Naugam Blast: 'खिड़की खोली तो जल रहा था थाना, रात भर सहमे बीवी-बच्चों को...'; चश्मदीद बोले- मौत को करीब से देखा
स्थानीय लोगों ने बताया कि एक अप्रत्याशित धमाके से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई, जिससे परिवार डर के मारे अंधेरे में ही घरों से बाहर निकल आए। नौगाम पुलिस स्टेशन को भी इस घटना में काफी नुकसान हुआ है, इमारत का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।
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Naugam Blast: चश्मदीद बोले- मौत को करीब से देखा। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, श्रीनगर। नौगाम घटना से दहशत में है घाटी के लोग। श्रीनगर के बाहरी छोड़ के इलाके नौगाम इलाके में स्थित पुलिस थाने में शुक्रवार देर रात को हुए जोरदार विस्फोट की खबर तो इस इलाके के इर्द-गिर्द के इलाकों में रहने वाले लोगों को इस भयानक घटना का पता चला। अलबत्ता घाटी के अधिकांश लोगों को इस घटना के बारे में शनिवार तड़के नींद से जागते ही पता चला और खबर सुनते ही लोग सुन हो गए।
बता दें कि शुक्रवार रात तकरीबन 11:20 को नौगाम पुलिस थाने में हुए भयानक विस्फोट जिसमें अभी तक 9 लोग (अधिकांश पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के साथ एक स्थानीय दर्जी भी शामिल है) मारे गए, से नौगाम व इसके साथ सटे इलाके दहल गए। अलबत्ता घाटी के अधिकांश लोगों को इस घटना का पता शनिवार तड़के ही इस घटना की जानकारी मिली। क्योंकि घटना के समय अधिकांश लोग सो रहे थे।
शहर के छत्ताबल इलाके के रहने वाले आदिल भसीर नामक एक युवक ने कहा कि मुझे इस वारदात की खबर शनिवार तड़के ही पहुंची। मैं नानवाई से रोटी लेने गया था।
डर के साये में गुजरी पूरी रात
रऊफ भट नामक एक-एक अन्य नागिक ने कहा कि यह दुखद खबर हमें आज सुबह ही पता चली। दुख हुआ कि इस वारदात में 9 कीमती जानें चली गईं। वहीं नौगाम व इसके साथ सटे इलाकों में रहने वाले लोगों के अनुसार इस घटना के बाद उन्होंने पूरी रात जाग कर गुजारी।
नौगाम पुलिस थाने से चंद मीटर की दूरी पर रहने वाले मोहम्मद अली नामक एक व्यक्ति ने कहा, हम सोने की तैयारी कर रहे थे। हमारे बच्चे सो गए थे। 11:20 पर नींद मेरी आंखों में उतरने ही लगी थी कि अचानक एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई थी।
धमाका इतना तेज था कि हमारा सारा मकान दहल गया। खिड़कियां टूट गईं और खिड़कियों में लगे कांच के शीशे चूर-चूर होकर चारों तरफ बिखर गए। हमें कुछ समझ में नहीं आया कि यह क्या हुआ।
हम सब सहम गए। मैंने जुर्रत कर खिड़की से बाहर देखे तो सामने नौगाम पुलिस थाना जल रहा था। हर तरफ चीखो पुकार थी। मैं पूरी रात बुरी तरह से सहमे अपने बीवी बच्चों को संभालने की कोशिश में लगा रहा।
यह रात हमारे लिए कयामत की रात थी
मुर्तजा याकूब नामक एक अन्य स्थानीय नागरिक ने कहा, यह रात हमारे लिए कयामत की रात थी। धमाका इतना भयानक था कि हमें लगा शायद यह हम सब को निगल जाएगा। उसके अनुसार उनके पूरे घर में धुआं और बारूद की गंध थी। मुर्तजा ने कहा, धमाके की आवाजें थमते ही हमारे परिवार के लोगों ने एक दूसरे को यह देखने के लिए झंझोड़ दिया कि हम वाकई जिंदा है या नहीं।
वहीं मैंने यह खबर सुनी। मोहम्मद लतीफ नामक एक अन्य स्थानीय नागरिक ने कहा कि मुझे भी इस घटना के बारे में शनिवार सुबह ही पता चला। मेरी आदत है कि मैं नींद से जागते ही अपने सिरहाने रखा अपना फोन चेक करता हूं। आज नींद से जाग जैसे ही मैंने अपना फोन चेक किया तो सोशल मीडिया पर मैंने इस घटना की भयानक तस्वीरें देखी। मैं सुन रह गया। अभी तक सदमे में हूं।
इस घटना के बाद से नौगाम व आसपास के इलाकों में दहशत है। जबकि घटना के मद्देनजर समूची घाटी विशेषकर श्रीनगर शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। नौगाम इलाके विशेषकर पुलिस थाना के भीतर आने वाले एक किलोमीटर तक अहतियातन तारबंदी कर दी गई है जबकि वहां आसपास सिथत मकानों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सेनाटाइज भी किया गया है।
विस्फोट से घरों को भारी नुकसान, करोड़ों की संपत्ति क्षतिग्रस्त
नौगाम पुलिस स्टेशन के अंदर देर रात हुए एक विस्फोट से पूरे इलाके में भीषण सदमे की लहर दौड़ गई, जिससे कम से कम दो दर्जन से अधिक रिहायशी घरों को भारी नुकसान हुआ। पुलिस स्टेशन के पास रहने वाले स्थानीय लोगों ने बताया कि विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि उन्हें लगा कि उनके घर ढह गए हैं।
परिवारों ने बताया कि घरों को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें टूटी खिड़कियां, टूटे हुए अंदरूनी हिस्से, छत के पैनल उखड़ गए और रसोई की अलमारियाँ ढह गईं। प्रभावित लोगों ने कहा कि नुकसान करोड़ों में है। आवासीय ढांचों पर असर कई कमरों में दिखाई दे रहा था, दीवारें टूट गईं, फर्नीचर नष्ट हो गया और घरेलू उपकरण मलबे में तब्दील हो गए।
छत के कुछ हिस्से ढह गए, खिड़कियों के शीशे उड़ गए
स्थानीय लोगों ने बताया कि अचानक हुए धमाके से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और दहशत फैल गई, जिससे परिवारों को अंधेरे में ही बाहर निकलना पड़ा। घटना में नौगाम पुलिस स्टेशन को भी काफ़ी नुकसान हुआ है। इमारत के कई हिस्से खंडहर में तब्दील हो गए हैं, जिनमें निरीक्षण कक्ष और आस-पास के कार्यालय शामिल हैं जहां ज़ब्त सामग्री रखी गई थी। छत के कुछ हिस्से ढह गए, खिड़कियों के शीशे उड़ गए और कार्यालय उपकरण नष्ट हो गए।

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