बडगाम NIA स्पेशल कोर्ट का बड़ा फैसला, US में रहने वाले कश्मीरी लॉबिस्ट की जमीन अटैच, जानिए क्या है पूरा मामला
जम्मू-कश्मीर के बडगाम में एनआईए कोर्ट ने यूएस में रहने वाले कश्मीरी लॉबिस्ट गुलाम नबी शाह उर्फ डॉ फई की 1.5 कनाल से ज़्यादा ज़मीन अटैच करने का निर्देश ...और पढ़ें

डॉ फई को पहले ही भगोड़ा घोषित कर दिया था।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। कश्मीर संभाग के जिला बडगाम की एक स्पेशल NIA कोर्ट ने मंगलवार को US में रहने वाले कश्मीरी लॉबिस्ट (प्रतिनिधि)डॉ गुलाम नबी शाह उर्फ "डॉ फई" की 1.5 कनाल से ज़्यादा ज़मीन अटैच करने का निर्देश दिया।
जज याहया फिरदौस ने यह निर्देश तब दिया जब असिस्टेंट पब्लिक प्रॉसिक्यूटर मोहम्मद इकबाल राठेर ने क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (BNSS का 85) के सेक्शन 83 के तहत फई की प्रॉपर्टी अटैच करने की अर्जी दी। उन्होंने तर्क दिया कि इस कोर्ट ने 2020 में UAPA के अलग-अलग सेक्शन के तहत रजिस्टर्ड एक केस में आरोपी को पहले ही भगोड़ा घोषित कर दिया था।
"जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह कोर्ट कलेक्टर बडगाम को निर्देश देता है कि वह वडवान गांव में खेवट नंबर 60, सर्वे नंबर 466 के तहत एक कनाल और दो मरला ज़मीन और चट्टाबुघ गांव (फई की) में खेवट नंबर 136, सर्वे नंबर 343 के तहत 11 मरला ज़मीन की अचल प्रॉपर्टी को अटैच करें और तुरंत कब्ज़ा लें।
कोर्ट ने सात पेज के ऑर्डर में कहा, "प्रॉपर्टी अटैच करने से पहले, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर बडगाम यह पक्का करेंगे कि प्रॉपर्टी की पहचान और सीमांकन के लिए रेवेन्यू अधिकारियों की मदद ली जाए।" कोर्ट ने बडगाम के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस को निर्देश दिया कि अगर ज़रूरत हो तो प्रॉपर्टी अटैच करते समय कलेक्टर को जरूरी मदद दें।
कौन हैं गुलाम नबी शाह उर्फ "डॉ फई"
कश्मीर घाटी के जिला बडगाम के वाडवान इलाके के रहने वाले करीब 78 वर्षीय कश्मीरी प्रतिनिधि डॉ गुलाम नबी फई, इस समय वाशिंगटन में रह रहे हैं। वह वर्ल्ड फोरम फॉर पीस एंड जस्टिस के चेयरमैन भी हैं। फई को मई 2025 में बडगाम की ही एक कोर्ट ने अनलॉफुल एक्टिविटीज़ (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) के तहत दर्ज एक केस में “भगोड़ा अपराधी” घोषित किया था। उन्हें आत्मसमर्पण के लिए 30 दिन का समय दिया गया था।
डॉ. फई बडगाम पुलिस स्टेशन में ULA(P) एक्ट के सेक्शन 10, 13 और 39 और IT एक्ट के सेक्शन 66 के तहत FIR नंबर 46/2020 में शामिल हैं। अपने आप को पुलिस के हवाले न करने पर ही बडगाम पुलिस ने उसकी प्रॉपर्टी अटैच करने की यह कार्रवाई की।
फई वॉशिंगटन में मौजूद कश्मीरी अमेरिकन काउंसिल (KAC) के चेयरमैन हैं। पुलिस का कहना है कि डॉ फई को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का सपोर्ट है। उन्होंने कुछ माह पहले तुर्की के एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान प्रतिबंधित संगठन JKLF (Y) का समर्थन करते हुए बयान दिया था। जिसे 22 मार्च, 2019 के सरकारी नोटिफिकेशन SO 1403(E) के तहत गैर-कानूनी घोषित किया गया था।
पाकिस्तानी एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप
कश्मीरी अमेरिकन काउंसिल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर फई पर 2012-13 में US में "विदेशी एजेंट के तौर पर रजिस्टर किए बिना यूनाइटेड स्टेट्स में पाकिस्तानी एजेंट के तौर पर काम करने की साज़िश" करने का आरोप लगाया गया था और उन्हें सज़ा सुनाई गई थी। 2011 में कोर्ट में फाइल किए गए FBI के एक एफिडेविट में कहा गया था कि फई और ग्रुप को "पाकिस्तान और उसकी मिलिट्री जासूसी एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी से कई मिलियन डॉलर मिले थे। यही नहीं 1990 के दशक के बीच में कश्मीर पर US सरकार की स्थिति को प्रभावित करने की कोशिश में”। फई ने लॉबिंग के लिए अपना जुर्म कबूल कर लिया था।

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