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    फरीदाबाद में क्यों नहीं लिया सैंपल, रास्ते में हो जाता धमाका तो? सवालों के घेरे में नौगाम ब्लास्ट; Inside Story

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 10:29 PM (IST)

    कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए विस्फोट ने पुलिस प्रशासन की लापरवाही उजागर की है। थाने में बड़ी मात्रा में विस्फोटक जमा करने पर सवाल उठ रहे हैं। शुक्र है कि जान-माल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इस घटना को आतंकी साजिश के तौर पर भी देखा जा रहा है, जिसकी जांच एनआईए और अन्य एजेंसियां कर रही हैं। पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और जांच जारी है।

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    नौगाम ब्लास्ट की Inside Story...

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। फरीदाबाद से आतंकी डॉक्टर मुज्म्मिल जलील की निशानदेही पर बरामद अमोनियम नाइट्रेट के विभिन्न पैकेटों में से कोई एक पूरी तरह से विस्फोट के लिए तैयार किया जा चुका था। उससे हुए धमाके से शुक्रवार की रात को नौगाम पुलिस स्टेशन नष्ट हो गया और नौ लोगों की जान चली गई।

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    विस्फोट की जांच के लिए चिह्नित बिंदुओं में एक यही बिंदु बताया जा रहा है। एनआईए, सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस की एफएसएल और एसआईए की टीम ने भी मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और घटनास्थल से कुछ नमूने जमा किए हैं।

    अलबत्ता, इस धमाके के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है और कहा जा रहा कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक एक थाने में क्यों रखा गया जबकि इसकी सुरक्षा के लिए जो संसाधन चाहिए, वह उक्त थाने में नहीं थे। धमाके में आतंकी कनेक्शन की भी आशंका जताई जा रही है, जिसे पुलिस ने नकार दिया है।

    9 लोगों की मौत, फरीदाबाद से लाए थे विस्फोटक

    उल्लेखनीय है कि श्रीनगर के बाहरी इलाके नौगाम स्थित पुलिस स्टेशन में शुक्रवार रात एक भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 32 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। धमाका इतना जोरदार था कि उसका असर कई किलोमीटर दूर तक महसूस किया गया और आसपास के घरों की दीवारें भी हिल गईं।

    धमाका उस समय हुआ जब पुलिस और फारेंसिक टीम हाल ही में हरियाणा के फरीदाबाद से बरामद किए गए ‘व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल’ मामले से जुड़े बड़े मात्रा में विस्फोटकों के नमूने ले रही थी।

    संबंधित सूत्रों ने बताया कि तीन टन से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट व अन्य विस्फोटक व्हाइट कॉलर टेरर मॉडयूल से बरामद किए गए हैं। डॉ. मुजम्मिल की निशानदेही पर फरीदाबाद में बरामद अमोनियम नाइट्रेट व अन्य विस्फोटक एक पिकअप वैन में गत सोमवार मंगलवार को नौगाम पुलिस स्टेशन में लाए गए थे। इनकी पूरी प्रकृति का पता लगाने और अदालत में पेश किए जाने वाले साक्ष्य के तौर पर इनके नमूने लिए जा रहे थे।

    पैकेट को खोलते ही हो गया धमाका

    यह सारा विस्फोटक अलग अलग पैकेटों में बंद था। प्रत्येक पैकेट को खोला गया और उससे नमूना लेकर पैकेट का संबंधित अधिकारियों व गवाहों की मौजूदगी में दोबारा सील किया जा रहा था। यह प्रक्रिया गत गुरुवार से जारी थी।

    करीब छह-सात पैकेट बचे थे, जिनके नमूने शुक्रवार की रात को लिए गए। उन्होंने बताया कि इन पैकेटों में से कोई एक पैकेट केवल अमोनियम नाइट्रेट नहीं रहा होगा और उसे आतंकियों ने तेल मिलाकर या अन्य कोई रसायन जोड़कर आईईडी के लिए तैयार कर रखा हो।

    इसलिए हो सकता है कि उक्त पैकेट को जैसे ही खोला गया हो और धमाका हो गया हो। उन्होंने कहा कि इसके अलावा वहां कुछ अन्य विस्फोटक भी थे जिन्होंने धमाके की तीव्रता को बढ़ाने के साथ उसे और घातक बनाया होगा।

    इस बीच, एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए बम धमाके को घोर लापरवाही बताते हुए कहा कि जिस तरह से लोग पूछ रहे हैं कि रात को सैंपलिंग की क्या जरूरत थी, जायज है। यह कई तरह की शंकाओं को जन्म देता है।

    उठ रहे कई गंभीर सवाल

    यह सही है कि आप किसी भी समय बरामद सामान के नमूने ले सकते हैं, लेकिन यह काम तो आपको पहले ही दिन करना चाहिए था और इसे आप मौके पर फरीदाबाद में भी कर सकते थे। नमूने लेने में देरी पर आगे चलकर आपको अदालत में भी जवाब देना पड़ेगा।

    अगर यह धमाका रास्ते में कहीं हो जाता, या वहीं फरीदाबाद में होता तो आप नुकसान का जायजा लगा सकते हैं। इसके अलावा क्या नौगाम पुलिस स्टेशन में इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ को सुरक्षित रखने की जगह और आवश्यक उपकरण हैं, नहीं है।

    उन्होंने कहा कि रात के समय विस्फोटकों के साथ विशेषकर जो किसी जगह से बरामद किए गए हों, को हैंडल करने से बचा जाता है।

    अब अगर बात करें कि अमोनियम नाइट्रेट की तो उसमें धमाके के लिए जो परिस्थितियां होनी चाहिए, वह प्रथम दृष्टया इस मामले में नजर नहीं आती हैं, इसलिए यह कहा जा सकता है कि जो अमोनियम नाइट्रेट के जो पैकेट या बाक्स बरामद किए गए हैं, उनमें से एक को आतंकियों ने धमको के लिए तैयार कर रखा होगा।

    नहीं तो बिछ जातीं लाशें

    कश्मीर मामलों के एक जानकार ने कहा कि यह धमाका पुलिस प्रशासन की कोताही की तरफ ध्यान दिलतो हुए कई शंकाएं पैदा करता है। जिस थाने में यह धमाका हुआ है, वह एक संकरी गली मे हैं, आस पास आम लोगों के मकान हैं, वहां इतनी बड़ी संख्या में विस्फोटक क्यों जमा किए जा रहे थे?

    शुक्र है कि सिर्फ थाना परिसर में मौजूद लोग ही विस्फोट का शिकार हुए हैं, आस-पास के मकान भी और उनमें रहने वाले भी इसका शिकार हो सकते थे।

    अगर आग ज्यादा फैलती तो यह पूरा इलाका जलता। यह वही थाना है जहां व्हाइट कालर आतंकी माडयूल को पकड़ने का अभियान शुरु हुआ। इसलिए इस विस्फोट को लेकर आतंकी साजिश की आशंका जतायी जाती है।

    कुछ आतंकी संगठनों ने कथित तौर पर इंटरनेट मीडिया पर इसकी जिम्मेदारी ली है,ऐसा बताया गया है। इस बीच, पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात, एडीजीपी सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी नौगाम पुलिस स्टेशन का आज मौके पर जायजा लिया।

    जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसी

    उन्होंने नुकसान का आकलन किया। एनआईए, जम्मू कश्मीर पुलिस की एसआईए, एफएसएल, सीआइके व अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञों ने भी मौके पर पहुंच कर, जांच के लिए अपनी आवश्यकतानुसार कुछ नमूनों को जमा किया है।

    पुलिस महानिदेशक ने दोपहर बाद सभी संबधित सुरक्षा एजेंसियों के साथ वादी के मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य, नौगाम विस्फोट से उपजे हालात और व्हाइट कॉलर आतंकी मॉडयूल से मिले सुरागों के संदर्भ में एक बैठक की। नौगाम पुलिस स्टेशन और आस पास के क्षेत्र को पुलिस ने घेर रखा है। नौगाम पुलिस स्टेशन में आम लोगों की आवाजाही को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।