जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के पहले दिन नेकां-कांग्रेस का मौन धरना, बोले- 'मेहराज मलिक की तत्काल रिहाई जरूरी'
जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के पहले दिन नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने मेहराज मलिक की रिहाई की मांग करते हुए मौन धरना दिया। दोनों दलों ने मलिक को बिना कारण हिरासत में रखने का आरोप लगाया और सरकार से उन्हें तत्काल रिहा करने का आग्रह किया।

नेकां ने मेहराज के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उचित चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता बताई, जिसे कांग्रेस ने भी समर्थन दिया।
राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस विधायकों ने गुरुवार को मौन धरना दिया और आप विधायक मेहराज मलिक की तत्काल रिहाई की मांग की। इस धरने का उद्देश्य विधायक की नज़रबंदी की ओर ध्यान आकर्षित करना और अधिकारियों से उन्हें अपने विधायी कार्य फिर से शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह करना था।
तनवीर सादिक ने मीडियाकर्मियों से बात की
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, "मेहराज मलिक एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं। नेशनल कांफ्रेंस और उनके सभी सहयोगी चाहते हैं कि वह विधानसभा में अपने कर्तव्यों का पालन करें। लोकतंत्र में सबसे महत्वपूर्ण जवाबदेही यह है कि लोग अपने प्रतिनिधि का चुनाव करें और उन्हें अपनी जिम्मेदारियां निभाने में सक्षम होना चाहिए। हमारी अपील है कि मेहराज मलिक को तुरंत रिहा किया जाए ताकि वह अपने विधायी कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।"
मौन धरने का उद्देश्य
इस मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करने और आप विधायक की तत्काल रिहाई की मांग के लिए विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले नेकां विधायकों ने यह धरना दिया। विधायकों का कहना था कि हम यह मौन धरना दे रहे हैं ताकि मेहराज अपने लोगों का प्रतिनिधित्व कर सकें और सदन में अपनी ज़िम्मेदारियां निभा सकें। तख्तियों पर 'वोट का सम्मान करें, आवाज़ का सम्मान करें, मेहराज मलिक को रिहा करें' लिखा था।
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