदन को बताया पहलगाम-अरु सड़क का मरम्मत कार्य दिसंबर के आखिर तक पूरा हो जाएगा।
इस कार्य की अनुमानित लागत 25.40 लाख रुपये है। विधायक तारिक हमीद करा द्वारा पूछे गए सवाल का मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तरफ से समाज कल्याण मत्री सकीना इट्टू ने बताया कि श्रीनगर शहर में जलापूर्ति प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए एएमआरयूटी 2.0 के तहत 18 परियोजनाएं, जिनमें शालटेंग क्षेत्र की चार परियोजनाएं शामिल हैं, स्वीकृत की गई हैं।
पानी की आपूर्ति सुधारने के लिए ओवरहेड टैंक निर्माण, नई पाइपलाइनों का बिछाव और पुरानी पाइपलाइन प्रणाली के विस्तार का कार्य किया जा रहा है।जल शोधन संयंत्रों की दक्षता बढ़ाने के उपाय भी किए जा रहे हैं तथा शहर भर में नियमित रूप से क्षतिग्रस्त पाइपों को बदला जा रहा है।

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