NC में सियासी तनातनी; सांसद रुहुल्लाह बोले- '23 साल में पहली बार NC वर्किंग कमेटी की मीटिंग में नहीं बुलाया गया'
नेशनल कॉन्फ्रेंस में सांसद रुहुल्लाह मेहदी ने पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें 23 सालों में पहली बार वर्किंग कमेटी की मीटिंग में नहीं बुलाया गया। रुहुल्लाह ने पार्टी में दरकिनार किए जाने की बात कही है। इस मामले पर अभी तक नेशनल कॉन्फ्रेंस की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

आगा सैयद रुहुल्लाह ने कहा कि जनता से मिले जनादेश के बाद भी पार्टी लीडरशिप नहीं समझ रही है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह ने गुरुवार को कहा कि उन्हें श्रीनगर में पार्टी की सेंट्रल वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग में नहीं बुलाया गया, उन्होंने इसे 2002 के बाद पहली बार ऐसा मामला बताया।
सांसद गांदरबल के तुलमुल्ला के अपने दौरे के दौरान पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए स्थानीय लोगों से बातचीत भी की।
रूहुल्लाह ने कहा कि वह लोगों के बुलावे पर आए थे ताकि अधिकारियों के सामने उठाई जाने वाली चिंताओं को समझ सकें। “अगर केंद्र सरकार के स्तर पर कोई मुद्दा है, तो उसे उसी हिसाब से उठाया जाएगा। अगर मामले स्थानीय हैं, तो उन्हें भी उठाया जाएगा। मैं इसी ज़िम्मेदारी के साथ यहां आया हूँ।”
यह पहली बार है जब मुझे नहीं बुलाया गया
सेंट्रल वर्किंग कमेटी की बैठक के बारे में पूछे जाने पर रूहुल्लाह ने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई सीधी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर वर्किंग कमेटी की मीटिंग हो रही है, तो मैं 2002 से इसका परमानेंट मेंबर हूं। यह पहली बार है जब मुझे नहीं बुलाया गया है।”
सोशल मीडिया पर अपनी नई पार्टी बनाने की खबरों पर जवाब देते हुए, रूहुल्लाह ने अलग राजनीतक दल बनाने के लिए नेकां से दूरी बनाने से इनकार किया।
उन्होंने कहा कि पार्टी लीडरशिप से उनकी असहमति 2024 के चुनावों में जनता से मिले जनादेश से उपजी है। उन्होंने कहा, “हमने अनुच्छेद 370 के जरिए मिली सुरक्षा को वापस पाने के लिए लड़ने का वादा किया था। हम उस नाम पर वोट लेने के बाद भाजपा की भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते।”
स्थानीय प्रतिनिधियों की गैर-मौजूदगी पर उठाया सवाल
गांदरबल में बुलडोजर की कार्रवाई पर रूहुल्लाह ने स्थानीय प्रतिनिधियों की गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, “हमने लोगों की रक्षा करने, उनका बचाव करने और उनके लिए बोलने के लिए प्रतिनिधियों को वोट दिया था। अगर अतिक्रमण होता, तो कानून अपना काम कर सकता था। लेकिन चुने हुए प्रतिनिधि मोर्चे पर क्यों नहीं थे?”
रूहुल्लाह ने भर्ती परीक्षाओं में ज़्यादा उम्र के उम्मीदवारों के मुद्दे पर भी अपना रुख दोहराया और सरकार से एक महीने के अंदर इसे हल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर मामला सुलझाया नहीं गया तो वह विरोध में बैठेंगे। वे अपने चुनाव क्षेत्र में विकास कार्य जारी रखेंगे, जिसमें जिला अस्पतालों में CT स्कैन मशीनें लगाना और मुख्य सड़कों को चौड़ा करना शामिल है।
आरक्षण नीति का मुद्दा जल्द हल होना चाहिए
आपको बता दें कि नेशनल कान्फ्रेंस के बागी सांसद आगा सैयद रुहुल्ला मेहदी ने आरक्षण नीति के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यह मामला जल्द हल होना चाहिए। अगर 20 दिसंबर को संसद का सत्र समाप्त होने तक यह मामला हल नहीं हुआ तो वह एक बार फिर छात्रों के साथ मुख्यमंत्री के घर के बाहर खड़े नजर आएंगे जिस तरह बीते वर्ष वह पीड़ित युवाओं के साथ खड़े थे।
आगा सैयद रुहुल्ला ने सरकार और प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिकारियों को युवाओं की "तकलीफ़ और निराशा को समझने" में क्या लगेगा। लगातार देरी "पूरी युवा पीढ़ी का दम घोंट रही है और उन्हें हाशिए पर धकेल रही है।

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