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    पहलगाम आतंकी हमले के बाद NIA ने केबल कार परियोजना को दी मंजूरी, 18 महीनों में तैयार होगा 1.4 KM लंबा प्रोजेक्ट

    Updated: Sun, 02 Nov 2025 06:13 PM (IST)

    राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम के बैसरन में केबल कार परियोजना के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार को मंज़ूरी दे दी है। यह परियोजना 1.4 किलोमीटर लंबी होगी और इसका निचला टर्मिनल बिंदु पहलगाम में यात्री निवास के पास और ऊपरी टर्मिनल बिंदु बैसरन में स्थित होगा। 

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    पहलगाम आतंकी हमले के बाद NIA ने केबल कार परियोजना को दी मंजूरी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के स्थल पहलगाम के पर्यटन स्थल बैसरन में एक केबल कार परियोजना के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार को अपनी मंज़ूरी दे दी है। इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ही कर रही है और जम्मू-कश्मीर सरकार ने एजेंसी से मंज़ूरी मांगी थी। पाकिस्तान स्थित आतंकियों इस हमले में 26 लोगों को मारा था, जिसमें अधिकांश पर्यटक थे।

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    राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने इस परियोजना पर अपनी राय देने के लिए आतंकवाद रोधी एजेंसी से संपर्क किया था। हमसे केबल कार परियोजना शुरू करने के बारे में हमारे विचार पूछे गए और हमने बताया कि जांच के नज़रिए से हमें कोई आपत्ति नहीं है।

    27 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पहलगाम विधायक अल्ताफ अहमद वानी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में सरकार ने कहा था कि परियोजना का काम एक कंपनी को आवंटित किया गया है लेकिन पहलगाम के बाद के परिदृश्य को देखते हुए अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।

    1.4 किलोमीटर लंबी इस परियोजना के की पहचान जम्मू-कश्मीर केबल कार कारपोरेशन ने की थी। इसका निचला टर्मिनल बिंदु पहलगाम में यात्री निवास के पास और ऊपरी टर्मिनल बिंदु बैसरन में स्थित है। परियोजना की कुल लंबाई 1.4 किलोमीटर होगी। परियोजना के लिए आवश्यक 9.13 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है। पर्यटन विभाग का प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी थी।

    सरकार ने कहा कि जम्मू और कश्मीर केबल कार कारपोरेशन ने उक्त परियोजना के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और निविदा दस्तावेज़ तैयार करने के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति के लिए निविदाएं जारी की।निविदाओं को अंतिम रूप दे दिया गया और कार्य एक योग्य एजेंसी रोनमास इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित कर दिया गया है।जेकेसीसीसी और कार्यान्वयन एजेंसी के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

    हालांकि, पहलगाम के बाद की स्थिति को देखते हुए एजेंसी अपना काम पूरा नहीं कर सकी।कार्यान्वयन एजेंसी ने इसकी टोपोग्राफी और भूतकनीकी अध्ययन करने के लिए स्थल का दौरा करने की अनुमति मांगी है।

    पर्यटन विभाग ने कहा कि स्थल का दौरा करने की अनुमति देने का मामला अनंतनाग के उपायुक्त के समक्ष उठाया गया है जिन्होंने इस मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के समक्ष उठाने का निर्देश दिया।विभाग के अनुसार इस परियोजना की अनुमानित लागत 100-120 करोड़ रुपये है और यह कार्य कम से कम 18 महीनों के भीतर पूरा किया जाएगा।