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    'JK के शासन में कोई हस्तक्षेप...', CM उमर ने स्कूलों में नहीं दी वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ मनाने की अनुमति

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 10:23 PM (IST)

    नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जन कल्याण को प्राथमिकता दी है। अब्दुल्ला ने मतदाताओं से विकास और रोज़गार पर ध्यान देने का आग्रह किया। भाजपा नेता रविंद्र रैना ने उमर अब्दुल्ला द्वारा वंदे मातरम पर आपत्ति जताने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह देश को एकजुट करने वाला गीत है, जिसके लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया।

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    CM उमर ने स्कूलों में नहीं दी वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ मनाने की अनुमति। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार ने स्कूलों में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ मनाने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में बाहरी निर्देश नहीं होने चाहिए और केंद्र शासित प्रदेश के शासन में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

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    उन्होंने कहा कि यह निर्णय न तो कैबिनेट ने लिया है और न ही शिक्षा मंत्री ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। हमें इन मामलों में बाहरी निर्देश के बिना अपने स्कूलों में क्या होता है, यह तय करना चाहिए।

    30 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के संस्कृति विभाग ने पूरे जम्मू-कश्मीर के स्कूलों से वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भाग लेने का आह्वान किया था। इस आदेश का जम्मू-कश्मीर के कई धार्मिक संगठनों के गठबंधन मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा ने कड़ा विरोध किया था।

    उन्होंने इस जबरदस्ती वाले आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की थी। उनका तर्क था कि गीत के कुछ हिस्से इस्लामी मान्यताओं के विपरीत हैं। उमर अब्दुल्ला शुक्रवार को बडगाम विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर रहे थे। इस सीट पर 11 नवंबर को चुनाव होने हैं।

    इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए पार्टी के लोकसभा सांसद रूहुल्लाह मेहदी की अनुपस्थिति से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी पार्टी ने कभी किसी को प्रचार करने के लिए मजबूर नहीं किया।

    अब्दुल्ला ने कहा कि जो लोग प्रचार करना चाहते हैं, वे स्वेच्छा से करते हैं और जो नहीं करना चाहते, वे नहीं करेंगे। यह बिल्कुल ठीक है। मैं किसी को प्रचार करने के लिए मजबूर नहीं करता। हालांकि जब हम सफल होंगे तो जिन लोगों ने हमारा समर्थन नहीं किया, वे हमारे जश्न में शामिल नहीं होंगे।

    मेहदी पिछले कुछ महीनों से पार्टी से अलग-थलग हैं और उन्होंने सरकार के कामकाज की खुलकर आलोचना की है।

    गांदरबल से जीतने के बाद बडगाम सीट खाली करने के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराने की ज़रूरत पड़ने पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कभी भी दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे।

    मैंने अपने सहयोगियों से कहा था कि मैं दो सीटों से चुनाव नहीं लडूंगा लेकिन यह वास्तविकता बताने का सही समय नहीं है। एक दिन आएगा जब सब कुछ आपके साथ साझा किया जाएगा।

    अब्दुल्ला ने बडगाम और जम्मू की नगरोटा जहां उपचुनाव भी हो रहे हैं, दोनों सीटों पर जीत का भरोसा भी जताया।

    हमें लगता है कि दोनों सीटों पर स्थिति हमारे पक्ष में है। अब प्रचार के आखिरी कुछ दिन बचे हैं और हमें उन मतदाताओं तक पहुंचने के लिए और कड़ी मेहनत करनी होगी, जिनसे हमने अभी तक अपील नहीं की है और उन्हें नेशनल कान्फ्रेंस को वोट देने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

    पीडीपी की भाजपा के साथ सांठगांठ

    उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच गठबंधन अभी भी कायम है। बडगाम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, अब्दुल्ला ने बिजली के उपयोग और बिलिंग पर चर्चा की और कहा कि खपत की गणना केवल वहीं की जानी चाहिए जहां मीटर लगे हों।

    उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वालों को मुफ्त बिजली देने का वायदा किया है। यह तभी संभव है जब लोगों के घरों में मीटर होंगे। जो इस योजना का लाभ लेना चाहता है, उसे मीटर तो लगवाना ही होगा। इसका लाभ उठाने के लिए पीडीपी की राजनीतिक चालों में न फंसें।

    अब्दुल्ला ने पीडीपी की आलोचना करते हुए दावा किया कि उसके नेताओं ने सरकारी दफ्तरों में मीटर तो लगवाए लेकिन नागरिकों को कोई लाभ नहीं पहुंचाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में आर्थिक रूप से सबसे कमज़ोर लोगों को सहायता उपलब्ध है। पीडीपी ने लोगों को गुमराह किया है।

    पिछली गलतियों को नज़रअंदाज़ किया है और कुछ मामलों में भाजपा के साथ गठबंधन करते हुए लोगों को गिरफ़्तार भी किया है।

    इसके विपरीत नेशनल कान्फ्रेंस प्रशासन ने जन कल्याण को प्राथमिकता दी। मतदाताओं से विकास, युवाओं के लिए रोज़गार के अवसरों और बिजली के बिलों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि मतदाताओं की पसंद अगले चार वर्षों के लिए शासन का निर्धारण करेगी।

    दुर्भाग्यपूर्ण है वंदे मातरम पर उमर का आपत्ति जताना: रविन्द्र रैना

    प्रदेश भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना का कहना है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का वंदे मातरम पर आपत्ति जताना दुर्भाग्यपूर्ण है। वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत है। जब भारत गणतंत्र बना तो इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया। इसने देश को एक सूत्र को पिरोने में अहम भूमिका निभाई।

    देश को आजाद दिलाने के लिए अपने जाने देने वाले स्वतंत्रता सेनानी वंदे मातरम के नारे लगाते हुए फांसी पर चढ़ गए। उन्होंने देश के लिए अपनी जानों की कुर्बानियां दी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इसी देश के रहने वाले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला वंदे मातरम को लेकर आपत्ति जता रहे हैं।

    यह उनकी छोटी सोच का परिणाम है। जब पूरा जम्मू कश्मीर वंदे मातरम गा रहा है, उस समय उमर अब्दुल्ला विरोध जताकर क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।