'हमारी सरकार के पास कुछ नहीं है..., सारे आदेश वहीं से आते हैं,' नेकां सांसद चौधरी रमजान ने राज्यसभा में उठाई आवाज
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद चौधरी रमजान ने राज्यसभा में एक गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पास कुछ भी नहीं है, सारे आदेश 'वहीं से' आते हैं। उन्होंने उच्च सदन में इस मामले की जांच की मांग की ताकि पता चल सके कि 'वहीं से' आने वाले आदेशों का स्रोत क्या है और इसका स्थानीय प्रशासन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।

सांसद चौधरी ने कहा कि सरकार के पास फैसले लेने का पूरा कंट्रोल नहीं है।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और राज्यसभा सांसद चौधरी मोहम्मद रमजान ने सोमवार पर कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई सरकार के पास कोई शक्ति नहीं है। सारी शक्तियां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पास हैं। चुने जाने के बाद राज्यसभा में पहली बार बोलते हुए सांसद ने कहा कि अक्टूबर 2024 में चुनाव और नई सरकार के गठन के बावजूद इसे स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
"हमारी सरकार के पास कुछ नहीं है। सारी शक्ति उपराज्यपाल के पास है। उन्होंने कहा कि आदेश वहीं से आते हैं।" उन्होंने सवाल किया कि अगर सरकार के पास काम करने की शक्ति नहीं है, तो चुनी हुई सरकार का क्या उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने एक मजबूत जनादेश दिया है, लेकिन चिंता है कि चुने हुए प्रतिनिधि निर्णय लेने में पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं हैं।
सांसद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने नेशनल कॉन्फेंस को एक मज़बूत मैंडेट दिया था और चिंता जताई कि चुनी गई सरकार के पास फैसले लेने का पूरा कंट्रोल नहीं है।
नेकां के तीनों सांसदों ने राज्यसभा सदस्यों के रूप में ली शपथ
इससे पहले जम्मू-कश्मीर से तीन नए चुने गए राज्यसभा सदस्यों को सोमवार को उपराष्ट्रपति और सदन के चेयरमैन सीपी राधाकृष्णन ने पद की शपथ दिलाई। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद अहमद किचलू जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनावों में चुने गए सांसदों में सबसे पहले शपथ लेने वाले थे। उन्होंने अपनी शपथ के लिए उर्दू भाषा चुनी। उनके बाद गुरविंदर सिंह ओबरॉय, जिन्हें शम्मी ओबरॉय के नाम से भी जाना जाता है, ने शपथ ली।
ओबरॉय, जो एक सिख हैं, ने पंजाबी में शपथ ली। चौधरी मुहम्मद रमज़ान ने ओबरॉय के बाद शपथ ली। जम्मू-कश्मीर से एक और राज्यसभा सदस्य, सत शर्मा को पहले ही उपराष्ट्रपति शपथ दिला चुके थे। इन शपथों के साथ ही राज्यसभा में उनके फॉर्मल एंट्री का रास्ता साफ हो गया है, जम्मू-कश्मीर अब चार साल से ज़्यादा समय के बाद अपने प्रतिनिधियों की हाउस में वापसी देख रहा है।
केंद्र शासित प्रदेश के पिछले राज्यसभा सदस्यों गुलाम नबी आज़ाद, मीर मुहम्मद फयाज, शमशेर सिंह मन्हास और नज़ीर अहमद लावे - ने फरवरी 2021 में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।